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    आपका पत्र मिला 2015-01-07
    2015-01-14 14:08:21 cri

     

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    मीनू:सभी श्रोताओं को आपकी नई दोस्त मीनू का भी प्यार भरा नमस्कार। इस बार से मैं भी आपका पत्र मिला प्रोग्राम पेश करूंगी।

    अनिलः मीनू जी आपका पत्र मिला प्रोग्राम में आपका स्वागत है।

    मीनूः धन्यवाद, अनिल जी। वैसे श्रोता मेरी आवाज़ से जरूर परिचित होंगे, क्योंकि मैं पहले भी उनसे रूबरू हो चुकी हूं।

    अनिलः मीनू आपकी आवाज़ में इतनी मिठास जो है, श्रोता भला कैसे भूल सकते हैं।

    मीनू---हंसते हुए धन्यवाद।

    अनिल:चलिए अब आगे बढ़ते हैं, साल 2015 का पहला प्रोग्राम है। आज भी हमेशा की तरह हमें कई श्रोताओं ने ई-मेल और ख़त भेजे हैं। नए साल में आप सभी श्रोताओं का एक बार फिर से स्वागत करते हैं।

    चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। आज का पहला खत भेजा हैं छत्तीसगढ़ से चुन्नीलाल कैवर्त ने। उन्होंने लिखा हैं चाइना रेडियो इंटरनेशनल,हिन्दी सेवा के सभी दोस्तों को मेरी और मेरे क्लब के सभी साथियों की ओर से प्यार भरा नमस्कार। साथ ही नये वर्ष 2015 की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनायें l आशा है,आप सब सकुशल एवं मंगलमय होंगे l दोस्तों, वर्ष 2014 अब कुछ ही दिनों का मेहमान है और अब हम नये साल 2015 के स्वागत की तैयारी में हैं l लेकिन 2014 को विदाई देने से पहले यह जान लें कि यह साल चीन भारत दोस्ती के लिए कितना महत्वपूर्ण रहा l पिछले 17 से 19 सितम्बर तक चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने भारत की यात्रा कीl इस यात्रा से दोनों देशों के लोगों की मैत्री बढ़ी और राजनीति, अर्थव्यवस्था, व्यापार एवं संस्कृति आदि क्षेत्रों में दोनों देशों के सहयोग व आदान-प्रदान मजबूत हुआ है l शी चिनफिंग ने कहा कि चीन और भारत को हाथ में हाथ डालकर साझा विकास करना चाहिए।तब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत व चीन के विकास लक्ष्य लगभग एक समान हैं और दोनों देशों को आपसी सहयोग बढ़ाना चाहिए। चीन व भारत एक दूसरे के लिए अहम पड़ोसी देश है। सहयोग बढ़ाते हुए समान विकास करना दोनों देशों और दोनों देशों के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण और जरूरी है।चीनी उप-राष्ट्रपति के निमंत्रण पर भारत के उप-राष्ट्रपति जनाब हामिद अंसारी जून में चीन के दौरे पर गये। उन्होंने 28 जून को पेईचिंग में चीन-भारत के बीच हुए पंचशील संधि के 60 वर्ष पूरे होने की स्मृति में आयोजित विशेष समारोह में हिस्सा लिया।

    मीनू:चुन्नी लाल जी आगे लिखते हैं नया साल 2015 भी चीन और भारत की जनता के लिए खास साल है l हम सभी जानते हैं कि पहली अप्रैल 1950 को चीन और भारत के बीच राजनयिक संबंध की औपचारिक स्थापना हुई। चीन स्थित भारत के पहले राजदूत के.एम.पाणिकर ने उसी साल 20 मई को चीनी राष्ट्राध्यक्ष माओ त्स-तुंग को अपना परिचय पत्र दिया था l यानि वर्ष 2015 में चीन-भारत के बीच राजनयिक संबंध की 65 वीं वर्षगाँठ शानदार ढंग से मनायी जायेगी l इस प्रकार नये साल में दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान से लेकर विविध प्रकार की यादगार और मैत्रीपूर्ण गतिविधियाँ आयोजित की जायेंगी lनिश्चित रूप से अपना प्यारा और नंबर वन रेडियो स्टेशन सी आर आई दोनों देशों के बीच मैत्री पुल का निर्माता बनकर अपने श्रोताओं एवं नेटीजनों को पल पल की वास्तविक और प्रमाणित जानकारी उपलब्ध करवाएगा l जैसा कि पिछले 55 सालों से सी आर आई,हिन्दी सेवा मीडिया के क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता बनायी हुई है lआशा है,सी आर आई ,हिंदी सेवा की 55 वीं वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर श्रोताओं के लिए ज्ञान प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी।

    अनिल:पिछले साल की जानकारियों और नए साल की उम्मीदों के साथ आपने जो खत भेजा है, उसके लिए आपका शुक्रिया। उम्मीद करते हैं कि इस साल चीन और भारत की मैत्री और मजबूत होगी और श्रोताओं का प्यार भी हमें यूं ही मिलता रहेगा।

    दोस्तो, अब पेश है अगला खत। जो आया है आरा बिहार से राम कुमार नीरज का। लिखते हैं कि हाल ही में आपकी साइट पर भारत और चीन आदान-प्रदान के नये प्रस्थान पर खड़े हैं : प्रणव मुखर्जी पर रिपोर्ट पढ़कर अपनी बात आप तक पहुँचाने को बैठ गया। प्रस्तुत रिपोर्ट के माध्यम से भारत चीन संबंधों के नए आयाम पर भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा 15 दिसंबर को भारत-चीन संबंधों में चौतरफा विकास होने की बात बेहद बेहद रुचिकर लगी।

    इसके आधार पर भारत चीन संबंधों को एक नए नजरिये से देखने का मौका मिलता है। निसंदेह दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी भारत और चीन में रहती है.दोनों विकासशील देश हैं. इनकी समस्याएं भी एक जैसी हैं। 1962 के बाद स्थितियां काफी बदली हैं। भारत एक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है. दुनिया में भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है. यह दुनिया के लिए एक बड़ा बाजार है. चीन भी समझता है कि व्यापार के लिहाज से भारत आज उसकी जरूरत है. यही वजह है कि वह संवाद बनाए रखना चाहता है।

    मीनूः वे आगे लिखते हैं कि दोनों देशों के बीच हर साल शिखर वार्ताएं होती हैं. अब चीनी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल के वार्ताओं ने दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन को बढ़ने के साथ-साथ, भारत की भागीदारी को भी बढ़ाया है। जिस तरह से दोनों की बातचीत हुई, उससे इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि दोनों देशों के बीच जो मुद्दे हैं उन पर गंभीरता से विचार विर्मश हुआ है। दोनों देश विवादित मुद्दों को सुलझाने की दिशा में आगे बढ़ने पर गंभीर हैं यह किसी को बताने की जरुरत नहीं है. जबसे नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं चीन ने विवादित मुद्दों को हल करने में गंभीरता दिखाई है। एक अच्छी प्रस्तुति का आप सबको शुक्रिया.धन्यवाद।

    अनिल:धन्यवाद- रामकुमार जी। .......

    अगला पत्र आया है केसिंगा ओड़िशा से हमारे मॉनीटर सुरेश अग्रवाल जी का। उन्होंने लिखा है.... दिनांक 1 जनवरी। साल के पहले दिन आप सभी को नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ! दिनचर्या का अटूट हिस्सा बन चुके सीआरआई हिन्दी के ताज़ा प्रसारण को प्रतिदिन की तरह मैंने आज भी अपने तमाम मित्रों और परिजनों के साथ मिलकर अपने निवास पर शाम साढ़े छह बजे शॉर्टवेव 9450 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर स्पष्ट रिसैप्शन के साथ सुना और अब मैं उस पर अपनी त्वरित प्रतिक्रिया के साथ आपके समक्ष पेश होने साइबर कैफे पहुँच गया हूँ। संचार और बिजली ने साथ दिया तो कुछ ही क्षणों में यह रिपोर्ट आपके हाथों में होगी। बहरहाल, आज के ताज़ा समाचारों में नव-वर्ष का ज़श्न मनाते समय शांगहाई के मशहूर पर्यटन स्थल वाई खान में भगदड़ के कारण हुई 38 लोगों तथा अफ़ग़ानिस्तान के हेलमंद प्रान्त में एक शादी समारोह में बम विस्फोट से हुई मौतों के बारे में जान कर बहुत दुःख हुआ। संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक समवेदना।

    मीनू:आगे सुरेश भाई लिखते हैं... समाचारों के पश्चात सीआरआई निदेशक वांग कांग नियन के नव-वर्ष 2015 के सन्देश को भी हमने ध्यानपूर्वक सुना। बीते वर्ष की तमाम गतिविधियों का ज़िक्र करते हुये उन्होंने आने वाले समय में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुये प्रसारण की गुणवत्ता में होने वाले सुधारों का भी उल्लेख किया, जो कि काफी महत्वपूर्ण लगा। हमें पूरा विश्वास है कि वर्ष 2015 में होने वाले परिवर्तनों का असर प्रसारण पर अवश्य दिखलाई पड़ेगा। श्रृंखला "पश्चिम की तीर्थयात्रा" की आज की कड़ी में आखिरकार महामनीषी वानर ने मठाधीश की अक्ल ठिकाने लगा ही दी। पहले कहाँ तो वह मठ में प्रवेश की अनुमति भी नहीं देता था और बाद में सान चांग आदि गुरु-शिष्यों के लिये शाकाहारी भोजन, सोने के लिये पलंग और अश्व के लिये घास का प्रबन्ध करने को बाध्य हो गया। किसी ने सच ही कहा है कि -भय बिन होय न प्रीत ! धन्यवाद।

    अनिल:दोस्तों, अब मेरे हाथ में, जो अगला पत्र है वह आया है जमशेदपुर, झारखंड से एस.बी.शर्मा का। उन्होंने लिखा है...चीन की झलक कार्यक्रम में प्राचीन रेशम मार्ग जो पुराने समय में चीन व पश्चिम के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदान का मुख्य रास्ते पर विस्तार से जानकारी दी गई I रेशम मार्ग का इतिहास बहुत पुराना और विस्तृत था I

    रेशम मार्ग पुराने समय में यूरोप व एशिया की मुख्यभूमि को जोड़ने वाला प्रमुख व्यापारिक मार्ग था I जिसने यूरोप, एशिया व अफ्रीका के विभिन्न देशों व चीन के बीच मैत्रीपूर्ण आवाजाही को बढ़ाया था। रेशम मार्ग के जरिए प्राचीन चीनी संस्कृति, भारतीय संस्कृति, फ़ारसी संस्कृति, अरबी संस्कृति, प्राटीन ग्रीस संस्कृति व रोमन संस्कृति को सूत्रबद्ध कर दिया गया। पूर्वी व पश्चिमी सभ्यताओं के आदान प्रदान व विकास को भी आगे बढ़ाया गया था। इस लेख को सुनने से रेशम मार्ग के महत्व के विषय में पता चला। रेशम मार्ग के जरिए विदेशों में चीनी संस्कृति का प्रसार हुआ था और दुनिया चीनी संस्कृति से प्रभावित हुई थी। विशेषकर रेशम,चाय, चीनी मिट्टी बर्तन एवं चार आविष्कारों सहित चीनी संस्कृति का विश्व संस्कृति पर अहम प्रभाव पड़ा था।

    प्राचीन रेशम मार्ग ने एक तरफ चीन सहित एशियाई देशों की संस्कृति को पश्चिमी देशों तक पहुचाया वहीं आर्थिक विकास में अहम योगदान निभाया। थल और जल रेशम मार्ग का रास्ता बहुत ही व्यापक था I बड़ी मात्रा में व्यापार इसी रास्ते होता था। पर कालांतर में यह विलुप्त हो गया I चीन सरकार जल और थल दोनों ही रेशम मार्गो को बनाने और चालू करने का प्रयास कर रही है। उम्मीद है रेशम मार्ग के पुराने दिन वापस आयेंगे वही काम और नाम आज के रेशम मार्ग को भी जल्द हैं प्राप्त होगा I रेशम मार्ग फिर व्यापार और सांस्कृतिक आदान प्रदान का मुख्य मार्ग बनेगा। रेशम मार्ग पर विशेष आलेख प्रस्तुत करने के बहुत बहुत बधाई I

    मीनू:अगला पत्र भेजा है पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल जी ने। उन्होंने पत्र भेजकर हमें नववर्ष की बधाई दी। उन्होंने लिखा है। प्रिय सी आर आई हिन्दी परिबार , खुशियाँ मिलेँ भरपुर आपको / धन से भी होँ मालामाल / जो भी चाहेँ मिले आपको / मुबारक हो यह नया साल / आप स्वस्थ -सुखी-समृद्ध सम्पन्न और / सदा सक्रिय रहेँ , यही कामना है । सान्याल जी आप को भी नव वर्ष की शुकभामनाएं। हमें पत्र भेजने पर आप का बहुत बहुत धन्यवाद।

    अनिल:दोस्तो, पश्चिम बंगाल से ही रविशंकर बसु ने ई-मेल के जरिए हमें एक विशेष लेख भेजा है।इसके लिए रविशंकर जी का बहुत-बहुत शुक्रिया। सुनते हैं कि रविशंकर ने क्या लिखा है।

    मेरी नज़र में वर्ष 2014 में सीआरआई हिन्दी कार्यक्रम तथा चीन और भारत के बीच- द्विपक्षीय संबंधों का नया आयाम

    सादर नमस्कार। वर्ष 2014 को अलविदा कहने के साथ ही नववर्ष 2015 के स्वागत का समय धीरे-धीरे करीब आ रहा है। अंग्रेजी नववर्ष के शुअवसर पर मैं स्वयं और हमारे न्यू हराइज़न रेडियो लिस्नर्स क्लब के सभी सदस्यों की ओर से चाइना रेडियो इंटरनेशनल- हिन्दी परिवार के समस्त कर्मचारियों को साथ ही सभी सुधी श्रोता मित्रों को अंग्रेजी नववर्ष-2015 की हार्दिक बधाई देता हूं!

    सबसे पहले मैं यह कहना चाहूंगा कि इस समय वास्तव में चाइना रेडियो इंटरनेशनल दुनिया के सबसे बड़ी प्रसारण सेवा बन चुका है और मैं तो इसे दुनिया के नंबर वन मानता हूं। मीडिया दोनों देशों के बीच,पूरे विश्व के बीच एक बहुत बड़े सेतु का काम करता है और यही काम करता है-चाइना रेडियो इंटरनेशनल। सीआरआई ही एक मात्र मीडिया है,जो दोनों देशों के बीच में क्या हो रहा है,वास्तविक स्थितियों को श्रोताओं तक पहुंचाता है। सीआरआई की वेबसाइट तो इतनी आकर्षक है,इतनी ज्ञानवर्धक है कि आप उसमें जितना भी पढ़ते जायें,एक से एक बढ़ करके सूचनाप्रद,शिक्षाप्रद जानकारियां ज़रूर मिलती हैं।

    अब मैं 2014 साल में चीन और भारत में जो जो महत्वपूर्ण घटनायें घटी उसके बारे में दो -चार बात बोलना चाहता हूं।

    सीआरआई के हिन्दी कार्यक्रम के माध्यम से मैंने चीन को काफी नजदीक से देखा।मेरे साथ साथ सभी श्रोताओं को मालूम है,विशेषकर सीआरआई के जितने भी श्रोता हैं ,सभी जानते हैं कि 2014 में चीन में विशेष रूप से कुछ महत्वपूर्ण घटनायें हुईं। एक तो है पिछले मार्च महीने में चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन यानी सीपीपीसीसी की 12वीं राष्ट्रीय समिति का वार्षिक सम्मेलन पेइचिंग में आयोजित हुआ। जिसमें चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग,प्रधानमंत्री ली खछ्यांग जैसे नेता उपस्थित हुए। उन्होंने युन्नान प्रांत की राजधानी खुनमिंग में हुए आतंकी हमले में मृतकों के प्रति शोक व्यक्त किया।इस सम्मलेन में यह भी देखा कि उन्होंने लोकतांत्रिक निगरानी मज़बूत करने के लिए संकल्प लिया ।

    पिछले साल 24 अक्तूबर को चीनी चंद्र-अन्वेषण परियोजना की वापसी उड़ान का परीक्षण सफल हुआ और 1 नवंबर को यह चीनी मानवरहित परीक्षण यान धरती पर वापस लौट आया। इसके साथ ही चीन पूर्व सोवियत संघ और अमेरिका के बाद इस प्रकार के मिशन को अंजाम देनेवाला दुनिया का तीसरा देश बना। पिछले नवंबर महीने में 22वीं एपेक शिखर बैठक पेईचिंग में आयोजित हुई। जिसकी अध्यक्षता चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने की।

    इस वर्ष खेल जगत में भी चीनी खिलाड़ियों ने बड़ी उपलब्धि पाई। दक्षिण कोरिया में आयोजित 17वें इंचियोन एशियाड में चीन 151 स्वर्ण पदक सहित कुल 343 पदक जीतकर पदक तालिका में पहले स्थान कब्ज़ा किया। साथ ही साथ मैं उल्लेख करना चाहूंगा कि भारत ने एशियाई खेलों में कुल 57 पदक जीते हैं। जिनमें 11 स्वर्ण,9 रजत और 37 कांस्य पदक शामिल हैं।

    जहां तक चीन-भारत संबंधों की बात है तो 2014 साल में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने 8 जून को भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ नई दिल्ली में मुलाकात की। मुझे लगता है यह कदम भारत की नयी सरकार और चीन के साथ संबंधों को बड़ा महत्व देगी और द्विपक्षीय संबंधों को नये स्तर पर पहुंचाएगी। इसके ज़रिये सांस्कृतिक आदान प्रदान के साथ साथ उच्च स्तरीय आवाजाही बनाए रखने के लिए रणनीतिक संपर्क भी मजबूत होगा।

    मीनू: बसु भाई आगे लिखते हैं कि इससे चीन और भारत के द्विपक्षीय संबंध एक नये स्तर पर पहुँच गए जब चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने 17 से 19 सितंबर तक भारत की यात्रा की। मैं मानता हूं कि शी चिनफिंग की भारत यात्रा न सिर्फ दोनों देशों की,बल्कि एशिया,यहां तक कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। चीन और भारत मैत्रीपूर्ण संबंधों के बारे में और एक गतिबिधि का मैं उल्लेख करना चाहूंगा,जिसको मैं हमारे दोनों देशों के बीच मजबूत दोस्ती का प्रतीक मानता हूं। वह है पिछले 5 नवंबर से 2 दिसंबर तक भारतीय युवा दल का चीन का दौरा ।इस बार की 9 दिवसीय यात्रा से भारतीय युवा दल को चीन के पेइचिंग,शानतुंग एवं शांगहाई शहरों का दौरा करने का मौका मिला। और वहाँ पर उन लोगों को अच्छी-अच्छी जगह देखने को मिली। और उन्हें चीन की संस्कृति और विकास के बारे में पता चला। ख़ासकर चीनी युवाओं के साथ सांस्कृतिक आदान प्रदान भी हुआ। इस प्रकार से चीन-भारत मैत्री की दिशा में इस आयोजन को मैं महत्वपूर्ण मानता हूं। इस से दोनों देशों के युवाओं के बीच आपसी समझ बढ़ेगी,मैत्री बढ़ेगी तथा चीन और भारत को समझने में मदद मिलेगी। निश्चित रूप से भारतीय और चीनी युवाओं ने एक दूसरे देश जाकर के बहुत कुछ सीखा है।

    इन सभी गतिविधियां के बारे में सीआरआई ने अपने रेडियो प्रसारण के साथ साथ वेबसाइट के ज़रिये हम सभी श्रोताओं को पूरी जानकारी दी और पूरी खबर पहुंचाई,जो अद्भुत और बेमिसाल हैl इसके लिए मैं चाइना रेडियो इंटरनेशनल को न्यू हराइज़न रेडियो लिस्नर्स क्लब की ओर से बधाई और धन्यवाद देना चाहूंगा। नमस्कार।

    अनिल:दोस्तो, नये साल के मौके पर तमाम श्रोताओं ने हमें बधाई संदेश भेजे हैं। इनमें रायपुर से अशोक बजाज, दिल्ली से अमीर अहमद, बिहार से डा. हेमंत कुमार, पश्चिम बंगाल से कुमार घोषाल, कोलकाता से Khokan Naskar, दिल्ली से मोहम्मद शाहिद आज़मी, पश्चिम बंगाल से मनीषा चक्रवर्ती, पश्चिम बंगाल से देबाशीष गोप और उत्तर प्रदेश से मोहम्मद सादिक आजमी, पश्चिम बंगाल से woman listener club की puspo maitra और बिहार से Anamica Radio Shrota Club आदि ने भी हमें नव वर्ष की शुभकामनाएं दी। समय की वजह से हम सभी श्रोताओं के पत्र शामिल नहीं कर पा रहे हैं लेकिन हमारे कार्यक्रम सुनने और पत्र भेजने के लिए हम आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद।

    मीनू:अब सुनिए हमारे श्रोता बद्री प्रसाद वर्मा के साथ हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और मीनू को आज्ञा दीजिए, नमस्कार

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