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लीथांग काउंटी दक्षिण-पश्चिम चीन के स्छ्वान प्रांत के कानची तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर के दक्षिण-पश्चिम भाग में स्थित है। काउंटी का मुख्य क्षेत्र समुद्र की सतह से 4000 मीटर ऊंचा है, इसलिए लीथांग काउंटी को दुनिया का सबसे ऊंचा शहर भी कहा जाता है। हम सब जानते हैं कि भौगोलिक ऊंचाई और जीवित वनस्पति की संख्या में प्रतिलोम रिश्ता होता है। इसलिए लीथांग काउंटी में वनस्पति और ऑक्सीजन की कमी है। चाइना रेडियो इन्टरनेशनल का संवाददाता दल एक लम्बी यात्रा के बाद यहां पहुंचा है।
लीथांग वासी पीढ़ी दर पीढ़ी इस चरागाह में खेती और पशुओं को चराते हैं। लेकिन भूमि के मरुस्थलीकरण से चरागाह को नुकसान पहुंचा है। मूल्यवान भूमि संसाधन को मरुस्थलीकरण होने से रोकने के लिए लीथांग वासियों ने पूरजोर कोशिश करने का फैसला किया हैं। स्थानीय पर्यावरण संरक्षण विभाग के कर्मचारी ने हमें संबंधित स्थिति के बारे में बताया।
जो व्यक्ति हमें बता रहा है, वह एक तिब्बती बूढ़ा रोची है। मरुस्थलीकरण रोकने से लीथांग में हुए परिवर्तन की चर्चा में 60 वर्ष से अधिक उम्र वाला रोची बहुत उत्साहित है।
रेगिस्तान को नियंत्रित करने की स्थिति बताने के बाद रोची ने हमें अपने घर आने के लिए आमंत्रित किया। उसने चरवाहों का जीवन सुधारने में सरकार की कोशिशों और उसके जीवन में आये बदलाव के बारे में विस्तार से बतलाया।
इंटरव्यू के दौरान अमेरिकी संवाददाता पाई च्यांग रोची के बच्चे को नमस्ते बोलना चाहता है।
बच्चे का मासूम चेहरा और रोची के मुस्कान से हम मरुस्थलीकरण रोकने से रोची के जीवन में आये परिवर्तन को भली-भांति देख सकते हैं। रोची की तरह हजारों परिवारों ने मरुस्थलीकरण होने से बचाने में अपना योगदान दिया और लाभ के भागीदार बने। इस तरह से लीथांग काउंटी में पारिस्थितिकी पर्यावरण में सुधार हो रहा है। आकाश में उड़ती रेत का दृश्य धीरे-धीरे अब हरे भरे चरागाह में बदल रहा है। अच्छा वातावरण कायम रखने के लिए लीथांग वासियों को निरंतर कोशिश की जरूरत है। विश्वास है कि कुछ समय बाद जब हम एक बार फिर यहां आएंगे, तब एक और सुन्दर ऊंचा शहर देख सकेंगे, वह है लीथांग।