zfys
|
शरद ऋतु के शुरूआती दिनों में यूसू तिब्बती स्वायत्त प्रीफेक्टर का तापमान अभी भी कम है और पहाड बर्फ से ढका हुआ है। यह दक्षिण-पश्चिमी छिंगहाई प्रांत के छिंगहाई-तिब्बत पठार की तीन नदीयों के शीर्ष पर स्थित है और औसत ऊंचाई 4200 मीटर से ऊपर है। इस स्थान को नदियों का स्रोत, पहाड़ का पूर्वज, याक भूमि, नाच-गान का गृहनगर और चीनी टॉवर माना जाता है।
14 अप्रैल 2010 को छिंगहाई प्रांत के यूसू तिब्बती स्वायत्त प्रीफेक्टर में भारी भूंकप आया, जहां बहुत से मकान क्षतिग्रस्त और बरबाद हो गये।
चार सालों के बाद यूसू में भारी परिवर्तन आया है। जहां पहले नीले रंग के राहत शिविर और फट्टों के मकान थे, वहां तिब्बती शैली में बनी नयी-नयी और ऊंची इमारत बन चुकी हैं। नये रास्ते बन चुके हैं और और जातीय स्कूल आदि सार्वजनिक भवनों का निर्माण हुआ हैं।
चाइना रेडियो इंटरनेशनल के देसी-विदेशी संवाददाता इस सुंदर यूसू का दौरा किया। फ्रांस के ल्यू तो और नेपाल के लक्ष्मी इतने सुंदर दृश्यों को कैमरे में कैद करने से अपने आपको रोक नहीं सकें।
पढ़ाई व कक्षा की आवाजें यूसू की सड़कों पर सुनाई पड़ती है, जो सुनने में बहुत उत्तेजित करती हैं। यहां यूसू प्रीफेक्चर का होंगची स्कूल है, जो 2010 में आये भूकंप के बाद इसे फिर से बनाया गया है। हम यहां विशेष तौर पर इस स्कुल का दौरा किया और तिब्बती भाषा की कक्षा देखी।
यह स्कूल एक द्विभाषीय स्कूल है। छात्र न केवल तिब्बती भाषा सीखते हैं, बल्कि हान भाषा भी सीखते हैं। अध्यापकों ने हमें बताया कि स्कूल में हर हफ्ते तिब्बती और हान भाषा की 6-6 कक्षाएं होती हैं।
यह 10 वर्षीय छोटी लड़की सोनानबाचांग बहुत अच्छी हान भाषा बोलती हैं। उसके मॉ-बाप उसे हान भाषा सीखने को प्रोत्साहित करते हैं, क्योंकि तिब्बती बच्चों के लिये एक और भाषा सीखने का अर्थ होता है और अधिक अवसरों का मिलना। भविष्य में ये बच्चे संभवतः तिब्बती क्षेत्रों से चीन के अन्य क्षेत्र जाएंगे, तब आवाजाही के लिये हान भाषा का प्रयोग किया जाएगा।
अध्यापकों ने हमें बताया कि बाकी बच्चों को सोनानबाचांग की तरह तिब्बती भाषा और हान भाषा दोनो आती है। वे घर में माता-पिता के साथ तिब्बती भाषा में बातचीत करते है, जबकि स्कूल में और हान जातीय दोस्तों के साथ हान भाषा में बातचीत करते हैं।
इस द्विभाषीय स्कूल में अंग्रेजी और खेल की कक्षाएं भी होती हैं। बच्चों के लिये ये सब सीखना आसान नहीं है, पर हम व्यवस्थित लर्निंग व्यवस्था से छात्रों की इच्छाशक्ति और आशा देख सकते हैं।
प्रत्येक यूसू वासियों ने अपने हाथों और बुद्धि से एक नये यूसू की स्थापना की है। वे आशावान भूमि पर गर्व से आगे बढ़े हैं।