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    मध्य चीन के हू पेह प्रांत के शन नोंग चा का दौरा
    2014-12-16 13:15:13 cri

    शायद आप को मालूम नहीं हुआ होगा कि मध्य चीन के हू पेह प्रांत में शन नों चा नामक एक आदिम जंगल बहुत नामी है । इस क्षेत्र में मानव जाति का नामोनिशान होने के कारण प्राकृतिक पारिस्थितिकी का संरक्षण बड़े ढंग का है , अतः वह चीन की जंगली जानवरों व वनस्पति संसाधन की एक अहम नीधि जाना जाता है । 

    शन नोंग चा आदिम जंगल चीन की जंगली जानवरों व वनस्पति संसाधन की नीधि कहने लायक है , क्योंकि तीन हजार से अधिक वर्गकिलोमीटर विशाल के क्षेत्रों में चार हजार सात सौ से अधिक किस्मों वाले जानवर व वनस्पति उपलब्ध है , जिन में राष्ट्रीय प्रमुखता प्राप्त संरक्षित जानवरों की किस्में 60 से ज्यादा हैं ।

    गत सदी के 70 वाले दशक के शुरु में यहां के आदिम जंगल की अंधाधुंध कटाई की गयी , जिस से यहां की पारिस्थितिकी स्थिति गम्भीर रूप से बरबाद हुई और जंगली जानवरों के अस्तित्व के लिये बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया । इस आदिम जंगल की परिस्थितिकी स्थिति में आयी बिगाड़ पर चीन सरकार और संबंधित विशेषज्ञों का ध्यान गया हुआ है और मार्च 2000 में शन नों चा आदिम जंगल में प्राकृतिक जंगल परिरक्षित परियोजना शुरु होकर कटाई पूरी तरह मना कर दी गयी । पिछले सात वर्षों के सर्वांगीण संरक्षण के जरिये शन नों चा क्षेत्र में वन रोपण का क्षेत्रफल 88 प्रतिशत तक पहुंच गया , इस क्षेत्र के केंद्रीय इलाके में वन रोपण का क्षेत्रफल 96 प्रतिशत से अधिक हो गया है । शन नों चा आदिम जंगल क्षेत्र की परिस्थितिकी स्थिति में आये बदलाव से यहां के जंगली जानवरों को फिर अनुकूल पर्यावरण उपलब्ध होने लगा है । इस आदिम जंगल के संरक्षण में कार्यरत कर्मचारी सुश्री च्यांग लिंग लिंग को यहां काम किये हुए अनेक साल हो गये हैं । उन्हों ने इस का परिचय देते हुए कहा

    सन 2000 के बाद प्राकृतिक जंगल की परिरक्षित परियोजना लागू किये जाने के बाद यहां कि पारिस्थितिकी स्थिति में भारी परिवर्तन हुए हैं , अब यहां के किसी भी पर्वत पर बंदरों , लाल पेट वाले जंगली मुर्गों और जंगली भेड़ बकरियों जैसे जंगली जानवर झुंट में झुंट दिखाई देते हैं , साथ ही यहां के पर्वत पहले से काफी हरे भरे हुए हैं और पानी फिर साफसुथरा व स्वच्छ नजर आने लगा है । शन नोंग चा प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र की सरकारी अधिकारी छ्येन य्वान खुन ने इस की चर्चा में कहा

    शन नोंग चा प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र ने पारिस्थितिकी संरक्षण को बखूबी अंजाम देने की पूर्वशर्त में पहाड़ी क्षेत्र में निहित सनसाधनों के सहारे चीनी जड़ी बूटियों के विकास और मधुमक्खियों के पालन जैसे धंधों पर ज्यादा जोर दिया है , जिस से हमारे जंगल फार्म के कर्मचारियों की आमदनी में खासा बड़ा इजाफा हुआ है ।

    इसी प्रकार के प्राकृतिक उत्पादन तौर तरीके से शन नोंग चा जंगल क्षेत्र में पारिस्थितिकी कृषि को बढ़ावा मिला है , अब इस क्षेत्र के 81 प्रशासनीक गांवों में 35 गांवों ने पारिस्थितिकी गांव का रूप ले लिया है । जड़ी बुटियों की उगाई और पशुपालन जैसे धंधों के अतिरिक्त यहां विशेषता वाला परिस्थितिकी पर्यटन कार्य भी विकसित हो गया है ।

    शन नोंग चा प्राकृतिक परिरक्षित पर्यटन क्षेत्र हरे भरे पर्वतों से घिरा हुआ है , गर्मियों में यहां ज्यादा गर्मी होने के बजाये पहाड़ी ठंडी हवा चलती है और यह गर्मियों से बचने वाली अच्छी जगह है । इतना ही नहीं , जब पर्यटक घने जंगल में घूमते हैं , तो विभिन्न प्रकार वाले जंगली जानवरों की आवाज और घाटियों से गुजरने वाले सरिताओं की कल कल कर बहने की आवाज सुनाई पड़ती है । इधर सालों में इसी जंगल क्षेत्र में चार बड़े पर्यटन स्थल कायम हुए हैं , पर्यटकों की संख्या हर वर्ष में 6 लाख से अधिक है । मू यू कस्बे का पर्यटन कार्य काफी विकसित है , ज्यादादर पर्यटक यहां आना पसंद करते हैं और इस कस्बे के अधिकांश गांववासी पर्यटन कार्य और पर्यटन कार्य से जुड़े धंधों में जुट गये हैं । मू यू कस्बे के शन नोंग चा होटल के मालिक ली शह खाई ने हमारे संवाददाता से कहा

    हमारे शन नोंग चा पर्यटन क्षेत्र में पारिस्थितिकि पर्यटन के विकास के चलते यहां की स्थिति उत्तरोत्तर उम्दा होती जा रही है , विशेषकर पहली मई अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के उपलक्ष में साप्ताहिक छुट्टियां मनाने के लिये बहुत से पर्यटक हमारे यहां आना ज्यादा पसंद करते हैं , इसे ध्यान में रखकर पर्यटकों को और नजदीगी से यहां की बेमिसाल पारिस्थितिकि महसूस करने देने के लिये हम ने कर्ज पर एक छोटा सा कृषि फार्म कायम कर लिया , जिस से इधर सालों में हमें पर्यटन कार्य से प्राप्त आय साल ब साल बढ़ती गयी है ।

    निस्संदेह , पर्यटन कार्य के उत्थान के चलते शन नोंग चा पर्यटन क्षेत्र के वासियों को ज्यादा लाभ मिल गया है , पर इस से शन नोंग चा पर्यटन क्षेत्र के जंगलों की पारिस्थितिकि पर्यावरण पर भारी दबाव पड़ा है । पारिस्थितिकि पर्यावरण की तुलना में प्राकृतिक लाभ स्वभावतः जितना महत्वपूर्ण नहीं रहा है , मानव जाति के अनुकूल पारिस्थितिकि पर्यावरण और मूल्यमान जंगली जानवरों व वनस्पति के संरक्षण पर स्थानीय सरकार की कड़ी निगाह टिकी हुई है । शन नोंग चा जंगल क्षेत्र की सरकार के अधिकारी छ्येन य्वान खुन ने इस का परिचय देते हुए कहा

    उन का कहना है कि हम ने शन नोंग चा पर्यटन स्थल के आर्थिक व सामाजिक कार्यों के विकासक्रम में हमेशा से पारिस्थितिकि पर्यावरण के संरक्षण को प्रधानता पर दे दिया है और आर्थिक विकास व प्राकृतिक संरक्षण के बीच उत्पन्न अंतरविरोधों का उचित रूप से समाधान कर लिया है ।

    समूचे शन नोंग चा पर्यटन स्थल में बसे एक हजार से अधिक जंगली जानवरों के समुचित बंदोबस्त और यहां के बेहतरीन पारिस्थितिकि वातारण की पुनः बहाली के लिये जनवरी से मार्च 2006 तक यह विशाल पर्यटन क्षेत्र को सुनियोजित किया गया औप पर्यटकों का सत्कार भी बंद कर दिया गया । हालांकि ऐसा कदम उठाये जाने से पर्यटकों के लिये असुविधाएं उत्पन्न हो गयी है , पर फिर भी इसी तरह का कदम उठाना अनिवार्य है । पिछले अनेक सालों में यहां के पारिस्थितिकि पर्यावरण के संरक्षण पर जोर पकड़ने व इस बार के सुनियोजन के जरिये पर्यटन स्थल के भीतर पारिस्थितिकि पर्यवारण में दिन ब दिन बदलाव आया है और जंगली जानवरों की संख्य़ा भी लगातार बढ़ती गयी है । गत वर्ष में ब्रिटेन के ब्रीज विश्वविद्यालय , अमरीका का हार्फ विश्वविद्यालय और मैक्सिको के वनस्पति उद्यान जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के विशेषज्ञों ने शन नोंग चा पर्यटन स्थल का सर्वेक्षण किया और यहां की वनस्पति विविधता , पारिस्थितिकि संपूर्णता और आदिम जंगलों की खूब तारीफ की।

    उन्हों ने कहा कि हम शन नोंग चा पर्यटन स्थल के पारिस्थितिकि पर्यावारण का संरक्षण करने में सफल हुए हैं , बंदरों की संख्या भी बढ़ती गयी है और उन का दायरा भी विस्तृत हो गया है । आइंदे शन नोंग चा पर्यटन स्थल मानव जाति और प्रकृति का अनुपम सामंजस्यपूर्ण जन्मस्थान का रूप ले लेगा ।

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