Web  hindi.cri.cn
    प्राचीन रेशम मार्ग
    2014-12-15 08:53:24 cri

     


    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    वनिता:सभी श्रोताओं को वनिता का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः आज के प्रोग्राम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    दोस्तो, आज का पहला खत भेजा हैं एसबीएस वर्ल्ड श्रोता क्लब से एस बी शर्मा ने। लिखते हैं कि साप्ताहिक आपका पत्र मिला कार्यक्रम में हमेशा की तरह श्रोताओ के बहुमूल्य राय विचार और सुझाव सुनने को मिला जो बहुत पसंद आया इसी कार्यक्रम में यह जानकारी मिली की रामकुमार नीरज पिछले महीने पटना में एक श्रोता सम्मलेन किये और उन्होंने श्रोताओ से बातचीत और उनके विचार को सी आर आई तक पहुचाया है। जहाँ तक पिछले माह के श्रोता सम्मेलन की बात है यह श्रोता सम्मलेन रेडिओ वेरिटास एशिया हिंदी विभाग द्वारा 26 ऑक्टोबर को आयोजित किया गया था जिसमे रामकुमार नीरज, हेमंत कुमार, दीपक कुमार दास सहित कुछ श्रोताओं ने भाग लिया । इस सम्मेलन की जानकारी मुझे भी दी गई थी और मुझसे इस सम्मलेन में भाग लेने का आग्रह भी किया गया था पर व्यस्थता के कारण मैं इस सम्मेलन में भाग नहीं लिया। चुकी यह श्रोता सम्मेलन सी आर आई का श्रोता सम्मेलन नहीं था इस कारण भी मैं इसमें भाग नहीं लिया यह रेडिओ स्टेशन खास धर्म विशेष का प्रचार करने के लिए हर साल इस तरह का श्रोता सम्मलेन करता है और अवसरवादी श्रोता यहाँ के फोटो ग्राफ को दूसरे रेडिओ स्टेशनों में भेज कर यह बतलातें है की वे उसी रेडिओ सर्विस के लिए श्रोता सम्मेलन का आयोजन किया।

    वनिता:वे आगे लिखते हैं कि सन्डे की मस्ती में फिर एकबार मीनू जी और अखिल जी ने एक से एक नायब घटनाओं का जिक्र किया फेसबुक पर लड़की बन अपने ही पति से चैटिंग करने वाली और की कहानी तो बड़ी मजेदार लगी पर उसने अपनी पति से झगड़ा कर उसे जेल भी भेजवा दिया यह ठीक नहीं हुआ बेचारे पति को नई लड़की तो नहीं मिली पत्नी से भी हाथ दोना पड़ा पोसिटिव सोच रखने के लिए छोटे बच्चे का उदाहरण दे कर समझने के लिए सुनवाई गई आपकी ऑडिओ बहुत अच्छा था चुटकुले तो और भी मजेदार लगे।

    अनिलः दोस्तो, आज का दूसरा खत आया है बिलासपुर छत्तीसगढ़ से चुन्नीलाल कैवर्त का। लिखते हैं कि सादर नमस्ते एवं हार्दिक शुभकामनायें l आशा है,आप सब स्वस्थ एवं प्रसन्न होंगे l मैं सभी चीनी भाई बहनों की सफलता और सुखी जीवन की कामना करता हूँ l

    सी.आर.आई. हिन्दी प्रसारण प्रतिदिन सुनता हूँ और इसकी वेब साईट का नियमित यूजर भी हूँ l लेकिन पत्र नियमित नहीं लिख पा रहा हूँ, जिसका मुझे खेद है l चीन के समाज, जन-जीवन, विज्ञान, संस्कृति, व्यापार, खेलकूद आदि विषयों के अलावा चीन और भारत के संबंधों में मेरी गहरी रूचि है l आपके प्रसारण और वेब साईट में इन सबकी अच्छी और पर्याप्त जानकारी दी जा रही है ,जो सार्थक और प्रशंसनीय है l आजकल 100 भारतीय युवाओं का प्रतिनिधि मंडल चीन के दौरे पर हैं और भारत के विभिन्न क्षेत्रों से आये इन युवाओं को पेईचिंग,शान्तुंग और शांगहाई का भ्रमण करने का मौक़ा मिलेगा l भारत के राजदूत श्री अशोक कांत जी ने 26 नवम्बर को चीन की यात्रा पर आये भारतीय सौ युवाओं के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात और उनसे स्नेहपूर्ण बातचीत की।उनका कहना बिलकुल सही है कि आज के युवा भविष्य के नेता हैं l आशा है,हमारे यही युवा चीन-भारत मैत्री को आगे विकसित करेंगे और द्विपक्षीय संबंधों के विकास में योगदान देंगे।चीन और भारत के युवाओं के बीच आवाजाही होना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे दोनों देशों के बीच आपसी समझ और मैत्री का विकास होता है l भारतीय युवा मंडल की चीन यात्रा की सचित्र जानकारी पहुंचाने के लिए सी.आर.आई.का कोटिशः धन्यवाद l कृपया इन युवाओं के साथ साक्षात्कार भी कार्यक्रमों में जरुर सुनवायेंगे l

    वनिता:वे आगे लिखते हैं कि चीन की झलक कार्यक्रम में प्राचीन रेशम मार्ग की ऐतहासिक और महत्वपूर्ण जानकारी मिली l वास्तव में रेशम मार्ग प्राचीन काल से एशिया, अफ़्रीका व यूरोप को जोड़ने वाले पूर्व से पश्चिम तक जाने वाले मार्गों का सामूहिक संबोधन है। वह न केवल विश्व में सब से लम्बा व्यापारिक मार्ग था, बल्कि पूर्व व पश्चिम के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदान का मार्ग और मानव जाति के स्थानांतरण का रास्ता भी था। अरब के व्यापारी ही नहीं, भारत भी रेशम मार्ग के पूर्वी भाग का महत्वपू्र्ण तत्व बन गया।थांग राजवंश के शासक चीनी व विदेशी संस्कृतियों के आदान प्रदान को प्रोत्साहन देते थे।रेशम मार्ग पर स्थित महत्वपूर्ण एवं दर्शनीय स्थानों की तस्वीरें बहुत ही आकर्षक और सुन्दर हैं l प्राचीन रेशम मार्ग के बारे में पहली बार इतनी विस्तृत,सटीक और सूचनाप्रद जानकारी देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद l

    आजकल सी.आर.आई.के श्रोता संपर्क विभाग से श्रोताओं को लिफ़ाफ़े और मैगज़ीन आदि नहीं भेजे जा रहे हैं l कार्यक्रमों में सिर्फ ईमेल शामिल किये जा रहे हैं, डाक से प्रेषित पत्र शामिल नहीं किये l नये-पुराने सभी प्रकार के श्रोताओं के साथ संपर्क बहुत जरुरी है l पहले की तरह प्रतियोगिता बंद कर दी गयी है ! श्रोता सम्मेलन का आयोजन भी नहीं किया जा रहा है l आशा है ,इन बातों की ओर भी ध्यान दीजिएगा l

    अनिल:दोस्तो, अगला खत आया है आरा बिहार से राम कुमार नीरज का। लिखते हैं कि एक बार फिर सी आर आई को तहे दिल से शुक्रिया जो भारत की हर छोड़ी - बड़ी खबर पर पैनी नजर रखता है और दुनिया के साथ साथ भारत के भी खबरों से रु बरु कराता रहता है.हजारों किलोमीटर दूर रहकर भी भारत के प्रति सी आर आई का यह समर्पण एक ऐसे सूत्र में बांधें रखता है जो चाह कर भी अलग नहीं होने देता.

    भारत से जुड़े ताजा समाचारों के सिलसिले में रमेश द्वारा सम्पादित गोआ में भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव शुरू पर सचित्र रिपोर्ट पढ़ा और देखा.गोवा का अंतराष्ट्रीय फिल्म महोत्स्व एक बार फिर से ध्यान खिंच गया और बहुत कुछ पढ़ने और लिखने को मजबूर कर दिया.

    गोवा में 42वां अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह 23 नवंबर से शुरू हो चूका है. भारत का 45वां अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव (45th International Film Festival of India, IFFI) गोवा के पणजी में 20 नवंबर 2014 को प्रारंभ हुआ. नवंबर 2004 में गोवा में शुरू किए गए 35वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के बाद से वर्ष 2014 में होने वाला यह फिल्मोत्सव राज्य में लगातार 11वीं बार हो रहा है. अमिताभ बच्चन और जया बच्चन शुभारंभ समारोह के मुख्य अतिथि थे जबकि जिऑन सू-इल (दक्षिण कोरिया) मोहसेन मखमलबफ (ईरान) और पोलैंड के फिल्म निर्माता क्रीजटोफ जानूसी सम्माननीय अतिथियों में शामिल थे. कार्यक्रम का संचालन अभिनेता अनुपम खेर और अभिनेत्री रवीना टंडन ने किया. शेखर कपूर, सतीश कौशिक और रूपा गांगुली सहित अन्य मशहूर हस्तियां कार्यक्रम में उपस्थित थीं.

    सुपरस्टार रजनीकांत को वर्ष 2014 की फिल्म हस्ती के लिए शताब्दी पुरस्कार प्रदान किया जाना हैं. यह पुरस्कार वर्ष 2013 में भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष पूरे होने पर शुरू किया गया था. आपके प्रस्तुत रिपोर्ट के माध्यम से यह जानना सचमुच दिलचस्प लगा कि वर्ष 2014 में चीन के फिल्म निर्माता वांग कार वाई को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया जाना हैं. महोत्सव की पहली फिल्म मोहसेन मखमलबफ (ईरान) द्वारा निर्देशित 'द प्रेसिडेंट' होगी, जबकि महोत्सव के समापन पर वोंग कार वाई (चीन) की 'द ग्रैंडमास्टर' प्रदर्शित की जानी हैं.

    इस बार महोत्सव में चीन फोकस देश है. आईएफएफआई 2014 में 79 देशों की विभिन्न श्रेणियों की 178 फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी जिनमें विश्वे सिनेमा (61 फिल्में), मास्टर स्ट्रोक्स (11 फिल्में), महोत्सव बहुरूपदर्शक (फेस्टिवल केलिडोस्कोमप) (20 फिल्में), सोल ऑफ एशिया (07 फिल्में), डाक्यूमेंट्री (06 फिल्में), एनीमेटेड फिल्में (06 फिल्में) शामिल हैं. इसके अलावा भारतीय पैनोरमा वर्ग की 26 फीचर और 15 गैर फीचर फिल्में होगीं. पूर्वोत्तर क्षेत्र महोत्सव का फोकस क्षेत्र है इसलिए आईएफएफआई 2014 में भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की 07 फिल्में प्रदर्शित की जानी हैं. क्षेत्रीय सिनेमा भी महोत्सव का महत्वपूर्ण अंग होगा. इस वर्ष के समारोह में गुलजार और जानू बरूआ पर पुनरावलोकन वर्ग (रिट्रोस्पेरक्टिव सेक्शंतस), रिचर्ड एटनबरो, रॉबिन विलियम्‍स, ज़ोहरा सहगल, सुचित्रा सेन पर विशेष समर्पित फिल्में और फारूख शेख को विशेष श्रद्धाजंलि अन्य आकर्षण होंगे. नृत्य पर केंद्रित फिल्मों का एक विशेष वर्ग होगा तथा व्यक्तित्व आधारित पुनरावलोकन (रिट्रोस्पेरक्टिव) और मास्टर क्लांसेज/कार्यशालाएं भी आईएफएफआई 2014 का हिस्सा होंगे.

    सचमुच प्रस्तुत रिपोर्ट ने बहुत कुछ जानने और पढने को मजबूर कर दिया.अपने विस्तृत जानकारियों में एक छोटा सा स्वरूप इस ख़त के माध्यम से समाहित कर रहा हूँ,उम्मीद है पसंद आएगा.

    धन्यवाद

    वनिता:दोस्तो, अब पेश है केसिंगा ओड़िशा से सुरेश अग्रवाल का खत। वे लिखते हैं कि साप्ताहिक "चीन का भ्रमण" के तहत चीन के दो हज़ार साल पुराने मशहूर रेशम-मार्ग के क्रमिक विकास की कहानी बेहद ज्ञानवर्धक एवं सूचनाप्रद लगी। कार्यक्रम सुन यह भी पता चला कि तब चीन का रेशम रोमन बाजार में कितना लोकप्रिय था। चीन के विभिन्न राजवंश कालों में रेशम-मार्ग के विकास की कहानी तब के सामाजिक उत्थान-पतन की कहानी भी बखूबी बयां करती है। यह जानकारी भी अत्यन्त महत्वपूर्ण लगी कि भारत से चीन में बौद्ध-धर्म का प्रवेश भी इसी रेशम-मार्ग के ज़रिये हुआ। रेशम-मार्ग पर इतनी अहम जानकारी प्रदान करने हेतु हार्दिक धन्यवाद।

    कार्यक्रम "मैत्री की आवाज़" के अन्तर्गत विगत छह वर्षों से चीन के ईबू में रहने वाले भारतीय कारोबारी प्रवीणजी से भाई अखिल पाराशर द्वारा ली गई भेंटवार्ता सुन पता चला कि भारत के मुकाबले चीन में व्यापार करना कितना आसान है और कैसे विदेशियों को भी वहां प्रगति के समान अवसर उपलब्ध हैं। बातचीत से चीन की आसान कर-प्रणाली तथा भारत से कुछ भिन्न चिकित्सा पध्दति पर भी अहम जानकारी हासिल हुई। यह जान कर बहुत ख़ुशी हुई कि ईबू में हज़ारों की तादाद में भारतीय लोग रहते हैं। आप द्वारा पेश ऐसे कार्यक्रम हमें चीन के और करीब ले आते हैं। धन्यवाद।

    अनिलः वे आगे लिखते हैं कि साप्ताहिक "आपका पत्र मिला" के तहत हर बार की तरह आज भी हमने तमाम श्रोता-मित्रों द्वारा प्रेषित उनके बहुमूल्य विचार सुने। कार्यक्रम में पाकिस्तान के एक श्रोता भाई सैयद अब्बास टाकी का पत्र भी शामिल किया गया,जिससे यह जान कर ख़ुशी हुई कि वहां भी हिन्दी प्रसारण के श्रोता हैं। अनिलजी, मुझे आपका यह कहना बिलकुल सही जान पड़ा कि स्वरचित रचना के अलावा यदि कोई और रचना श्रोता प्रेषित करें, तो रचना के साथ उसके मूल लेखक का नाम ज़रूर हो। पत्रोत्तर के बाद पटना में आयोजित किसी श्रोतासभा आयोजन के बाद भाई रामकुमार नीरज द्वारा की गई विभिन्न श्रोताओं से बातचीत सुनवाया जाना अच्छा लगा। श्रोताओं के इस सुझाव से हम सब भी सहमत हैं कि सीआरआई हिन्दी द्वारा अपने एक घण्टे के कार्यक्रम को रोज़ चार बार रिपीट किये जाने के बजाये उसके स्थान पर नये कार्यक्रम पेश किये जायें। धन्यवाद।

    वनिता:दोस्तो, अगला खत आया है पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु का। लिखते हैं कि 24 नवंबर को रेडियो पर साप्ताहिक "चीन का भ्रमण" कार्यक्रम में प्राचीन चीन के "रेशम मार्ग" के वारे में दिलचस्प चर्चा सुना। दिल के साथ साथ दिमाग का बत्ती भी जल गया। पुरानी बाते ताजे हो गए। बचपन में इस रेशम मार्ग के वारे किताब में पढ़ा था। एशिया, अफ़्रीका और यूरोप को जोड़ने वाले इस मार्ग के वारे में विस्तारित रूप से जो जानकारी हमें मिला वह दूसरे किसी से प्राप्त नहीं होते। इसके लिए मैं सीआरआई हिंदी विभाग को साथ ही मैडम श्याओयांग जी को धन्यवाद देता हूं। इसके के साथ ही सीआरआई के सभी श्रोताओं को मेरा निवेदन है कि आप सभी हिंदी वेब-पेज पर जाकर इस प्राचीन रेशम मार्ग के बारे में दिए गए विस्तृत जानकारी पढ़े और अपनी ज्ञान का भंडार को बढ़ाइये।

    अनिलः दोस्तो, अब पेश है नई दिल्ली से अमीर अहमत का खत। वे लिखते हैं कि नमस्ते, आशा है आप सभी लोग स्वस्थ होंगे।चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग जी जी-20 ग्रुप के 9वें शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद वो अपने देश लौट चुके हैं उनकी इस यात्रा पर देश दुनिया की निगाह जी-20 पर टिकी थी। सी आर आई ने ज़बरदस्त कवरेज दिया सभी इम्पोर्टेन्ट लम्हों की एक एक जानकारी दी। साथ ही सी आर आई ने ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड व फिजी की राजकीय यात्रा पर बेहद अच्छी कवरेज दी है जिसके लिए मैं यहाँ हिंदी विभाग को थैंक्स बोलता हूँ। जब चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने 22 नवंबर को नाडी में फिजी के प्रधानमंत्री जोसाइअ वोरेक बैनीमरामा से वार्ता की उसकी जानकारी बेहद अच्छी तरह से दी गई शी चिनफिंग जी ने जो कहा कि चीन फिजी के साथ आदान-प्रदान व सहयोग मजबूत करते हुए दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने को तैयार है।

    शी चिनफिंग ने कहा कि चीन फिजी को प्रशांत क्षेत्र में चीन का अहम साझेदार मानता है और विकास का रास्ता चुनने में फिजी की जनता का सम्मान करता है। चीन के प्रति संबंधों के विकास को अपनी नीतियों में प्राथमिकता देने पर चीन फिजी की प्रशंसा करता है। हम फिजी के साथ उच्चस्तरीय व विभिन्न स्तरीय आदान-प्रदान बनाए रखते हुए सहयोग बढ़ाने को तैयार है। चीनी राष्ट्राध्यक्ष के एक एक वक्तव्य बहोत अच्छे लगे उनकी सोच को सलाम करता हूँ। मैं वाकई में चीनी राष्ट्राध्यक्ष जी का बहोत बड़ा फैन हो चूका हूँ उनकी जहाँ भी वक्तव्य देखता हूँ उसे एक ही साँस में पढ़ना चाहता रहता हूँ चीनी राष्ट्राध्यक्ष के विचार बहोत पसंद है।

    वनिता:वे आगे लिखते हैं कि मुझे मालूम हुआ कि क्रिस्टी कला-कृति नीलामी गतिविधि में 15 शताब्दी के मिंग राजवंश में बनाया गया तिब्बती थांगका चित्र 27.8 करोड़ चीनी युआन में निलाम हुआ, जो इतिहास में विश्व नीलामी गतिविधि में चीनी कला-कृति का अब तक का सबसे ऊंचा दाम है। इस से मालूम होता है चीनी संस्कृति कला आादि की कितनी डिमांड है। और चीनी लोग अपनी संस्कृति से कितना अधिक प्रेम करते हैं इतना महंगा थंगका चित्र को चीन के शांगहाई शहर के संग्रहकार ल्यू यीछ्येन ने खरीदा है वो समझते हैं ये चित्र कितना मूलयवान हैं । मालूम हुआ कि विश्व में मिंग राजवंश के योंगला सम्राट के काल में बनाये गए केवल 3 तिब्बती थांगका चित्र सुरक्षित हैं, अन्य दो थांगका चित्र तिब्बत के ल्हासा शहर के दाचाओ मठ में रखे हुए हैं।,प्यारी बहन श्याओ थांग जी चीन का तिब्बत कार्यक्रम में अनेक बार मिंग राजवंश के समय के तिब्बती थंगका चित्र के बारे में जानकारी दे चुकी हैं आज इस सम्बंधित खबर को सुनकर काफी प्रसन्नता हुई।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और वनिता को आज्ञा दीजिए, नमस्कार

    © China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
    16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040