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    सच में बेटीयाँ बहुत प्यारी होती है
    2014-10-13 16:25:36 cri

     


    वनिता:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को वनिता का नमस्कार। दोस्तो, आज का यह प्रोग्राम अनिल जी की जगह अखिल पाराशर पेश करेंगे।

    अखिल:सभी श्रोताओं को अखिल का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अखिल:आज के प्रोग्राम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद चीन-भारत मैत्री पुल के निर्माता पर आधारित एक विशेष कार्यक्रम पेश किया जाएगा।

    दोस्तो, हमें पहला खत भेजा हैं पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल जी ने। बिधान जी लिखते हैं कि चीन का भ्रमण कार्यक्रम में दक्षिण पश्चिम चीन स्थित युन्नान प्रांत में पत्थर जंगल का परिचय दिया हमें बेहद अच्छा लगा। प्राकृतिक दृश्य के साथ प्रचलित पौराणिक कहानी को मिलकर पेश किया जाना वाकई एक अजब की मायावी जगत का अहसास हुआ। सचमुच ये एक भू तत्वीय करिश्मा है। मुझे यह जानकर खुशी हुई की इसी अहम वैज्ञानिक व विशेष सौंदर्य मूल्य की वजह से चीन के युन्नान प्रांत का पत्थर जंगल 2004 में युनेस्को ने प्रथम खेप में बिश्व भूतत्व पार्क की सूची में शामिल हुआ। और विश्व प्राकृतिक विरासत सूची में भी शामिल हुआ। यह जानकर हैरानी हुई की हर रोज करीब बीस हजार पर्यटक यहां आते है।

    वनिता:वे आगे लिखते हैं कि सुप्रसिद्ध बौद्ध आचार्य ह्वानसांग के बारे में विस्तृत जानकारी बहुत उपयोगी और अच्छी लगी। ह्वानसांग बौद्ध धर्म के विस्तृत अध्ययन के लिए वे भारत में 17 वर्षों तक रहे। मुझे यह जानकर और भी ज्यादा उनके बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ गई कि ह्वानसांग भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक आदान -प्रदान के इतिहास में सर्बश्रेष्ठ दूत थे। उनकी अमर रचना -'महा थांग राजबंश काल में पश्चिम की तीर्थयात्रा का वृत्तांत' के बारे में जानने की मौका मिला खासकर सी आर आई हिन्दी सेवा के 'पश्चिम की तीर्थयात्रा कथासागर ' कारिक्रम के जरिए इस रचना के स्वाद अनुभव कर रहा हुँ । ह्वानसांग के प्रति मेरा श्रद्धा ज्ञापन करके सी आर आई हिन्दी सेवा को धन्यवाद देता हुँ ।

    अखिल:बिधान चंद्र सान्याल जी ने अपने खत में यह भी लिखा है कि तीस हैक्टर से अधिक क्षेत्रफल वाला च्येन छ्वान म्यूजियम समूह के बारे में एक अच्छी जानकारी सी आर आई हिन्दी सेवा के माध्यम से पाया, जो मुझे बहुत अच्छी लगी । यहाँ कुल 20 लाख से अधिक दुर्लभ वस्तुएं सुरक्षित रखी हुई है । जिसमें द्वितीय महायुद्ध काल में चीनी युद्ध मौर्चो पर छोड़ी गयी यादगार बस्तुएं , जिनमें हथियार , सैनिक बस्त्र , पत्र व दस्ताबेज और फोटो जैसी चीजे शामिल है । साथ ही साथ चीनी लोगॉ व सांस्कृतिक कलात्मक बस्तुएं और ऐतिहासिक बस्तुएं आकर्षक चीजे शामिल है । मै आशा करता हुँ कि मुझे भी एकदिन इस म्युजियम समूह का दौरा करने का अवसर दिया जाएगा ।

    वनिता:दोस्तो, अगला खत हमें भेजा है बिहार से हेमंत कुमार ने। लिखते हैं कि खुशी के साथ सूचित करना है कि मैँ 'सीआरआई हिँदी सेवा' का नियमित तथा पुराना श्रोता हूं। आपके द्वारा प्रसारित सभी कार्यक्रम ज्ञानवर्द्धक, शिक्षाप्रद, प्रेरणादायक और सारगर्भित होते हैँ। कार्यक्रम प्रस्तुतिकरण शैली तथा प्रसारण गुणवत्ता उच्च स्तर के हैँ। इसलिए कार्यक्रम सुनकर नियमित पत्र लिखने तथा प्रचार-प्रसार करने का प्रयास करता हूं। आपके फेसबुक और वेबसाइट भी बहुत अच्छे लगते है। मेरा सुझाव है कि सीआरआई हिँदी के फेसबुक पेज द्वारा जो भी कार्यक्रम समीक्षा, शिकायत, प्रश्न तथा सुझाव प्राप्त होता है, उसे संबंधित कार्यक्रम में शामिल करने का प्रयास करना चाहिए। धन्यवाद!

    अखिल:वे आगे लिखते हैं कि मैँ 'टी टाइम' का नियमित श्रोता हूं। कार्यक्रम में प्रस्तुत सभी रिपोर्टेँ ज्ञानवर्द्धक, शिक्षाप्रद, प्रेरणादायक और सारगर्भित होती हैं। कार्यक्रम प्रस्तुतिकरण शैली उच्च स्तर की है। इसलिए कार्यक्रम सुनकर नियमित पत्र लिखने तथा प्रचार-प्रसार करने का प्रयास करता हूं। 02 सितम्बर को शाम की सभा में अनिल और वेई तुंग द्वारा प्रस्तुत 'टी टाइम' में भारत के प्रसिद्ध इतिहासकार बिपिन चन्द्रा के निधन पर दी गई श्रद्धांजलि प्रशंसनीय थी। विश्व के सबसे ज्यादा पैसा कमाने वाले दस खिलाड़ियोँ और चीन में बंद होने वाले मैसेँजर सेवा-MSN के बारे दी गयी जानकारी सूचनाप्रद लगी। इसके अलावा यह जानकर खुशी हुई कि एक नए शोध के अनुसार टमाटर का नियमित सेवन करने से प्रोस्टेट कैँसर होने का खतरा 18 प्रतिशत तक कम होता है। साथ ही मधुर हिँदी फिल्मी गीतों की प्रस्तुति मनोरंजक थी। धन्यवाद!

    वनिता:दोस्तो, अगला खत हमें भेजा है हमारे श्रोता जगत किशोर सोलान्की JAGAT KISHOR SOLANKI ने। लिखते हैं कि मैँ 'सीआरआई हिँदी सेवा' का नियमित तथा पुराना श्रोता हूं। आपके द्वारा प्रसारित सभी कार्यक्रम ज्ञानवर्द्धक, शिक्षाप्रद, प्रेरणादायक और सारगर्भित होते हैँ। कार्यक्रम प्रस्तुतिकरण शैली तथा प्रसारण गुणवत्ता उच्च स्तर के हैँ। इसलिए कार्यक्रम सुनकर नियमित पत्र लिखने तथा प्रचार-प्रसार करने का प्रयास करता हूं। आपके फेसबुक और वेबसाइट भी बहुत अच्छे लगते है। मेरा सुझाव है कि सीआरआई हिँदी के फेसबुक पेज द्वारा जो भी कार्यक्रम समीक्षा, शिकायत, प्रश्न तथा सुझाव प्राप्त होता है, उसे संबंधित कार्यक्रम में शामिल करने का प्रयास करना चाहिए। धन्यवाद

    अखिलः दोस्तो, अगला पत्र है झारखंड से एस बी शर्मा जी का| शर्मा जी लिखते हैं कि बड़े ही हर्ष की बात है की सी आर आई ने अपनी त्रैमासिक मैगजीन सेतु सम्बन्ध का प्रकाशन भारत की राजधानी दिल्ली से शुरू कर दिया है और इस पत्रिका का श्रोताओं के बीच वितरण भी चालू हो गया है। इस शुभ काम के लिए मैं सी आर आई को धन्वाद देता हूँ। इस पत्रिका में चीन से जुडी बातों को विशेष तबज्जो दिया जा रहा है और इसमें प्रकाशित सभी समाग्रियों का गुणवत्ता भी उच्च दर्जे की है। इसके लिए इस पत्रिका के प्रधान संपादक अनिल पाण्डे जी को धन्वाद। सबसे अच्छी बात यह है की यह पत्रिका सभी श्रोताओ को मिल रहा है की नहीं इसे भी सुनिश्चित किया गया है। पत्रिका कुरियर के द्वारा भेजा जा रहा है। इसके बाद पत्रिका के प्रबंधक श्री आर के शर्मा श्रोताओ को फोन कर पूछते भी है की पत्रिका मिली है की नहीं। हम सेतु सम्बन्ध पत्रिका के सफलता की कामना करते है और श्रोताओ के बीच भारत और चीन के बीच सेतु का काम करने वाले सेतु सम्बन्ध को पहुंचाने के लिए धन्वाद करते है। इस पत्रिका में श्रोताओ का एक कालम जुट जायेगा तो पत्रिका और भी लाजबाब हो जायेगा। पत्रिका के भारतीय प्रबंधक आर के शर्मा जी एक बार फिर धन्यवाद

    वनिता:दोस्तो, अगला खत हमें भेजा है कोलसिया से राजीव शर्मा ने। लिखते हैं कि मैंने हाल में ही मेरा 27वां जन्मदिन मनाया है। मेरा गांव कोलसिया, राजस्थान के झुंझुनूं जिले में स्थित है। वर्तमान में मैं जयपुर रहता हूं और कई तरह के काम करता हूं। मेरा कोई एक पेशा नहीं है। इसलिए मेरा कोई निश्चित परिचय भी नहीं है। मेरे इंटरनेट के मित्रों के लिए मैं एक लाइब्रेरियन हूं जो गांव का गुरुकुल पुस्तकालय चलाता है। दिल्ली, मुंबई, पटना और काबुल सहित कई शहरों के लोगों के मुताबिक मैं एक ऐसा युवक हूं जो नेचुरोपैथी के प्रयोग करता रहता है और उनसे उत्पाद बनाकर बेचता है। कुछ बच्चे मुझे ऐसा टीचर समझते हैं जो उनकी हैंडराइटिंग को सुंदर बनाने में मदद कर सकता है, तो मेरे गांव के लोगों के लिए मैं एक ऐसा लड़का हूं जो एक दैनिक अखबार में काम करता है। मेरा सपना है कि मैं मेरी ऑनलाइन लाइब्रेरी गांव का गुरुकुल से एक ऑनलाइन न्यूजलेटर शुरू करूं। साथ ही मैं बच्चों के लिए एक ऐसा स्कूल भी खोलना चाहता हूं जहां उन्हें अपनी हैंडराइटिंग सुधारने के तरीके समझाए जाएं।

    अखिल:दोस्तो, राजीव शर्मा जी ने हमें एक कहानी भी भेजी है। यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति के बारे में है जो चीन का निवासी है और दूसरे महायुद्ध में घायल होने पर कोमा में चला जाता है। वह 50 साल बाद होश में आता है। तब तक दुनिया काफी बदल जाती है लेकिन उसे उन लोगों का इंतजार है जो कभी उसके अपने थे।

    वनिता:दोस्तो, अगला खत हमें भेजा है सऊदी अरब से मुहम्मद सादिक आज़मी ने। वे लिखते हैं कि आपकी वेब साइट से ज्ञात हुआ कि चीन सियरा लियोन को एबोला वायरस परीक्षण प्रयोगशाला और ईबोला के मामलों को एकांतवास में रखने वाले रोकथाम केंद्र की स्थापना में सहायता देगा जो सकारात्मक और प्रशंसनीय है चीनी रोग रोकथाम और नियंत्रण केंद्र के प्रमुख वांग यू ने हाल ही में सियरा लियोन की राजधानी फ़्रीटाउन में उक्त बात कही। वांग यू ने कहा कि चीन जल्द ही फ़्रीटाउन के उपनगर स्थित सियरा लियोन-चीन मैत्री अस्पताल को एक मोबाइल प्रयोगशाला भेजेगा और इसी अस्पताल में ईबोला मामलों को एकांतवास में रखने वाला रोकथाम केंद्र स्थापित करेगा। चीन के साथ सहयोग करते हुए आगामी कुछ महीनों में किसी जगह पर एक जैविक सुरक्षा प्रयोगशाला भी स्थापित करेगा ताकि इस कार्य को सुनिश्चित किया जा सके।

    वनिता:दोस्तो, उत्तर प्रदेश के श्रोता अनिल कुमार द्विवेदी ने एक कविता हमें भेजी, जिसका शीर्षक है सच में बेटीयाँ बहुत प्यारी होती है।

    अखिलः कविता का विषय इस प्रकार है---

    रामप्रसाद बाबू के हाथों में

    बेटी राधा का पत्र था,

    जिसमें उसने लिखा था कि बाबूजी मकान खरीद

    रही हूं.

    एक लाख रुपये कम हैं, भेज दें. जैसे ही होंगे तुरंत

    वापस भेज दूंगी.

    रामप्रसाद बाबू सोच में पड़ गए.

    बेटी को धन देना तो चाहिए पर

    वापसी तो ठीक नहीं है. फिर

    दूसरा रास्ता क्या है?

    अंत में रामप्रसाद_बाबू ने बेटी को पत्र

    लिखा - 'बेटी बहुत मजबूरी है

    कि तुम्हारी जरूरत पर मेरे हाथ खाली हैं' और

    फिर डाकघर जाकर पत्र पोस्ट कर दिया.

    एक हफ्ता ही बीता था कि बेटे का पत्र

    दिल्ली से आया - 'बाबूजी मकान खरीद रहा हूं

    कुछ मदद करें.'

    रामप्रसाद बाबू ने तुरंत पत्नी से बातचीत कर

    बैंक से रुपये निकलवाए और बैंक ड्राफ्ट बनवाकर

    बेटे को भेज दिया.

    इधर रामप्रसाद बाबू काफी बीमार थे,

    उन्होंने बेटे और बेटी दोनों को तार कर

    दिया था.

    बेटे का कहीं पता न था जबकि बेटी तीसरे

    दिन पहुंच गई और साथ चलने की जिद कर

    रही थी.

    रामप्रसाद बाबू मौन,

    बिस्तर पर लेटे बस बेटी का हाथ अपने हाथ में

    लेकर रोते हीं जा रहे थे................

    वनिता:दोस्तो, अब पेश है पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु का एक खत, जिसका विषय है "आपकी नज़र में चीन" शीर्षक मत सर्वेक्षण के बारे में विचार। खत का विषय इस प्रकार है कि सबसे पहले मैं सीआरआई-हिन्दी विभाग को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं क्योंकि अपने हम श्रोताओं और नेटिज़नों के लिए "आपकी नज़र में चीन" शीर्षक एक मत सर्वेक्षण आयोजन किया है। सीआरआई हमारे लिए चीन को जानने की एक विशिष्ट खि़ड़की है। आशा है कि श्रोताओं और नेटिज़नों इस मत सर्वेक्षण में बढ़ चढ़ कर भाग लेंगे साथ ही साथ चीन के बारे में सामान्य ज्ञान बढ़ोत्तरी करने का मौका भी मिलेगा। इस सर्वेक्षण में आपने पूंछा है कि "यदि आपको चीन आने का मौका मिलें,तो आप कहां जाना चाहेंगे? और,क्यों?" इस प्रश्न के जवाब में मैं यह बोलना चाहूंगा कि मैं अच्छी तरह जानता हूं कि चीनी राष्ट्र की सभ्यता और संस्कृति शानदार और लम्बी पुरानी है। चीन की विशाल भूमि में जो अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य देखने को मिलता है,वह सब विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर बरबस आकर्षित करता है।चीन में दुनिया की बेमिसाल कुछ खास ऐसी जगह है जिसे देखकर हम हैरान हो जाते है और चीन की सुंदरता में खो जाते है। चीन के पेईचिंग, क्वांगचो, छंग तु, तिब्बत, शांघाई, खुनमिंग, सानया, छिंहाई - चीन के ये सभी शहर मेरे सपनों के शहर हैं और ये पर्यटकों के लिए स्वर्ग से कम आनंददायक नहीं हैं।

    अखिलः वे आगे लिखते हैं कि ये सभी शहरों की अलग अलग भौतिक विशेषता और उनकी लम्बी ऐतिहासिक संस्कृति लोगों को विविधता का अनुभव प्रदान करती है। अगर आपके दौलत से मुझे फिर एकबार चीन जाने का मौका मिलेगा तो मैं स्छ्वांन प्रांत की राजधानी छंग तु शहर दौरा करना चाहूंगा। यह शहर दक्षिण-पश्चिम चीन में स्थित है ,जो चीन के सब से श्रेष्ठ पर्यटन शहरों में से एक है। सीआरआई के हिन्दी विभाग के एक पुराने और नियमित श्रोता होने के नाते मैं अच्छी तरह से वाकिफ हूं कि सुहावने मौसम, लंबे इतिहास और प्रचुर उपज से छंग तु एक शांत,खुशनुमा और आरामदेह शहर है। थांग राजवंश के सब से मशहूर कवि ली पाइ और तु फू ने छंग तु पर अनेक कविताएं लिखी थीं।वर्तमान समय में यह शहर दक्षिण-पश्चिम चीन का वैज्ञानिक केंद्र,वित्तीय केंद्र, वाणिज्य केंद्र और यातायात और दूर संचार जंक्शन हैं। यहां की सार्वजनिक यातायात बहुत ही सुविधाजनक है।यह शहर आधुनिक पर्यटन सुविधाओं से सुसज्जित है। इस के अलावा छंग तु का प्राकृतिक दृश्य रंगबिरंगा और दिलकश है। यहां के विशाल पांडा बेस में सफेद और काले रंग की जायंट पांडा रहते हैं जो दुनिया भर सभी लोगों को आकर्षित करता है। छंग तु में सबसे अधिक संख्या में पांडा पाया जाता है।वहां की पांडा बेस 1987 में स्थापित हुआ जो करीब 106 हैक्टेयर क्षेत्र में फैला है। अगर मुझे मौका मिलेगा तो मैं इस आलसी और गोल-मटोल पांडा को करीब से देखना चाहता हूं साथ ही वहां की स्छ्वान हो क्वो डिशेस खाऊंगा।

    वनिता:दोस्तो, आज का अंतिम खत भेजा है केसिंगा ओड़िशा से सुरेश अग्रवाल ने। वे लिखते हैं कि 21 सितम्बर को ताज़ा अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों के बाद पेश श्रृंखला "चीन-भारत मैत्री पुल के निर्माता" की समापन क़िस्त के तहत पेइचिंग विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर चिन तिंग हान के हिन्दीप्रेम के बारे में जान कर आज एकबार फिर उनके सम्मान में हमारा सिर झुक गया। चीनी-हिन्दी शब्दकोश के अलावा रामचरित मानस का चीनी में अनुवाद करने वाले उक्त महान चीनी भारतविद् का मुझे यह कहना सर्वथा उचित जान पड़ा कि -यदि चीन-भारत एक हो जाएं तो उनसे मुक़ाबला करने का साहस किसमें है!

    अखिलः वे आगे लिखते हैं कि सन 1993 में राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा के हाथों सम्मानित प्रोफ़ेसर चिन तिन हान ने भारत से चीन को प्राप्त बौध्दधर्म और चीन से भारत को मिले कन्फ्यूशियस दर्शन पर भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। वैसे विगत आठ सितम्बर से शुरू श्रृंखला "मैत्री पुल के निर्माता" की शुरुआत में बजाया जाने वाला गीत "ये दोस्ती तेरे दम से है.… दिल में दोस्ती का ज़ज़्बा भर देता है। फिर प्राचीन सभ्यता,लम्बा इतिहास,महान देश चीन और भारत, मैत्री-आवाजाही सहायता और सहयोग की थीम के साथ श्रृंखला का पेश किया जाना इसके उद्देश्य को सर्वथा सार्थक करता प्रतीत हुआ। धन्यवाद स्वीकार करें।

    वनिता:दोस्तो, कुछ दिनों पहले हमारे हिन्दी विभाग द्वारा पेश किए गए विशेष कार्यक्रम श्रृंखला " चीन-भारत मैत्री पुल के निर्माता " अनेक श्रोताओं को बहुत पसन्द है। उन्होंने फोन या ई-मेल से हमें बताया कि यह विशेष कार्यक्रम बहुत अच्छा है और इन रिपोर्ट्स को दोबारा सुनने की मांग भी की। इसलिए आपका पत्र मिला कार्यक्रम में हम " चीन-भारत मैत्री पुल की निर्माता " के कुछ-कुछ रिपोर्ट्स को एक फिर सुनवाया जाएगा। अब सुनिए भारत के महान कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर और चीन शीर्षक रिपोर्ट।

    अखिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अखिल पाराशर और वनिता को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

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