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    हांगकांग में मशहूर दर्शनीय स्थल
    2014-08-12 15:52:22 cri

     


    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    वनिता:सभी श्रोताओं को वनिता का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः आज के प्रोग्राम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    वनिता:दोस्तो, आज का पहला खत भेजा है, नई दिल्ली से राम कुमार नीरज ने। लिखते हैं कि सी आर आई हिंदी सेवा की साइट नियमित रूप से देखना जैसे मेरी जिंदगी का अहम हिस्सा है। आजकल आपकी साइट पर प्रकाशित हांगकांग में मशहूर दर्शनीय स्थलों को देखना और हांगकांग को करीब से समझना बेहद अच्छा लग रहा है। यह जानना सचमुच बेहद दिलचस्प है कि हांगकांग दक्षिण चीन के समुद्रतट पर स्थित है, जो एक अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह है और अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य केंद्र भी है। हांगकांग बहुत बड़ा नहीं है, फिर भी वहां कई दर्शनीय स्थल हैं। हांगकांग का अपना एक इतिहास भी रहा है लेकिन सच तो यही है हाल के वर्षों में हांगकांग का जिस गति से विकास हर क्षेत्र में हुआ है वह अभूतपूर्व है और हांगकांग के साथ साथ चीन का नाम ऊँचा करता है।सच तो यह है कि हांगकांग को एशिया के सबसे पसंदीदा शॉपिंग डेस्टिनेशन में से एक माना जाता है। पिछले डेढ़ सौ सालों से हांगकांग विश्व व्यापार के मुख्य केंद्रों में से रहा है। पहले ब्रिटेन और अब चीन के आधिपत्य में भी उसकी वह लोकप्रियता अब भी कायम है।

    अनिलः वे आगे लिखते हैं कि वैसे तो आपकी यह रिपोर्ट हांगकांग के विभिन्न दर्शनीय स्थलों की व्याख्या करती है जो वर्तमान परिदृश्य को करीब से जानने और समझने में बेहद मददगार है लेकिन एक दूसरा पहलू भी जिससे इंकार नहीं किया जा सकता। जिन लोगों को शॉपिंग पसंद है, उनके लिए हांगकांग की गगनचुंबी इमारतों में स्थित एक से बढ़कर एक मॉल स्वर्ग सरीखे हैं. हर तरह की चीजें और हर तरह की जगहें. चाइनीज स्नैक्स व ब्रू, कंप्यूटर व इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन व ब्यूटी, होम डेकोरेशन व फर्नीचर, ज्वैलरी व घडि़यां, शेड्स, पारंपरिक क्रॉकरी व कपड़े.. हांगकांग आईलैंड में एडमिरल्टी, कॉजवे बे, शेंग वान, स्टेनले, वान चाई, सिम शा सुई, कोलून ईस्ट व वेस्ट, मोंग कोक, शाम शुई पो, याऊ मा तेई व लंताऊ शॉपिंग के प्रमुख इलाके हैं. इनमें भी तमाम शॉपिंग मॉल हैं जहां सुई से लेकर कार तक सब एक छत के नीचे मिल जाएंगे. हांगकांग के कई बाजारों में, खास तौर पर छोटी दुकानों व फुटपाथ बाजारों में आप भारत की तरह ही बार्गेनिंग भी कर सकते हैं- मैंने ऐसा भी सुना है.

    उम्मीद है अपने आगामी रिपोर्टों के माध्यम से हांगकांग को और करीब से हमें दिखने और समझाने में हमारी मदद करेंगे.एक बार फिर आपको धन्यवाद।

    वनिता:दोस्तो, आज का दूसरा खत भेजने वाले हैं, , पश्चिम बंगाल के श्रोता बिधान चंद्र सान्याल । लिखते हैं कि सी आर आई हिन्दी वेबपेज मेँ " भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश के ऊंटॉ के जन्मस्थान का दौरा " शीर्षक रिपोर्ट पढ़ी। इसके माध्यम से बहुत जानकारी हासिल करने के साथ साथ बहुत मजा आया। अराशान वासियॉ का ऊंटॉ से अटूट रिश्ता है। नये चीन की स्थापना की शुरुआत से ऊंट यहां परिवहन के प्रमुख साधन थे। ऊंट स्थानीय गोबिस्तान वासियॉ के दैनिक जीवन में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। जीवन की हर कड़ी मेँ ऊंट व मानव जाति की मर्मस्पर्शी कहानी है । उस कहानी के साथ साथ मैने इस रिपोर्ट कि माध्यम जाना कि ऊंट तूफान या संकट की भविष्यवाणी करने मेँ भी सक्षम होते हैं। ऊंट मानव जाति और पर्यावरण का केवल अच्छा दोस्त ही नही , वह आर्थिक निधि भी है। आशा है अराशान क्षेत्र मेँ ऊँटॉ के पालन को बढ़ावा देने में विदेशी सहयोग जरूर मिलेगा।

    अनिलः वे आगे लिखते हैं कि मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि चीनी दूतावास ने नयी दिल्ली मेँ चीनी जनमुक्ति सेना की स्थापना की 87वीँ वर्षगांठ पर कार्यक्रम आयोजित किया। इस बारे में सीआरआई के माध्यम से जानकारी देने के लिए धन्यवाद। उल्लेखनीय है कि चीनी जनमुक्ति सेना दुनिया की सबसे बड़ी नियमित सेना है जिसके सैनिकॉ की संख्या 23 लाख से ज्यादा है।

    उधर, ईद उल फ़ितर के अवसर पर सी आर आई हिन्दी सेवा के सभी लोगों को शुभकामनाएं। ईद सलमानों का पवित्र त्योहार है । रमजान के पूरे महीने मेँ मुसलमान रोजे रखकर अर्थात भूखे प्यासे रहकर पूरा महीना अल्लाह की इबादत मेँ गुजार देते है । इस पूरे महीने के बाद रोजे समाप्त होने पर वे चांद की पहली तारीख अर्थात जिस दिन चांद दिखाई देता है उस रोज़ को छोड़कर दूसरे दिन ईद का त्योहार अर्थात बहुत खुशी से मनाते हैं। इस दिन को ईद उल फ़ितर कहते है ।

    अनिलः अब समय हो गया है प्रोग्राम को आगे बढ़ाने का। नेक्स्ट खत हमें भेजा है, केसिंगा ओड़िशा से सुरेश अग्रवाल ने। वे लिखते हैं 23 जुलाई को ताज़ा समाचारों के उपरान्त पेश साप्ताहिक "आपका पत्र मिला" में आज पहला पत्र पश्चिम बंगाल के श्रोता भाई बिधानचन्द्र सान्याल का पढ़ा गया। मुझे यह जान कर सुखद अनुभूति हुई कि भले ही बोलचाल में बिधान की हिन्दी ठीक न हो,वह लिख अच्छा लेते हैं! इसके अलावा भी विभिन्न कार्यक्रमों पर तमाम श्रोताओं से मिली महत्वपूर्ण प्रतिक्रियाएं सुनवाने हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद।

    अनिलः वे आगे लिखते हैं कि श्रोताओं से बातचीत क्रम में आज उम्र में छोटे, पर अक्ल में बड़े बक्सर, बिहार के श्रोता भाई आबिद हसन से एकबार फिर मिलने का मौक़ा मिला। निश्चित तौर पर आबिद जीनियस हैं, अन्यथा इतनी कम उम्र में भला कोई अन्तर्राष्ट्रीय फाउण्डेशन का गठन कर सकता है ? मैं उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ। धन्यवाद इस प्यारी सी भेंटनुमा भेंटवार्ता के लिये। साप्ताहिक "आज का लाइफ़ स्टाइल" के तहत दी गई महत्वपूर्ण जानकारियों से अपना ज्ञानवर्धन करने का मौक़ा मिला। ब्रिक्स द्वारा स्थापित अपने नये विकास बैंक के निहितार्थों पर विशेषज्ञ के. कृष्ण आनन्दजी के विचार सुन कर पता चला कि यह विकास बैंक अन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोष अथवा विश्वबैंक की तर्ज़ पर नहीं होगा और यह अपने सदस्य राष्ट्रों के अलावा एशिया-अफ्रीका के अन्य ज़रूरतमन्द मुल्कों की भी आर्थिक सहायता करेगा। हेल्थटिप्स में तेज़ी से बढ़ते ह्रदयरोगों के कारण, लक्षण और उसके निराकरण पर मेदान्ता अस्पताल के हृदयरोग विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण ग्रोवर द्वारा दी गई जानकारी सचमुच जीवनदायिनी लगी। यह जानकारी उत्साहवर्धक लगी कि अब ऐसे स्टैण्ड्स भी बन चुके हैं, जो कि डीग्रेडेबल हैं और ऑपरेशन के कुछ समय बाद धमनियों के साथ मिल जाते हैं। हाँ, उन द्वारा दी जा रही वाल्व सम्बन्धी जानकारी के समय लगा कि बात पूरी होने से पहले ही अगला प्रश्न आ गया। कॅरियर कॉर्नर में वाइन टेस्टिंग एक्सपर्ट के तौर पर कॅरियर की सम्भावनाओं पर भी अच्छी जानकारी प्रदान की गई।

    वनिता:इस के साथ साथ उन्होंने यह भी कहा कि साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" के तहत युन्नान प्रान्त के लीचांग तुम्बा संस्कृति केन्द्र से तिब्बत की राजधानी ल्हासा स्थित पारम्परिक हस्तकला स्कूल में थांगखा चित्रकला का प्रशिक्षण लेने आये नाशि जाति के छात्र ख ह्वा छांग (नाम जैसा समझ में आया) के अनुभवों पर आधारित रिपोर्ट सुनी। यह जान कर अच्छा लगा कि चीन की कुल छप्पन भिन्न-भिन्न जातियों के बीच सेतु की भूमिका निभाने हेतु किस प्रकार प्रयास किये जा रहे हैं। नाशि छात्र के विचार सुन कर पता चला कि तुम्बा और थांगखा चित्रकला में कितना साम्य है और वह छात्र दोनों संस्कृतियों के मेल से कैसे और एक बेहतर संस्कृति विकसित करना चाहते हैं। कार्यक्रम के बीच बजाया गया "तिब्बत आइये यहाँ आपके सपने साकार हो जायेंगे" शीर्षक गीत भी काफी कर्णप्रिय लगा।

    अनिलः दोस्तो, अब पेश है पश्चिम बंगाल से असीम जे. घोष का खत। वे लिखते हैं कि पश्चिम बंगाल के रवि शंकर बसु द्वारा परिचालित न्यू होराइजन रेडियो लिस्नर्स क्लब के देवशंकर चक्रबर्ती के नेतृत्व में अमरनाथ धाम में सी आर आई हिंदी विभाग को लेकर विशेष प्रचार अभियान के फोटो देखकर अच्छा लगा।

    वनिता:अब मेरे हाथ में अगला खत है, इसे भेजा है एसबीएस वर्ल्ड श्रोता क्लब से एस बी शर्मा ने। वे लिखते हैं कि फीफा वर्ल्ड फुटबाल कप का आयोजन इस साल का सबसे बड़ा इवेंट था सी आर आई ने इस पर बड़ा ध्यान दिया था वैसे तो सी आर आई के सभी प्रोग्रामों में इस बारे में कई जानकारियां दी गई। लेकिन टी टाइम की टीम ने इस पर बहुत ही विशेष जानकारी प्रस्तुत की। इस फुटबाल विश्वकप के इतिहास से लेकर वर्तमान तक के सभी छुए अनछुए पहलुओं को आपने श्रोताओ के सामने पेश किया। इसके लिए धन्यवाद।

    अनिलः वे आगे लिखते हैं कि 22 जुलाई के प्रोग्राम में भी वेइतुंग जी ने फिर एक बार विश्व कप पर विस्तार से बताया कि ब्राज़ील ने विश्वकप फुटबॉल 2014 का सफल आयोजन किया । अनिल जी द्वारा इस आयोजन की मार्किंग की गई, जो विशेषज्ञों की मार्किंग के आस पास ही था। जर्मन टीम की कामयाबी पर पर चर्चा काफी अच्छी लगी। जर्मनी के इस जीत में बिगडेटा ने अहम भूमिका निभाई। साथ ही खिलाडियों के एक्शन और तकनीक का विस्तार से अध्ययन किया जाता है। जो टीम को आगे की रणनीति बनाने में सहायक होती है उम्मीद है 2018 में जब रूस में अगला वर्ल्ड कप होगा बिग बैंक डेटा का और विस्तृत रूप में प्रयोग होगा। ताकि टीमें अपनी रणनीति और बेहतर ढंग से बना सकें। वहीं चीन में गत जनवरी में बॉक्स ऑफीस फ़िल्मों का व्यापार आंकड़ा भी चौंकाने वाला लगा। यह जानकार काफी अच्छा लगा कि चीन के ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में इंटरनेट के बढ़ते चलन और मुफ़्त ऑनलाइन पुस्तकों के पढ़ने की प्रवृति बढ़ी है। संता-बंता के जोक्स में जवानी और बुढ़ापे का अन्तर, मातृभाषा-पितृभाषा को लेकर आपका जोक्स बहुत पसंद आया। इसी क्रम में पोद्दार ग्रुप के सीइओ से अनिल जी की बातचीत बहुत अच्छी लगी। इसके लिए शुक्रिया।

    वनिता:दोस्तो, अगला खत हमें भेजा है पश्चिम बंगाल से देबाशीष गोप ने। वे लिखते हैं कि नि हाउ। मैं सीआरआई के प्रोग्राम नियमित रूप से सुनता हूं। सभी प्रोग्राम अच्छे लगते हैं। इसमें चीन का भ्रमण, चीन का तिब्बत, टी टाईम, आपका पत्र मिला, आज का लाइफ स्टाइल, संडे की मस्ती, दक्षिण एशिया फोकस दिलचस्प लगते हैं।

    अनिलः दोस्तो, आज का अंतिम खत भेजने वाले हैं, न्यू हराइजन रेडियो लिस्नर्स क्लब के रविशंकर बसु। वे लिखते हैं कि हिन्दी विभाग की वेबसाइट पर चीन के उत्तर-पश्चिम इलाके में निंगश्या ह्वई स्वायत्त प्रदेश स्थित शाहू झील की फोटो के साथ ही इसके संक्षिप्त विवरण ने मुझे प्रभावित किया। मैं यहां पर शाहू झील के बारे में कुछ बोलना चाहता हूं। पर्यटकों के लिए निंगश्या एक बहुत अच्छा मनोरंजक स्थल है। यहां पर मिट्टी और जल संसाधन चीन की सुन्दरता के द्योतक भी हैं।वास्तव में शाहू झील का दृश्य एक सुन्दर चित्र की तरह है।अगर साफतौर पर कहा जाए तो चीन की रेगिस्तान शाहू झील एक ऐसी जगह है जिसका वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता है। ऐसा लगता है जैसे प्रकृति ने भी अपनी सारी सुंदरता यहीं बिखेर दी हो।शा हू आर्द्रभूमि झील प्रकृति का अद्भुत और सुंदर वरदान है। अगर प्रकृति की सुंदरता की बात करें तो शाहू झील रेगिस्तान कुछ समय के लिए दुनिया की सारी तृष्णाओं से मुझे मुक्त किया। यह तो सच है मैं कभी निंग श्या नहीं गया लेकिन रेडियो पर आप लोगों की रिपोर्ट सुनकर और वेबसाईट पर नींग श्या के बारे में लेख पढ़कर मुझे लगा की मैंने एक परियों की दुनिया घूम ली । अगर मुझे कभी मौका मिला सुन्दर नींग श्या की रेगिस्तान व झील देखने का तो मैं ज़रूर पीली नदी की सीमा पर स्थित शा हू झील रेगिस्तान की मरूद्यान में खड़े होकर बोलना चाहूंगा-"मैं एक परदेशी आया हूं तुम्हारी गोद में,ओ मेरी जान,मुझे तुमसे मोहब्बत है"।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और वनिता को आज्ञा दीजिए, नमस्कार

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