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    चाइना फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन(CFDA) की स्थापना
    2014-08-04 09:18:13 cri

     


    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    वनिता:सभी श्रोताओं को वनिता का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः आज के प्रोग्राम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    दोस्तो, आज का पहला खत भेजने वाले हैं, न्यू हराइजन रेडियो लिस्नर्स क्लब के रविशंकर बसु । वे लिखते हैं कि सबसे पहले मैं आपको सूचित करने जा रहा हूं कि इस साल सीआरआई हिन्दी सेवा की 55 वीं वर्षगांठ के मौके पर हमारे क्लब की ओर से एक अनोखा प्रचार कार्यक्रम आयोजित किया गया। पिछले 1 जुलाई से 10 जुलाई देवशंकर चक्रवर्त्ती के नेतृत्व में आठ सदस्यों ने बड़े उत्साह के साथ तकरीबन 13,600 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा पर सीआरआई हिन्दी विभाग का ध्वज फहराने के लिए कदम उठाया था। यह अमरनाथ गुफा 5000 साल पुरानी है जो जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर शहर के उत्तर-पूर्व से करीब 141 किलोमीटर दूर स्थित है। इस गुफा की लंबाई (भीतर की ओर गहराई) 19 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर है। गुफा 11 मीटर ऊंची है। इस पवित्र गुफा में प्राकृतिक हिम शिवलिंग की पूजा की जाती है। इस पवित्र यात्रा को करने के लिए सिर्फ हिन्दू ही नहीं बल्कि मुस्लिम, सिख और अन्य धर्म के लोग भी आते हैं।

    हमारे क्लब के सदस्यों ने यह यात्रा सिर्फ सीआरआई हिन्दी विभाग के प्रचार के लिए की। मुझे नहीं लगता कि आज तक भारत के किसी श्रोता और श्रोता क्लब ने इस ऊंचे और बर्फीले स्थान पर सीआरआई हिन्दी विभाग के लिए प्रचार अभियान किया हो।

    वनिता:वे आगे लिखते हैं कि हमारे क्लब के सदस्यों ने देवशंकर चक्रवर्त्ती के नेतृत्व में उस दुर्गम यात्रा मार्ग में शामिल यात्रियों को "श्रोता वाटिका" पत्रिका, हिन्दी विभाग के रेडियो कार्यक्रम की सूची बांटी। हमने श्रृद्धालुओं को समझाया कि सीआरआई से हिन्दी भाषा में रोजाना चार कार्यक्रम प्रसारित होते हैं। साथ ही उन्हें सीआरआई से वेबसाइट और इंटरनेट के ज़रिए भी जुड़ने के लिए कहा।

    मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि हमारे इस विशेष दुर्गम अभियान के कुछ फोटो अपनी वेबसाईट पर अपलोड करेंगे। मुझे उम्मीद है कि आपको यह पसंद आएगा, हमें ख़ुशी होगी अगर आप हमारे क्लब के सांस्कृतिक संपादक देवशंकर चक्रवर्त्ती जी का इंटरव्यू लेकर "आपका पत्र मिला" कार्यक्रम में पेश करेंगे।

    अनिलः दोस्तो आज का दूसरा खत आया है केसिंगा ओड़िशा से, इसे भेजने वाला हैं, सुरेश अग्रवाल। लिखते हैं कि दिनांक 21 जुलाई। ताज़ा समाचारों के बाद साप्ताहिक "चीन का भ्रमण" के तहत आज चीन के विशेष प्रशासनिक क्षेत्र हांगकांग की सैर इतनी अच्छी लगी कि तुरन्त वहां जाने की इच्छा हुई। ऐसा लगा कि आधुनिक चीन का सर्वोत्कृष्ट पर्यटन केन्द्र हांगकांग है। कार्यक्रम में वहां के मशहूर सुपर शॉपिंग कॉम्पलेक्स तथा उसमे चार सौ से अधिक लज़ीज़ भोजन तैयार करने वाले रेस्तरां तथा जहाज़ों द्वारा एक द्वीप से दूसरे द्वीप तक पहुँचने की आदर्श व्यवस्था, सब कुछ बरबस ही अपनी ओर आकृष्ट कर लेता है। हांगकांग में वसन्त त्यौहार तथा मध्य शरदोत्सव मनाने का तो अपना ही अंदाज़ है। और हाँ, वहां के प्रसिध्द घुड़दौड़ मैदान एवं उससे सम्बन्धित संग्रहालय के अलावा बुध्द की एक मूर्ति, जिसका वज़न कोई 250 टन है और जिसमे काफी सोना भी लगा है, के बारे में दी गई जानकारी काफी सूचनाप्रद लगी। सब कुछ मनभावन लगा, बस अब देखना यह है कि इन सब चीज़ों को देखने हमारी क़िस्मत कब साथ देती है।

    वनिता:वे आगे लिखते हैं कि कार्यक्रम "मैत्री की आवाज़" के अन्तर्गत पंचशील सिध्दांत की साठवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में चीन यात्रा पर गये भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के साथ गईं मशहूर ओड़िशी नृत्यांगना माधुरी मुदगल से भाई अखिल पाराशर द्वारा ली गई भेंटवार्ता सुन पता चला कि भारत-चीन सम्बन्ध किस तेज़ी से परवान चढ़ रहे हैं और सदियों पुरानी इन दो संस्कृतियों के बीच कितना साम्य है।

    अनिलः अब समय हो गया है प्रोग्राम को आगे बढ़ाने का। नेक्स्ट खत हमें भेजा है, पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल ने। वे लिखते हैं कि हमने चीन अमेरिका वार्ता में शी चिनफिंग का भाषण पढ़ा। पेइचिंग में आयोजित छठी चीन-अमेरिका रणनीतिक व आर्थिक वार्ता और पाँचवीं चीन अमेरिका मानविकी आदान प्रदान से जुड़े उच्च स्तरीय विचार विमर्श के संयुक्त उद्घाटन समारोह मेँ चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने चीन-अमेरिका बड़े देशॉ के बीच नये संबंध स्थापना शीर्षक जो भाषण दिया। उसके बारे मेँ विस्तृत जानकारी देने के लिए धन्यवद । शी चिनफिंग का भाषण बहुत अच्छा लगा। यह बिलकुल सही है कि चीनी और अमरीकी जनता के बीच मैत्रीपूर्ण आवाजाही को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये ।

    वनिता:वे आगे लिखते हैं कि योग भारत मेँ एक आध्यात्मिक प्रक्रिया को कहते हैं। जिसमे शरीर मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम होता है । यह शब्द , प्रक्रिया और धारणा बौद्ध धर्म और हिन्दु धर्म मेँ ध्यान प्रक्रिया से सम्बधित है । योग शब्द भारत से बौद्ध धर्म के साथ चीन , जापान , तिब्बत , दक्षिण पूर्ब एशिया और लंका मेँ भी फैला गया है । आशा है कि चीन -भारत द्वितीय योग शिखर सम्मेलन योग के बिकास के लिये जरूर सकारात्मक भूमिका निभाएगा ।

    अनिलः इस के साथ साथ उन्होंने यह भी लिखा है कि दक्षिण चीन के समुद्रतट पर स्थित हांगकांग एक दर्शनीय अंतराष्ट्रीय बंदरगाह और वाणिज्य केन्द्र है। जो अपनी विशेषता के लिए न केवल चीन मेँ प्रसिद्ध है बल्कि दुनिया के कोने कोने तक इस शहर का नाम फैला हुआ है । मुझे हांगकांग के बारे मेँ बहुत दिलचस्पी है। इस बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए सी आर आई हिन्दी सेवा का धन्यवाद। हांगकांग के सबसे ऊंचा पहाड़ का नाम है थाईफिंग पर्वत। जो 554 मीटर की ऊंचाई पर है और हांगकांग मेँ सबसे लोकप्रिय दर्शनीय स्थलॉ मेँ से एक है । खास बात है कि केवल कार मेँ बैठकर पहाड़ की चोटी तक जाने का सफर रोचक और यादगार रहेगा । यहां के समुद्र पार्क एशिया का सबसे बड़ा समुद्र पार्क है । इस पार्क मेँ लोग न केवल डॉलफिन प्रदर्शन का आनंद उठा सकते है , गगनचुंबी टॉवर को भी देख सकते है । हांगकांग सम्मेलन और प्रदर्शनी केन्द्र एशिया का दूसरा सम्मेलन व प्रदर्शनी हॉल है । छयेन श्वेई वान खाड़ी , एवेन्यू ऑफ़ स्टार्स , ह्वांग दा श्येन मठ , च्येन शाच्चेई थॉग ल्वोवैन खाड़ी , महान थ्येन येन बुद्ध आदि दर्शनीय स्थल के बारे मेँ जानकर अच्छा लगा। हर जगह की अपनी अपनी विशेषता होती है । मुझे विश्वास है कि पर्यटक एक बार इस जगह का दौरा करने के बाद यहाँ की सुंदरता मेँ खो जाएंगे ।

    वनिता:दोस्तो, अगला खत भेजा है दिल्ली से राम कुमार नीरज ने। वे लिखते हैं कि ब्रिक्स देशों में ब्राजील में बैठकों की ताजा तरीन रिपोर्टें आप से बांधे हुए है और आपकी साइट को देखने पर विवश भी करता है। मोदी से मिले शी चिनफिंग पर विस्तृत रिपोर्ट पढ़ी। 14 जुलाई को दोपहर बाद ब्राजील के फोर्टालेज़ा में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्राध्यक्ष चिनफिंग की मुलाकात कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण है।मंगलवार को फोर्तालेजा में मुलाकात के दौरान मोदी ने चिनफिंग से कहा, 'अगर भारत और चीन सीमा विवाद की समस्या को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने में कामयाब हुए तो यह पूरी दुनिया के लिए मिसाल होगा.प्रधानमंत्री ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए एक और मार्ग खोलने का आग्रह भी किया, जिस पर चिनफिंग ने विचार करने का आश्वासन दिया. शी ने सितंबर में भारत आने पर हामी भरी और मोदी को चीन यात्रा का न्योता दिया, जिसे प्रधानमंत्री ने स्वीकार कर लिया,और सबसे अहम यह कि बैठक के लिए निर्धारित समय 40 मिनट था, लेकिन बातचीत का सिलसिला 80 मिनट तक चलता रहा.

    अनिलः वे आगे लिखते हैं कि अब तक भारत-चीन सीमा विवाद के निपटारे के लिए 17 बार विशेष प्रतिनिधि स्तर की बातचीत कर चुके हैं. भारत ने जोर देते हुए कहा कि इस विवाद की जद में 4,057 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा आती है, जबकि चीन ने इसके महज दो हजार किमी तक सीमित होने का दावा किया. शी ने सुझाव दिया कि दोनों पक्षों को सकारात्मक तरीके से सभी विवादों को सुलझाना चाहिए. चिनफिंग ने द्विपक्षीय संबंधों को लेकर मोदी की समझ की प्रशंसा की. अलग अलग समाचार माध्यमों में लगातार आ रही खबरों के अनुसार दोनों पक्षों ने माना कि भारत और चीन के पास न केवल साझेदारी की असीमित संभावनाएं हैं, बल्कि दोनों मुल्क एशिया और वैश्विक समृद्धि बढ़ाने में अहम योगदान कर सकते हैं. चिनफिंग ने दोनों देशों के आपसी संबंधों को अहम बताया. मोदी ने दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को उठाते हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र, औद्योगिक पार्क व निवेश सहयोग की बात की. उन्होंने दोनों देशों के बीच कारोबारी असंतुलन का जिक्र करते हुए सुधार की मांग की. इस पर चीन ने भारत में निवेश बढ़ाने का वादा किया. प्रस्तुत रिपोर्ट बेहद प्रशंसनीय है और इस सम्मलेन की हर पहलू पर एक निष्पक्ष विवेचन सुनने को मिल रहा है.एक बार फिर सी आर आई के तमाम सहयोगियों को ढेरों धन्यवाद.

    धन्यवाद।

    वनिता:दोस्तो, हमारे श्रोता हेमंत कुमार ने एक सवाल पूछा है कि चाइना फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन(CFDA) की स्थापना कब और क्योँ की गई?

    दोस्तो, चीनी राष्ट्रीय फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन वर्ष 1998 में स्थापित हुआ, जिसका कार्य है फूड और ड्रग से संबंधित कानून का मसौदा तैयार करना, फूड और ड्रग का सुरक्षित रूप से प्रबंधन करना, फूड और ड्रग की सुरक्षा के बारे में जांच करना आदि।

    अनिलः दोस्तो, अब पेश है, अगला गत्, खत लिखने वाले श्रोता ने अपना नाम तो नहीं लिखा है। लेकिन हम कार्यक्रम में शामिल कर रहे हैं। खत का विषय है 5वें चीनी शिनच्यांग अंतर्राष्ट्रीय बाल कला महोत्सव का शुभारंभ 15 जुलाई को शिनच्यांग की राजधानी उरूमछी में हुआ। छह दिवसीय महोत्सव के दौरान 18 देसी-विदेशी बाल कला मंडलियों के 300 से अधिक बच्चों ने अपने प्रदर्शन का जलवा बिखेरा।यह सांस्कृतिक आदान प्रदान का बेहतरीन माध्यम है मेरी ओर से चीन सरकार को बधाई।

    वनिता:अब मेरे हाथ में अगला खत है, इसे भेजा है सऊदी अरब से मुहम्मद सादिक आज़मी ने। वे लिखते हैं कि विगत दिनों आपके पेज पर विज़िट से ज्ञात हुआ कि 5वां चीनी शिनच्यांग अंतर्राष्ट्रीय बाल कला महोत्सव का शुभारंभ 15 जुलाई को शिनच्यांग वेवुर स्वायत प्रदेश की राजधानी उरूमछी में हुआ। शिनच्यांग के चीन विदेश मैत्री संघ के अनुसार रूस, कजाखस्तान, जॉर्जिया गणराज्य, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान जैसे 6 देशों के 9 बाल कला मंडलियां और शिनच्यांग की 9 स्थानीय बाल कला मंडलियां महोत्सव में हिस्सा ले रही हैं जो प्रशंसनीय है। पर भारत की भागीदारी भी आवश्यक थी आशा करते हैं आने वाले समय मे भारत की कलामण्डली बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेंगी।

    अनिलः प्रोग्राम में अंतिम खत आया है झारखंड से एसबी शर्मा का। वे लिखते हैं कि ब्रिक्स देशों का सम्मलेन अभी अभी ब्राजील में समाप्त हुआ है भारत और चीन के राष्ट्राध्य्क्षों ने भी इसमें भाग लिया और ब्रिक्स में कई नई शुरुआत की गई, इस सप्ताह के दक्षिण एशिया फोकस में पंकज जी ने सहारा समय के विदेश विभाग के संवाददाता विजेंद्र जी से इसी मुद्दे पर बात की। जैसा की आपने बताया ब्रिक्स बैंक की स्थापना हो गई है जिसका मुख्यालय चीन के शंघाई शहर में होगा और इसका प्रथम सी ई ओ भारतीय होगा। 50 अरब डॉलर की शुरुआती पूंजी के साथ 100 अरब डॉलर के आकस्मिक पूंजी की भी व्यवस्था की गई है। इसमें सभी सदस्य देशों की बराबर की भागीदारी होगी और सबका बराबर केयर होगा। इस बैंक की यह एक अहम खासियत होगी विश्व बैंक आईएमएफ पर थोड़ा भार कम हो जायेगा और ब्रिक्स के देशों को भी आपने इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए ब्रिक्स बैंक से अच्छी पूजी मिलेगी। जिससे आने वाले दिनों में विकाशशील देशो के विकास की रफ़्तार और तेज होगी जैसा कि बताया जा रहा है। इस बैंक का लाभ सदस्य देशों के अलावा दूसरे देशों को भी मिलेगा। यानि वियतनाम, इंडोनेशिया और तुर्की जैसी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को भी मदद मिलेगी।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और वनिता को आज्ञा दीजिए, नमस्कार

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