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    2014 तिब्बती मुखौटा कला प्रदर्शनी पेइचिंग में
    2014-06-30 08:56:25 cri

     


    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    वनिता:सभी श्रोताओं को वनिता का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः आज के प्रोग्राम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    दोस्तो, आज का पहला खत भेजने वाले हैं, दिल्ली से राम कुमार नीरज । वे लिखते हैं कि यूँ तो आपकी साईट अच्छी लगती है। दुनिया के तमाम मुद्दों पर ज्ञानवर्धक एवं मनोरंजक सूचनाएं हमें मिलती है। लेकिन फोटो गैलरी में दिखनी वाले रिपोर्ट और भी बेहद दिलचस्प है। इसी में पेइचिंग में गर्मी से परेशान लोगों पर ऑमलेट पका देने वाली गर्मी से संबंधित फोटो बेहद दिलचस्प लगी। बीते महीने 28 से 31 मई तक पेइचिंग में अधिकतम तापमान 34 से 36 डिग्री सेल्सियस के लगभग रहने की संभावनाओं तवे पर अंडा पकने का अंदाज,सचमुच बेहद दिलचस्प है। ये ठीक है कि बीजिंग की गर्मी को सूचित करने के लिए अंडे को इस हालत में दिखाया जाना महज एक सांकेतिक हो सकता है। लेकिन इससे यथास्थिति की जानकारी तो मिल ही जाती है.

    वनिता:वे आगे लिखते हैं, बीजिंग से अधिक गर्मी भारत की राजधानी दिल्ली में पड़ रही है। पूरा उत्तर भारत चढ़ते पारे से परेशान है, सूरज कहर बरपा रहा है. कहीं पारा 42 के पार है तो कहीं 45 डिग्री के भी ऊपर चला गया है. दोपहर में तो सूरज पूरी तरह झुलसा दे रहा है. गर्मी का आलम ये है कि लोग घरों से निकलने से कतरा रहे हैं.

    भीषण गर्मी में बिजली पानी की कमी लोगों को और रुला रही है। जलस्तर नीचे चला गया है जिसके चलते तमाम हैंडपंप सूख गए हैं. वहीं बिजली की कमी के चलते भी पानी की समस्या पैदा हो गई है. सरकार ने भी गर्मी के लिहाज से अभी तक कोई ठोस इंतजाम नहीं किए हैं। लेकिन आपकी दिलचस्प फोटो और जानकारी के लिए धन्यवाद।

    अनिलः दोस्तो, आज का दूसरा खत आया है केसिंगा ओड़िशा से, इसे भेजने वाला हैं, सुरेश अग्रवाल। लिखते हैं कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत की यात्रा की। इस यात्रा का महत्व इसलिये बढ़ जाता है कि भारत में नरेन्द्र मोदी के नेत्तृत्व में चुनी गई नई सरकार को अपना कार्यभार सम्भाले अभी 15 दिन भी नहीं हुये कि चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग द्वारा अपने विशेष दूत के तौर पर वांग यी को न केवल भारत भेजा। अपितु इसी वर्ष स्वयं उनके भी भारत की राजकीय यात्रा पर पधारने की घोषणा कर दी गई। निश्चित तौर पर यह यात्रायें भारत-चीन सम्बन्धों को बहुत आगे ले जाने का संकेत दे रही हैंकार्यक्रम "मैत्री की आवाज़" के तहत सन 2014 चीन-भारत मित्रवत वर्ष होने के उपलक्ष्य में चीन में ज़ारी विशेष गतिविधियों के बारे में जान कर मन बाग़-बाग़ हो उठा। आज के कार्यक्रम में मित्रवत वर्ष के दौरान चीन के बारह प्रमुख शहरों में दिखलाई जाने वाली भारत की झलक नामक गतिविधि पर कई लोगों से की गई बातचीत के अंश सुनवाया जाना बहुत अच्छा लगा। गतिविधि के लिये बनाया गया विशेष मास्क (लोगो) जिसमे कत्थककला तथा पेइचिंग ऑपेरा की संयुक्त झलक देखने को मिलती है, के बारे में जानकर ऐसा लगा कि मानों चीन में किसी बड़े ओलम्पिक का आयोजन किया जा रहा हो। और हाँ, इसी जून-जुलाई में चीन के विभिन्न शहरों आयोजित भारतीय फिल्मोत्सव सम्बन्धी जानकारी भी काफी उत्साहवर्धक लगी। दिल तो करता है कि चीन के बारह शहरों में आयोजित भारत की झलक गतिविधि का मैं स्वयं वहां जाकर लुत्फ़ उठा सकूं !

    वनिता:अब समय हो गया है प्रोग्राम को आगे बढ़ाने का। नेक्स्ट खत हमें आया है, झारखंड से एस बी शर्मा का। वे लिखते हैं कि दूसरा चीन दक्षिण एशिया मेला यानी 22वां चीनी खुनमिंग आयात-निर्यात मेला 6 जून को दक्षिण-पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत की राजधानी खुनमिंग में उद्घाटित हुआ। उद्घाटन समारोह में चीनी उप-प्रधानमंत्री वांग यांग, नेपाली प्रधानमंत्री सुशील कोईराला, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना समेत कई देशों के नेता मौजूद थे । चीन दक्षिण एशियाई देशों के साथ मित्रवत सहयोग को बड़ा महत्व देता इस कारण दक्षिण एशिया के देशों के बीच आपसी विश्वास और व्यापार बढ़ाने के लिए पिछले साल से दक्षिण चीन के खुनमिंग में यह मेला आयोजित हो रहा है। भारत सहित दक्षिण एशिया के देश इसमें हिस्सा ले रहे हैं। विभिन्न देशों के नेताओं ने यह आशा व्यक्त की है कि यह मेला दोनों पक्षों के लिए सहयोग और आदान-प्रदान का सेतु बनेगा। साथ ही इससे आपसी सेवा व्यापार और पूंजी निवेश भी बढ़ेगा। हम भी इसकी उम्मीद करते हैं।

    अनिलः वे आगे लिखते हैं, पिछले दिनों विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से चीन के विदेश मंत्री वांग यी की मुलाकात अच्छी रही। वांग यी ने चीन सरकार के सन्देश को भारत पहुंचाया। वैसे भी दोनों देश की सरकारें संबंध सुधारने के लिए उत्सुक हैं। भारत की पूर्व की ओर देखो की नीति से भी इसे समर्थन मिलता है। चीन भारत के विकास का स्वागत और समर्थन करता है भारत चीन को खासा महत्व देता है दोनों देश आर्थिक सुधार और खुलेपन से एक दूसरे के लिए बड़ा बाजार है। दोनों देशों के बीच व्यापक संभावनाएं हैं। उम्मीद है भारत चीन मित्रवत वर्ष में दोनों देश एक दूसरे को गले लगाएंगे।

    वनिता:दोस्तो, अगला खत भेजा है पश्चिम बंगाल से असीम जे. घोष ने। वे लिखते हैं कि आपकी वेबसाइट पर "2014 तिब्बती मुखौटा कला प्रदर्शनी पेइचिंग में" शीर्षक लेख काफी रोचक एबं ज्ञानवर्धक लगा। यह भी पता लगा कि मुखौटे को तिब्बती भाषा में "बा" कहा जाता है, साथ ही यह भी जानकारी मिली कि इसका प्रयोग मुख्य तौर पर तिब्बती बौद्ध धर्म के धार्मिक नृत्य, तिब्बती ओपेरा और विभिन्न प्रकार के लोक कलात्मक अभिनय में किया जाता है। इस "मुखौटा कला" पर विशेष कार्यक्रम रेडियो पर प्रसारित करने का अनुरोध करता हूं।

    अनिलः वे आगे लिखते हैं कि रेडियो कार्यक्रम पर साथ ही सी आर आई हिंदी वेबसाईट पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी जी की भारत यात्रा, भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जी के साथ उनकी वार्ता और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से खास मुलाकात के बारे में विस्तृत रिपोर्ट पढ़ी। सबसे मजे की बात यह थी की जब चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने जो सबसे अहम संदेश मोदी जी को दिया वह है कि "राष्ट्रीय कायाकल्प के रास्ते पर चीन आपके साथ खड़ा है." उधर मोदी ने वांग से कहा, "हम चीनी नेतृत्व के साथ मिल कर काम करना चाहते हैं और अपनी साझीदारी बढ़ाना चाहते हैं." हमें भी यही आशा और उम्मीद है की भारत और चीन मिल कर आगे बढ़ें और दुनिया के सामने एक मिसाल बन जाये.

    वनिता:अब मेरे हाथ में अगला खत है, इसे भेजा है दिल्ली से अमीर अहमद ने। वे लिखते हैं कि नमस्ते।आशा है कि आप सभी लोग अच्छे होंगे। 2014 तिब्बती मुखौटा कला प्रदर्शनी जो पेइचिंग में आयोजित हुई उसके बारे में जानकारी के साथ कई मुखौटे की फोटो भी देखने को मिली। मालूम हुआ कि प्रदर्शनी में कुल 75 मुखौटे प्रदर्शित किए गए।

    अनिलः वे आगे लिखते हैं कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी का हम इंडो चाइना कल्चर सोसायटी के सभी सदस्य स्वागत करते हैं। इस यात्रा से काफी उम्मीदें लगी थी क्योंकि भारत में सत्ता परिवर्तन के बाद चाइना से ये पहली यात्रा है। आशा है कि इस यात्रा से दोनों देशों की जनता के सपने साकार होने में मदद मिलेगी। अच्छी बात है कि भारत की नयी सरकार चीन के साथ संबंधों को बडा महत्व देती है और चीन के प्रति सकारात्मक रूख अपनाकर द्विपक्षीय संबंधों को नये स्तर पर पहुंचाएगी। यह भारतीय जनता की इच्छा भी है। दोनों देशों के नेताओं ने सहमति जताई है की सांस्कृतिक आदान प्रदान मजबूत किया जाए। इस साल चीन-भारत मित्रवत आदान प्रदान वर्ष के विभिन्न कार्यक्रमों का बखूबी अंजाम दिया जाए। वीजा प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए। , सीमा सवाल का समुचित निपटारा किया जाए।

    वनिता:दोस्तो, नेक्स्ट लैटर हमें भेजा है, पश्चिम बंगाल से देबाशीष गोप ने। वे लिखते हैं नि हाऊ। भारत चीन मैत्रीवर्ष 2014 पर रिपोर्ट और जानकारी पाकर भारत-चीन संबंधों के बेहतर होने की उम्मीद जगी। वैसे इस तरह के कदम दोनों देशों के हित में होंगे। इसके साथ ही देवाशीष ने एक कविता भी भेजी है।

    पल पल में

    खो गया

    सी आर आई हिन्दी

    क्या-क्या ना दिया

    ज्ञान, हंसगुल्ले मजा

    और सुन्दर गाने

    ए बात सबको

    जरूर बाताना

    जो सुनेगा सी आर आई

    ज्ञान होगा गहरा।

    क्या बात है देवाशीष जी, सीआरआई के बारे में कविता लिखने के लिए आपका धन्यवाद।

    अनिलः प्रोग्राम में अंतिम खत आया है पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल का। वे लिखते हैं कि हमें आपके प्रोग्राम का बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है। विशेषकर टी-टाइम प्रोग्राम को लेकर बड़ी उत्सुकता रहती है। टी टाइम के नए अंक सुनने के लिए वक्त निकालने की पूरी कोशिश करता हूं। 17 जून के कार्यक्रम मेँ कोलकाता मेँ विश्व कप फुटबाल के प्रभाव, बालों के बारे मेँ टिप्स , मोबाइल से होने वाले नुकसान आदि के बारे में जाना। धन्यवाद।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और वनिता को आज्ञा दीजिए, नमस्कार

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