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    कार्यक्रमों पर श्रोताओं की राय
    2014-06-09 11:18:10 cri

     


    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    वनिता:सभी श्रोताओं को वनिता का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः आज के प्रोग्राम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    दोस्तो, आज का पहला खत भेजने वाली हैं, पश्चिम बंगाल से मनीषा चक्रवर्ती। वे लिखती हैं कि प्रसिद्ध बंगाली कवि काज़ी नजरुल हुसैन की 115 वीं जयंती पर मैं श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। नजरुल इसलाम बंगला भाषा के अन्यतम साहित्यकार,देशप्रेमी तथा बंग्लादेश के राष्ट्रीय कवि हैं। पश्चिम बंगाल और बंग्लादेश दोनों ही जगह उनकी कविता और गान को समान आदर प्राप्त है। उनकी कविता में विद्रोह के स्वर होने के कारण उनको 'विद्रोही कवि' के नाम से भी जाना जाता है।

    वनिता:दोस्तो, आज का दूसरा खत भेजा है, केसिंगा ओड़िशा से सुरेश अग्रवाल ने। लिखते हैं कि साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" के तहत चीनी स्वायत्त प्रदेश तिब्बत के राजधानी शहर ल्हासा की रहस्य और रोमांचभरी सैर कराने के लिये हार्दिक धन्यवाद। प्रत्यक्ष न सही, बेतार ध्वनि तरंगों के ज़रिये वहां के मशहूर पोताला महल, चोखांग मठ तथा पाखोर सड़क का नयाभिराम नज़ारा मन को रोमांचित कर गया। कभी मौक़ा मिला तो रहस्य-रोमांच के इस तिलस्म से होकर मैं अवश्य गुजरना चाहूँगा।

    अनिलः वे आगे लिखते हैं कि कार्यक्रम "दक्षिण एशिया फ़ोकस" के अन्तर्गत श्री पंकज श्रीवास्तव द्वारा भारत में सम्पन्न आमचुनावों के बाद देश में बनने वाली नई सरकार से लोगों की अपेक्षाओं को जानने जीवन के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों के विचार सुनवाया जाना बहुत अच्छा लगा। वास्तव में, यूपीए के विगत दस साल के शासन में देश की जनता महंगाई, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार तथा नागरिक सुरक्षा जैसे मुद्दों से मुद्दों जूझती रही, इसलिए स्वाभाविक है कि नई सरकार से इन्ही मूलभूत समस्यों से छुटकारा दिलाये,लोगों की अपेक्षा रहेगी।

    उधर साप्ताहिक "टी टाइम" में आज मेहमान का नया पन्ना जोड़ दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दी पत्रकारिता विभाग में सहायक प्रोफ़ेसर संजय सिंह से ली गई भेंटवार्ता कार्यक्रम की जान रही। पूर्वी देशों में होने वाली नवीनतम साहित्यिक तथा अन्य गतिविधियों के अध्ययन सम्बन्धी कॉन्फ़्रेंस में पेइचिंग भाग लेने गये संजय सिंह द्वारा भेंटवार्ता में व्यक्त विचार काफी सारगर्भित लगे। उनका यह कहना बिलकुल सही जान पड़ा कि समय था कि पूर्वी देशों को पश्चिम की ओर देखना पड़ता था, परन्तु अब पश्चिम पूर्व की ओर ताकने पर विवश है। चीन-भारत सहयोग की संभावनाओं तथा भारत के नये प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की समझ-बूझ सम्बन्धी प्रश्नों का भी उन्होंने बखूबी उत्तर दिया। आपसे गुज़ारिश है कि कार्यक्रम में भविष्य में भी ऐसे ही विद्वत लोगों से बातचीत सुनवाया करें, ताकि प्रसारण को सार्थकता प्रदान की जा सके। वैसे आज नियमित स्तम्भों के तहत दी गई जानकारी भी काफी महत्वपूर्ण रही। एक ब्रिटिश संग्रहालय में गत 22 मई से आयोजित ईसा पूर्व 3500 साल से लेकर 700 ईस्वी तक पुरानी ममियों की प्रदर्शनी सम्बन्धी जानकारी काफी सूचनाप्रद लगी। हेल्थकेयर में शिष्टाचार के नाते हाथ मिलाना भी किसी बड़े संक्रमण का सबब बन सकता है, यह बात ज़रूर चौंकाने वाली थी। वैसे हम भारतीयों को इससे चिन्तित होने की ज़रुरत नहीं, क्यों कि हमारी संस्कृति में तो अभिवादन के लिये हाथ मिलाने की नहीं, हाथ जोड़ने की परम्परा है और विज्ञानं ने भी अब यह सिध्द कर दिया है कि -हम कितना विज्ञानं सम्मत हैं ! आज के कार्यक्रम में पेश तमाम हंसगुल्ले औसत स्तर के रहे।

    वनिता:दोस्तो, अगला खत भेजा है एसबीएस वर्ल्ड श्रोता क्लब से एस बी शर्मा ने। वे लिखते हैं दक्षिण एशिया फोकस में पंकज जी ने हाल में संपन्न चुनावों का बहुत अच्छा विश्लेषण किया। वहीं चुनाव परिणाम आने से पहले आपने देशभर के विभिन्न वर्ग, जैसे किसान, पत्रकार, अध्यापक, इंजीनियर , उद्योगपति और छात्रों से बात की और उनकी नई सरकार से उम्मीदों के बारे में जाना। सबने अपनी राय दी उस राय को आपने बिना तोड़ मरोड़ के श्रोताओ को सुनाया जो काफी सराहनीय रहा। श्रोताओ ने भी दिल खोलकर अपनी राय जाहिर की। चुनाव परिणाम भी आशा के अनुरूप ऐतिहासिक रहा। आगे भी इस तरह के कार्यक्रम जारी रखें।

    अनिलः वे आगे लिखते हैं कि मार्कोपोलो की चीन यात्रा पर आधारित "मार्को पोलो के पदचिन्हों पर" शीर्षक संबंधी आपकी विस्तृत और विशेष प्रस्तुति लाजबाव रही। मार्को पोलो की यात्रा और चीन में बिताये 17 साल के अनुभव और उनकी लिखी पुस्तक मार्को पोलो के सारांश को आपने एक जगह पर संकलित किया है। जिसमें काफी गूढ़ बातों को विस्तार से बताया गया है इस लेख के माध्यम से आपने पामीर के पठार, पीली नदी, निडंश्या, शाडंतू आदि जगहों की विस्तृत जानकारी दी है। इसी लेख से पता चला कि "राज प्रासाद संगमरमरी तथा अन्य सजावटी पत्थरों से निर्मित था। इसके सभी भवन तथा कक्ष स्वर्ण जड़ित थे। राज प्रसाद के अलावा मार्को पोलो ने और भी दूसरे रोमांचक तथ्य की जानकारी दी जिसे आपने इस आलेख में वर्णित किया है " मार्कोपोलो ने मृत्यु सागर के विषय में बताया है की इस मृत्यु सागर में "यात्री आत्माओं की बातचीत कभी कभी सुन सकता है, सचमुच वे उसे नाम लेकर भी पुकारती हैं। अक्सर ऐसी आवाज़ें उसे रास्ते से भटका देती हैं और वह इसका पता फिर कभी नहीं लगा पाता। और इस तरह अनेक यात्री यहां आकर खो गए।"

    मार्कोपोलो ने हशी गलियारा का उल्लेख इस प्रकार किया है " उन्हें रास्ते में हशी गलियारा मिला, जो कलाकृतियों तथा धार्मिक प्रतिमाओं की गैलरी है। पोलो ने लिखा,"यहां रास्ते पर बने मंदिरों में स्थापित देवताओं की प्रतिमाएं बड़े उत्कृष्ट तरीके से उभारी गई हैं। वे बहुत सुन्दर और जीवन्त दीख पड़ती हैं। ""बोधिसत्व की प्रतिमाओं पर सोना चढ़ा हुआ था तथा वे कीमती आभूषणों से सुसज्जित थीं" सारे गलियारे की गुफ़ाएं बौद्ध प्रतिमाओं, प्राचीन पगोडा तथा भित्तिचित्रों से अटी पड़ी हैं। आपका यह लेख काफी क्रियेटिव है इसके लिए सी आर आई की टीम को मैं धन्यवाद करता हूँ

    वनिता:दोस्तो, इसके बाद पेश है पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल का खत। लिखते हैं कि बिश्व मेँ सबसे लम्बा ऐतिहासिक महाकाव्य जो पुरानी तिब्बती जाति की संस्कृति की सर्बश्रेष्ठ उपलब्धि का प्रतिनिधित्व वाली गेसार के बारे मेँ जानकारी देने के लिए धन्यबाद । उमीद है कि परम्परा के अनुसार गेसार के उत्तराधिकारी गाफालखाओ की अभिलाषाय पूरण के लिए हर प्रकार प्रयास करें जिससे गेसार के कला को रक्षा की जा सके ।

    बिशेष प्राकृतिक दृश्यवाली रहस्यमय अड्वेन्चर जगह है तिब्बत की राजधानी ल्हासा । इस ल्हासा के प्रमुख आकर्षन जोखान मठ , पोटाला महल के बारे मेँ जानके बहुत अच्छा लगा । खासकर पोटाला महल । लाल और सफेद रंग की दीवार और गोल्डन छत वाला यह पैलेस ल्हासा का प्रमुख आकर्षण है। जिसका क्षेत्रफल 1 लाख 30 हज़ार बर्गमीटर से अधिक और ऊंचाई 110 मीटर से अधिक है। हज़ारॉ कमरे वाली इस पैलेस का वर्णन सुनकर इसे आंखों से देखने की इच्छा होती है।

    अनिलः वे आगे लिखते हैं कि यह खुशी की बात है कि चीनी नौसेना का बेड़ा मित्रवत चार दिबसीय यात्रा के लिए भारत के बिशाखापट्टनम् पहुंचा । आशा है इस यात्रा मेँ दोनों देशॉ के नौसेना के बीच मित्रता मजबूत होगी। साथ ही साथ चीनी अधिकारी और सैनिको को भारत की संस्कृति को समझने मेँ मदद मिलेगी ।

    उधर उन्होंने यह भी कहा कि बालुरघाट स्थित साहेबकाछारी उत्सब भबन मेँ सी आर आई हिन्दी सेवा की 55वीँ बर्षगांठ पर 18 मई को कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए । इस कार्यक्रम मेँ मुख्य अतिथि के रूप मेँ "दक्षिण दिनाजपुर वार्ता " शीर्षक आखबार के एडिटर राहुल बागची एबं पौर काउंसिलर कल्पना साहा और अरिजित चंद मौजूद थे । मैं इस प्रतियोगिया के फोटो आपको भेज रहा हूं।

    वनिता:दोस्तो, इसके बाद पेश है एक अन्य श्रोता का खत। जिन्होंने अपना नाम तो नहीं लिखा है, लेकिन हम इसे शामिल कर रहे हैं। वे लिखते हैं कि 1984 के बाद भारतीय जनता ने एक साहसिक कदम उठाकर किसी एक पार्टी को बहुमत से जिताया और अपने बल पर कुछ करने और देश को आगे बढ़ाने का अवसर दिया है। अब सरकार कितना जनता के भरोसे का मान रखती है देखना दिलचस्प होगा। मैं आपके माध्यम से भाजपा और मोदी जी के नेतृत्व में बनी सरकार को बधाई देता हूं।

    अनिल:दोस्तो, अगला खत आया है पश्चिम बंगाल से। भेजने वाले हैं देवशंकर चक्रवर्ती । वे लिखते हैं कि पिछले 16 मई शुक्रवार को 'दक्षिण एशिया फोकस' प्रोग्राम में 16 वीं लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर विशेष कवरेज एवं दिनांक 21 मई को साप्ताहिक "आपका पत्र मिला" कार्यक्रम में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक विजय को लेकर प्रोग्राम एंकर अनिल पांडे जी के साथ वरिष्ठ पत्रकार पंकज बिष्ट जी का साक्षातकार अच्छा लगा। आशा है नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नयी सरकार बनने से हमें कुछ नया मिलेगा। आशा है मोदी सरकार आम जनता के लिए,गरीबों के लिए,शोषित एवं वंचितों के लिए काम करेंगे।

    दोस्तो, अगला खत भी आया है, पश्चिम बंगाल से। भेजने वाले हैं देबाशीष गोप। वे लिखते हैं कि सीआरआई के प्रोग्राम काफी रोचक और ज्ञानवर्धक लगते हैं। मैं प्रोग्राम नियमित रूप से सुनता हूं। यह साल चीन-भारत मैत्री वर्ष है। मुझे आशा है कि दोनों देश संस्कृति, कूटनीति आदि पर चर्चा करेंगे और संपर्क बढ़ाएंगे। आपके प्रोग्राम के बारे में इतना ही कहूंगा टी टाईम, आज का लाइफ स्टाइल, आपकी पसन्द, आपका पत्र मिला, सन्डे की मस्ती मुझे अच्छे लगते हैं। चीन का तिब्बत, चीन का भ्रमण, साप्ताहिक चीन का पर्यटन से संस्कृति संबंधी जानकारी मिलती है।

    वनिता:दोस्तो, यह वर्ष भारत चीन मित्रवत वर्ष है। इस अवसर पर खुनमिंग चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है। हमें न्यू हराइजन रेडियो लिस्नर्स क्लब के देवशंकर चक्रवर्ती और अन्य कुछ श्रोताओं के चित्र मिले हैं। सभी चित्र बहुत सुन्दर हैं। हमें खुशी है कि श्रोता इस प्रतियोगिता के बारे में जानकारी रखते हुए इसमें भाग ले रहे हैं। यहां बता दें कि युन्नान और खुनमिंग चीन की सबसे सुन्दर जगहों में से एक है। आशा है कि अन्य श्रोता भी इस प्रतियोगिता में भाग लेंगे और ज्यादा चित्र हमें भेजेंगे। प्रतियोगिता समाप्त होने के बाद हम वेबसाइट पर पुरस्कार जीतने वालों की सूची जारी करेंगे।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और वनिता को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

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