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    श्रोताओं की नज़र में हिन्दी विभाग का कार्यक्रम
    2014-04-21 14:20:28 cri

     


    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    वनिता:सभी श्रोताओं को वनिता का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः आज के प्रोग्राम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    दोस्तो, आज का पहला खत भेजने वाले हैं, अन्कित खन्डेलवाल। वे लिखते हैं नमस्कार, मेरा नाम अन्कित खन्डेलवाल हैं। चीन के बारे में मुझे पिछले कुछ साल से पता चला है. इस खूबसूरत देश को जानना एक कहानी के समान हैं। मैं अपनी कहानी 'सीआरआई श्रोताओं के साथ शेयर करना चाहता हूं। मैं इसे ई-मेल के साथ भेज रहा हूं, आशा है कि आपको मेरा अनुभव पसंद आयेगा। धन्यवाद!

    वनिता:दोस्तो, आज का दूसरा खत आया है पश्चिम बंगाल से, इसे भेजने वाले हैं, हमारे श्रोता सुशोभन साहा। लिखते हैं कि मैं सी.आर.आई का पिछले तीन महीने से श्रोता हूं। मुझे आपके द्वारा प्रसारित कार्यक्रम बहुत पसंद आते हैं। जैसे कार्यक्रम "आपकी पसंद" में श्रोताओं के अनुरोध पर सुनाए जाने वाले गीत तथा चीनी गीतों पर आधारित कार्यक्रम। पिछले 26 मार्च को "आपका पत्र मिला" प्रोग्राम में सी.आर.आई हिन्दी सेवा की 55 वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रविशंकर बसु जी को एवं उनके क्लब "न्यू हराइजन रेडियो लिस्नर्स क्लब" ज़ारी "सभी के दिलों में सीआरआई हिन्दी सेवा" शीर्षक सीडी के मुख्य अंश सुनकर बहुत आनंद मिला। मैं उक्त क्लब के सभी सदस्यों को मैं अपनी हार्दिक धन्यवाद देता हूं।

    अनिलः दोस्तो, अगला खत आया है केसिंगा ओड़िशा से, भेजने वाले हैं सुरेश अग्रवाल । लिखते हैं कि अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों के बाद पेश साप्ताहिक "सण्डे की मस्ती" की मस्त-मस्त बातें आज भी काफी मनोरंजन लिये थीं.शुरुआत ही में अपने दिवंगत परिजनों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने का मौक़ा प्रदान करने वाले चीन के महत्वपूर्ण छिंगमिंग त्यौहार पर विस्तृत जानकारी प्रदान करने हेतु हार्दिक आभार। कार्यक्रम में यह जान कर अज़ीब लगा कि चीन के चेच्यांग प्रान्त के एक शहर में पेशाब में उबले अण्डे खाना सेहत के लिये अच्छा माना जाता है और अब इसे संस्कृति से जोड़ कर राष्ट्रसंघ की सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल कराने का प्रयास भी किया जा रहा है.हमने भारत में स्वमूत्र चिकित्सा की बात तो सुनी थी, परन्तु किसी और का मलमूत्र पान करने की बात सर्वथा नई और आश्चर्यजनक लगी.न्यूज़ीलैण्ड में कौए की चतुराई पर किये गये शोध का परिणाम जान कर अच्छा लगा.और हाँ, इंग्लैण्ड की 41 वर्षीया महिला सारा द्वारा 19 साल पूर्व गोद दी गई अपनी बेटी कैलेग मेरी की गूगल पर सफल खोज़ और माँ-बेटी का दोबारा भावपूर्ण मिलन आधुनिक तकनीक को सैल्यूट करने मज़बूर कर गया.आज के कार्यक्रम में पेश तमाम हंसगुल्लों का स्वाद तो रसगुल्लों से भी अधिक मीठा था.अखिलजी की संतरा शायरी भी गज़ब की थी.हाँ, करवा चौथ वाले चुटकुले पर चित्रगुप्तजी की ख़ुशी को समझने में मैं असफल रहा !

    वनिता:दोस्तो, अब प्रोग्राम को आगे बढ़ाते हुए पढ़ते हैं पश्चिम बंगाल से हमारे श्रोता रविशंकर बसु का खत। लिखते हैं कि सादर नमस्कार। मुझे आपके लगभग सभी कार्यक्रम अच्छे लगते हैं । परन्तु "चीन का भ्रमण","चीन का तिब्बत","आपका पत्र मिला","टी टाइम" और "मैत्री की आवाज़" सबसे अधिक पसंद हैं। गत् 31 मार्च,2014 को साप्ताहिक "चीन का भ्रमण" प्रोग्राम के माध्यम से पूर्वी चीन के ऊशी शहर की अति सुन्दर कछुए का सिर का वर्णन मुझे बेहद अच्छा लगा। इस कार्यक्रम में यांग ईफंग जी द्वारा सूचोउ की नदियों और झीलों के अद्भुत सौंदर्य की जानकारी मनमोहक लगी। साथ ही उत्तर चीन के चीलिन प्रांत की छाडंपाए कोरियाई स्वायत्त काउंटी में रहने वाली विभिन्न जातियों की लोगों के कठोर जीवन के बारे में विस्तृत जानकारी भी दिलचस्प लगी। मैं यांग जी एवं रूपा जी से अनुरोध करता हूं कि इसी तरह "चीन का भ्रमण" कार्यक्रम में चीन के सुदूर सुंदर क्षेत्रो में यात्रा की कहानी आगे भी देते रहें।

    अनिलः दोस्तो अगला खत भी पश्चिम बंगाल से है। भेजने वाली हैं सुदेष्णा बसु। वे लिखती हैं कि मैं 1999 से अब तक सीआरआई-हिंदी विभाग की नियमित श्रोता हूं। मैं "चीन का भ्रमण","टी टाइम","आपकी पसंद" एवं "आपका पत्र मिला" प्रोग्राम सुनती हूं। आपका हिंदी कार्यक्रम सुनना मेरी जिंदगी का एक हिस्सा बन गया है। मैंने 21 जनवरी से प्रसारित टी टाइम के पहले प्रोग्राम से 1 अप्रैल तक नौ अंक सुने हैं। यह प्रोग्राम बेहद ही ज्ञानवर्धक और अच्छा है। इसकी सुंदर प्रस्तुति तथा महत्वपूर्ण विषय मुझे अपनी ओर आकर्षित करते हैं। मेरे विचार में टी टाइम प्रोग्राम हमारे लिए असीमित ज्ञान का विशाल भंडार है जो कि हर मंगलवार नए रंग,नए रूप,नई खोजों को लेकर हॉट हिंदी संगीत के साथ हमारे सामने पेश होता है। इस प्रोग्राम सुनने के लिए मेरा मन व्याकुल रहता है। पिछले 1 अप्रैल प्रोग्राम में अनिल जी एवं वेइ तुंग जी द्वारा दुनिया के सबसे गरीब प्रधानमंत्री नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कुमार कोइराला के बारे में दी गई जानकारी काफी रोचक लगी। साथ ही उसी दिन चीनी संस्कृति में लाल,हरी और पीले रंग के महत्व पर चर्चा बहुत अच्छी लगी। मैं अनुरोध करती हूं कि आप चीन के विभिन्न विश्व धरोहरों के विषय में आपकी साईट को रोचक जानकारी से परिपूर्ण बनाये रखेंगे।

    वनिता:दोस्तो,पश्चिम बंगाल के बाद बारी है, झारखंड की। पत्र भेजने वाले हैं, एसबीएस वर्ल्ड श्रोता क्लब के एस बी शर्मा। सबसे पहले उन्होंने इन दिनों चल रहे लोकसभा चुनावों की जानकारी दी है। लिखते हैं कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में लोकतंत्र उत्सव का जश्न चल रहा है यह लोकतंत्र उत्सव है भारत के 16 वें संसदीय चुनाव. विश्व के सबसे बड़े चुनाव में लगभग 81 करोड़ 40 लाख मतदाता कुल 36 दिनों में 543 प्रतिनिधियों को चुनेंगे। इस चुनाव के बाद देश का नया प्रधानमंत्री भी चुना जायेगा। जिसके हाथ में देश की बागडोर अगले पांच सालो तक रहेगी। उसकी नीतियां भारत के आर्थिक विकास , पडोसी देशो के साथ सम्बन्ध और देश के विकास को प्रभावित करेगी। इन चुनावों पर सीआरआई की पैनी नजर है। सी आर आई के समाचारों में पता चला कि इस मतदान में कुल 9 लाख 30 हजार मतदान केंद्र स्थापित किये जाएंगे। और इस चुनाव को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए लगभग 1 करोड़ सुरक्षाकर्मियों को लगाया जायेगा। अनिल जी और पंकज जी की विशेष रिपोर्ट और भारतीय विशेषज्ञों की बातचीत के आधार पर तैयार सरल विश्लेषण हमें इस चुनावी महाकुम्भ को समझने और जानने में बहुत मदद कर रहा है।

    अनिलः वे आगे लिखते हैं कि आपका पत्र मिला कार्यक्रम में आपने तीन बेहतरीन कदम उठाये। पहला खुनमीन पर पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित करने सम्बन्धी सूचना दी जिससे श्रोताओं को पुरस्कार जीतने का एक और अवसर मिल गया। पहले से ही एक सर्वे वर्ष 2014 एनपीसी और सीपीपीसीसी सम्मेलनों पर मत सर्वेक्षण नाम से चल रहा है। म्मीद है बहुत से श्रोता इस प्रतियोगिता में भाग ले चुके होंगे। दूसरी अच्छी खबर आपने यह सुनाई कि आपके वेव साईट पर अपनी प्रतियोगिता पोस्ट करने वालों श्रोताओं को भी सी आर आई द्वारा छोटा मोटा पुरस्कार दिया जायेगा।

    दोस्तो, इसी के साथ वक्त हो गया है नेक्स्ट लेटर का। जो हमें भेजा है पश्चिम बंगाल से रीता चक्रवर्त्ती ने। लिखती हैं कि न्यू हराइज़न रेडियो लिस्नर्स क्लब के इस प्रयास को अभिनन्दन करती हूं।। पश्चिम बंगाल से भारत के बहुत जगहों में न्यू हराइज़न रेडियो लिस्नर्स क्लब और ऑल इंडिया सी आर आई लिस्नर्स एसोसियेशन सी आर आई हिन्दी सेवा के प्रचार प्रसार के काम से जुड़े हैं । पश्चिम बंगाल श्रोताओं की तरफ से आपको बधाई। साथ ही साथ आने वाले हिंदू नव वर्ष के लिए सी आर आई हिन्दी सेवा से जुड़ी सभी को शुभकामनाएं देती हूं।

    वनिता:दोस्तो, अगला खत आया है पश्चिम बंगाल से, भेजने वाले हैं विधान चंद्र सान्याल। लिखते हैं कि वर्तमान वर्ष भारत-चीन मित्रवत् आदान प्रदान वर्ष है । आशा है कि भारत चीन के आर्थिक , व्यापारिक , सांस्कृतिक क्षेत्रॉ मेँ सहयोग और भी बढ़ेगा ।

    अनिलः दोस्तो, बिहार से हमारे श्रोता हेमंत कुमार ने खत भेजकर कहा कि आजकल टीवी का चाल चलन इतना बढ़ गया है कि लोग रेडियो को पुराने जमाने की वस्तु मानने लगे हैँ और टीवी के एक से एक माडल बाज़ार मेँ आ रहे हैँ। परन्तु अगर रेडियो और टीवी की आपस मेँ तुलना की जाए तो रेडियो कहीँ उपर है, टीवी के लाभ की जगह हानियां ज्यादा हैँ। यहां ज्यादा सामग्री पैसा कमाने के लिए परोसी जाती है। प्रोग्राम तो इतने फूहड़ होते हैँ कि परिवार के साथ बैठकर देखने मेँ शर्म आती है और बीच मेँ दो दो मिनट के ब्रेक मुख्य विषय का सारा मजा किरकिरा कर देते है। टीवी का आम आदमी से कोई संबंध नहीँ है। एक ही विषय को बार-बार दोहराया जाता है, इसके विपरीत रेडियो अब भी इतनी स्पर्धा होने के बावजूद अपनी जगह पर टिका हुआ है और रहेगा। यह जनमानस के मनोरंजन और सूचना का सस्ता सुलभ और महत्वपूर्ण साधन है। हर तरह का व्यवसायी जैसे कृषक व्यापारी, दुकानदार, मजदूर आदि रेडियो या मोबाईल पर FM के प्रोग्राम भी सुन सकते है, काम के साथ-साथ मनोरंजन होता रहता है। समाचार, संगीत, कृषि, विज्ञान, हास्य आदि हर तरह की जानकारी हमेँ कम समय मेँ रेडियो पर मिल जाती है। हमेँ आशा है कि रेडियो की लोकप्रियता बढ़ाने मेँ आप सभी कार्य करते रहेँगे।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और वनिता को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

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