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    चीन मेँ दृष्टिहीन लोगों की स्थिति
    2014-03-17 10:57:50 cri

     

     


    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    वनिता:सभी श्रोताओं को वनिता का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः आज के प्रोग्राम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके साथ ही एक श्रोता के साथ हुई बातचीत पेश की जाएगी।

    दोस्तो, आज का पहला खत आया है पश्चिम बंगाल से, इसे भेजा है बिधान चंद्र सान्याल ने। लिखते हैं कि भारत मेँ नृत्य बहुत प्राचीन काल से एक समृद्ध और जीवंत परम्परा रही है।विभिन्न कालोँ की खुदाई , शिलालेखोँ , ऐतिहासिक वर्णन , राजाओँ की वंश-परम्परा तथा कलाकारोँ , साहित्यिक स्रोतोँ , मूर्तिकला और चित्रकला से व्यापक प्रमाण उपलब्ध होते हैँ । पौराणिक कथाएं और दंतकथाएं भी इस बिचार का समर्थन करती हैँ कि भारतीय जनता के धर्म तथा समाज मेँ नृत्य ने एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया था । जबकि आज प्रचलित 'शास्त्रीय ' रूपोँ या 'कला ' के रूप मेँ परिचित विबिध नृत्योँ के विकास और निश्चित इतिहास को सीमांकित करना आसान नहीँ है । साहित्य मेँ पहला संर्द्भ वेदोँ से मिलता है , जहां नृत्य व संगीत का उद्गम है । शास्त्रीय संस्कृत नाटक ड्रामा का बिकास एक वर्णित बिकास है , जो मुखरित शब्द , मुद्राओँ और आकृति , ऐतिहासिक वर्णन , संगीत तथा शैलीगत गतिविधि का एक सम्मिश्रण है । यहां 12 वीँ सदी से 19 वीँ सदी तक अनेक प्रादेशिक रूप है , जिन्हेँ संगीतात्मक खेल या संगीत - नाटक कहा जाता है ।

    वनिता:सान्याल जी यह जानकारी हमारे साथ शेयर करने के लिए आपका धन्यवाद। खत में उन्होंने एक सवाल भी हमें पूछा है कि चीन मेँ दृष्टिहीन लोग कैसे रहते हैं ? उनके लिए क्या क्या सुबिधाएँ उपलब्ध हैं ?

    अनिलः दोस्तो, जिनेवा स्थित चीन के विश्व स्वास्थ्य संगठन में दृष्टिहीनता और बहरेपन की रोकथाम कमेटी के अध्यक्ष डॉ. Thylefors ने कहा कि दुनिया में चीन के नेत्रहीनों की संख्या सबसे अधिक है, लगभग 50 लाख हैं, जो दुनिया के कुल नेत्रहीनों का 18 प्रतिशत रही है। उन्होंने यह भी कहा कि रिपोर्ट के अनुसार हर वर्ष चीन में 4 लाख 50 हजार लोग नेत्रहीन हो रहे हैं। लेकिन चीन के विकलांग व्यक्तियों का कार्य तेजी से होने के साथ साथ चीन में रहने वाले नेत्रहीन लोगों को ज्यादा सुविधाएं मिल रही हैं। इधर के वर्षों में नेत्रहीन लोगों समेत विकलांग व्यक्तियों के जीवन, शिक्षा, चिकित्सा और पुनर्वास आदि क्षेत्रों में चीन सरकार अनेक कदम उठाती रही है। इन क्षेत्रों में सरकार की पूंजी दिन प्रति दिन बढ़ रही है, तमाम संस्थापनों का निर्माण किया जा रहा है। नेत्रहीन लोग भी व्यवहारिक कार्यवाही से समाज के निर्माण में भी भाग ले रहे हैं। विकलांगों के लिए फेडरेशन और संबंधित विभागों की मदद में अधिकांश विकलांग व्यक्ती व्यावसायिक प्रशिक्षण करते हैं और इसके बाद उन्हें काम भी मिलता है। चीन सरकार का लक्ष्य है कि विकलांग व्यक्तियों के कानूनी अधिकार और लाभ की रक्षा की जाएगी, ताकि वे लोग स्वस्थ लोगों के साथ खुशहाल समाज में सुखमय जीवन बिता सकें।

    वनिता:दोस्तो, अगला भेजने वाले हैं सुरेश अग्रवाल, केसिंगा ओड़िशा से। लिखते हैं कि दिनांक 5 मार्च को ताज़ा समाचारों में एनपीसी सम्मलेन का उद्घाटन और उसमें उपस्थित कोई तीन हज़ार सदस्यों के सम्मुख चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग तथा प्रधानमंत्री ली खछ्यांग द्वारा सम्बोधन में गत 1 मार्च को खुनमिंग में हुई आतंकवादी घटना में निर्दोष लोगों की मौत पर शोक जताने के साथ आतंकवाद और चरमपंथ के ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई किये जाने का संकल्प दोहराया गया.वास्तव में, न केवल चीन इस तरह की बर्बर और अमानवीय घटना पूरे विश्व के लिए अस्वीकार्य है। सभी प्रकार के आतंकवाद का मुक़ाबला विश्व-समुदाय को मिलकर करना चाहिए। हम भी आपके माध्यम से खुनमिंग घटना की कड़े शब्दों में भर्त्सना करते हुए शोक-संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी समवेदना प्रेषित करते हैं.

    साप्ताहिक "आपका पत्र मिला" के अन्तर्गत हर बार की तरह इस बार भी विभिन्न कार्यक्रमों पर श्रोताओं से मिली प्रतिक्रियाएं सुनवाने के लिए हार्दिक धन्यवाद। श्रोताओं से बातचीत क्रम में आज गोरखपुर, उत्तरप्रदेश के स्वनामधन्य श्रोता भाई बद्रीप्रसाद वर्मा "अनजान" से ली गई महत्वपूर्ण भेंटवार्ता सुन उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि पर विस्तृत जानकारी हासिल हुई. अनिलः दोस्तो अगला खत बिलासपुर से जुन्नीलाल कैवर्त ने भेजा है। लिखते हैं कि चाइना रेडियो इंटरनेशनल,हिन्दी विभाग की वेब साइट के नये कलेवर ने सबका मन मोह लिया। इसकी साज-सज्जा पहले से बेहतरीन और आकर्षक हो गई है।

    टॉप न्यूज़ का डिस्प्ले और 'अपनी राय ' का चौड़ा स्पेस स्पष्ट और सुन्दर दिखाई दे रहा है ,जो देखते साथ नेटिजनों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। समाचारों को चीन ,विश्व और दक्षिण एशिया - तीन खण्डों में बाँटकर बहुत अच्छा किया।अब वेब साइट के पाठक अपनी रूचि के अनुसार इन समाचारों को पढ़ सकते हैं।रेडियो पर 'चीन की झलक ' 'कार्यक्रम बंद कर दिया गया है ,लेकिन सी.आर.आई.की वेबसाइट में इसे स्थान देकर काफी हद तक इसकी कमी पूरी कर दी गई है।सी.आर.आई. वेब रेडियो में साप्ताहिक कार्यक्रमों को सुनने की व्यवस्था अति उत्तम है ,किन्तु अभी इसमें बहुत कम ही कार्यक्रम अपलोड हैं।कम से कम इस साल के जनवरी और फरवरी माह के पुराने और नवीनतम कार्यक्रम अपलोड होने ही चाहिये।

    वनिता:वेब साइट में ताज़ा प्रसारण सुनने की व्यवस्था पर ध्यान दिया जाना चाहिए। सी.आर.आई. हिन्दी सेवा की समय सारिणी में सबसे ऊपर की पंक्ति में लिखा है - सीआरआई हिन्दी सेवा रोजाना चार कार्यक्रम प्रसारित करती है।लेकिन नीचे पांच कार्यक्रम (सभाओं ) का उल्लेख है। वर्ष 2014- सप्ताहिक रेडियो कार्यक्रम के पृष्ठ में गुरुवार के स्थान पर 'वीरवार 'प्रकाशित है। सी.आर.आई.हिन्दी विभाग के इस नये रूप में भी सुधार की अभी काफी गुंजाईश है।रेडियो कार्यक्रमों में जो परिवर्तन किये गये हैं ,उसके मुताबिक़ चीन के विषय में जानकारी देने वाले मात्र तीन ही साप्ताहिक कार्यक्रम रह गये हैं -चीन का भ्रमण ,चीन का तिब्बत और पश्चिम की तीर्थ यात्रा 'कथा सागर।चीन की जानकारी प्रदान करने वाले कम ही कार्यक्रम हैं ,जबकि हलके फुल्के सतही कार्यक्रम ज्यादा हैं। बोलीवुड संगीत की भरमार हो गई है ,जो बहुत -से श्रोताओं को रास नहीं आ रहा है। चीनी गीत संगीत अब कम सुनने को मिलते हैं।आशा है ,इस ओर अवश्य देंगे।

    अनिलः दोस्तो, अगला खत भेजा है नई दिल्ली से अमीर अहमद ने। लिखते हैं कि आशा है कि आप सभी लोग स्वस्थ और अच्छे होंगे। सी आर आई हिंदी सर्विस कि वेबसाइट का नया लुक बेहद आकर्षित कर रहा है। एक तरफ ताप कि न्यूज़ है तो दूसरी और बड़ी फोटो के साथ सबसे हाट और लीड न्यूज़ पढ़ने को मिल जारही है। सूचना पट्टी कि रफ़्तार अच्छी है लेकिन सूचना पट्टी वेब पर एक साइड में है तो सूचना पट्टी को ऊपर चलती रहने कि ज़रुरत नहीं लग रही है उसकी जगह ताज़ा समाचार की सुर्खी को जगह दें सुर्खी चलती रहे गी तो लगेगा की समाचार अहम है अहम लेटेस्ट न्यूज़ जो हो उसे ही उस स्थान पर दें वैसे वेब साइट का नया लुक बहोत ही अच्छा है। सबसे बड़ी ख़ुशी कि बात है कि आप लोगों ने वेब पर श्रोताओं को स्थान दिया है पहले पेज पर श्रोताओं को भी जगह दी है इसके लिए आप सभी को धन्यवाद देता हूँ।

    वनिता:दोस्तो अगला खत आया है रविशंकर बसु ने पश्चिम बंगाल से। लिखते हैं कि सादर नमस्कार। "12 वीं चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा (एनपीसी) का दूसरा पूर्णाधिवेशन और चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन (सीपीपीसीसी) की 12वीं राष्ट्रीय समिति का दूसरा पूर्णाधिवेशन के बारे में मत सर्वेक्षण-2014 " आयोजन करने के लिए चाइना रेडियो इंटरनेशनल को हार्दिक धन्यवाद। आपका न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार अभी चीन में 10 करोड़ गरीब लोग मौजूद हैं। फिर भी यह आश्चर्यजनक बात है कि चीन अब दुनिया का दूसरा बड़ा आर्थिक देश बन गया साथ ही अमेरिकी सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद के जरिये चीन अमेरिका को ऋण देने वाला आज सबसे बड़ा देश बन चुका है।

    अनिलः वास्तव में चीन की योजना बहुत व्यवस्थित, वैज्ञानिक और सावधानीपूर्वक बनाई गई है। कोई भी देश इसकी बराबरी करने की सोच भी नहीं सकता है। कुछ मामलों में चीन के साथ भारत की तुलना सिर्फ मूर्खता है। चीन की तेज प्रगति ने गरीबी उन्मूलन के मामले में दुनिया के बाकी देशों को पीछे छोड़ दिया। हम लोग देखते है कि चीन न सिर्फ कृषि के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन कर रहा है, बल्कि ऐसा ही शानदार प्रदर्शन विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में भी देखने को मिला। रविशंकर बसु हमें पत्र लिखने के लिए आपको धन्यवाद। दोस्तो, अगला खत आया है बिहार से हेमंत कुमार ने भेजा है। लिखते हैं कि मैं CRI का नियमित, पुराना तथा जागरुक श्रोता हूँ।आपके द्वारा प्रसारित सभी कार्यक्रम ज्ञानवर्द्धक, शिक्षाप्रद, प्रेरणादायक और सारगर्भित होते हैँ।कार्यक्रम प्रस्तुतिकरण शैली तथा प्रसारण गुणवत्ता उच्च स्तर के हैँ। इसलिए कार्यक्रम सुनकर नियमित पत्र लिखने का प्रयास करता हूँ । आपके फेसबुक और वेबसाइट भी बहुत अच्छे लगते है। 11 फरवरी को शाम की सभा मेँ अनिल और ललिता द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम-टी-टाईम मेँ वेलेन्टाईन डे का इतिहास, चीनी वेलेन्टाईन डे, सूरजकुण्ड का इंटरनेशनल मेला, भूटान मेँ सिक्के रखने की परंमपरा, एक अनार सौ बीमार की कहावत, शादी के लड्डु तथा भारतीय बाल वैज्ञानिकोँ द्वारा नयी खोज पर दिया गया जानकारी सूचनाप्रद तथा रोचक लगा। रिपोर्ट प्रस्तुतकर्ता को हार्दिक धन्यवाद!

    वनिता:दोस्तो, अब आप सुनेंगे हमारे श्रोता से हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और वनिता को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

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