ब्रिटेन के शेफील्ड विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित नए शोध के मुताबिक, वर्ष 2015 में दुनिया में लगभग 240,000 चौदह साल से कम उम्र के बच्चों की तपेदिक(टीबी) से मृत्यु हुई। जिनमें ज्यादातर अनुचित उपचार की वजह से मारे गए। शोधकर्ताओं ने दुनिया से तपेदिक रोकथाम और उपचार को मजबूत करने की अपील की।
शेफील्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने नई गणना मॉडल के जरिए, वर्ष 2015 में विश्व में टीबी से मरने वाले बच्चों की संख्या का अनुमान लगाया। परिणाम के अनुसार, वर्ष 2015 में 239,000 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे टीबी के शिकार हुए। जिनमें 80 प्रतिशत 5 साल से कम उम्र के बच्चे हैं।
इन बच्चों में 96 प्रतिशत अनुचित उपचार की वजह से मारे गए। शोधकर्ता ने कहा कि क्षय रोग की रोकथाम और इलाज किया जा सकता है, संबंधित देशों को इस रोग को रोकने और इलाज करने के लिए और ज्यादा कदम उठाने चाहिए।
(मीरा)
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