एजेंसी ने स्थानीय प्रशासन के हवाले से कहा कि बांग्लादेश में बाढ़ का स्तर पहले से ही ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है, और जमुना जैसी प्रमुख नदियों का जल 1988 में स्थापित चेतावनी के स्तर को पार कर गया है, देश को सबसे बुरी बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है।
आईएफआरसी ने बयान में कहा कि यह बहुत ही गंभीर मानवीय संकटों में से एक है जो इस क्षेत्र में कई वर्षों में देखा गया है और इस विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित लाखों लोगों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।
बयान के मुताबिक बांग्लादेश और नेपाल का एक तिहाई से अधिक भाग बाढ़ की चपेट में आ गया है, और यह मानवतावादी संकट दिनों और हफ्तों में इससे भी बदतर हो सकता है।
आईएफआरसी ने कहा कि नेपाल में हाल के विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन के बाद कई इलाकें अलग-थलग पड़ गये हैं, और कई गांव और समुदाय बिना भोजन, पानी या बिजली के असहाय हो गये हैं।
नेपाल रेड क्रॉस सोसाइटी के महासचिव देव रत्न ढखवा ने कहा, "नेपाल में इस दुखद बाढ़ ने कम से कम 128 लोगों की जान ले ली है और 33 लोग अभी भी लापता हैं।"
वहीं, भारत में देश के उत्तरी चार राज्यों में 1.1 करोड़ से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। भारत का मौसम विभाग आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में भारी बारिश होने की भविष्यवाणी कर रहा है।
(अखिल पाराशर)