रिपोर्ट के अनुसार अधिकांश चीनी छात्र अपने रोजगार की स्थिति के प्रति संतुष्ट हैं और उन्हें विश्वास है कि पाँच सालों के भीतर ही वे अपने विदेशों में लगायी गयी लागत को कवर कर सकेंगे । इसके साथ ही अधिकांश छात्र आईटी, संचार, इलेक्ट्रॉनिक और इंटरनेट आदि उद्योग में नौकरी तलाशते हैं और उन्हें निजी विभाग, नवाचार प्रौद्योगिकी तथा आधुनिक सेवा उद्योग में नौकरी पाना पसंद है ।
थिंक टैंक के विशेषज्ञों ने विश्लेषण कर यह निष्कर्ष निकाला कि विदेशों से वापस लौटने वाले छात्रों को उन्नत आय मिलने की उम्मीद तो है, लेकिन रोजगार के बाजार में उन्हें वास्तविकता का सामना करना पड़ेगा । विशेषज्ञों ने सरकार और समाज से छात्रों के रोजगार पाने में अधिक सहायता देने की अपील की ।
रुपांतर और खुली नीति अपनाना शुरू होने से लेकर अभी तक चीन ने विदेशों में कुल 26.5 लाख छात्र भेजे हैं और उनमें अधिकांश लोग अध्ययन समाप्त कर स्वदेश लौट आये हैं । वर्ष 2016 में यह संख्या 4.3 लाख तक जा पहुची थी । देश के आर्थिक विकास से चीनी छात्रों के विकास के लिए विशाल बाजार तैयार किया गया है ।
( हूमिन )