उसी दिन कैमरून की राजधानी याओनद में चीन द्वारा सामग्री दी जाने के हवाले समारोह का आयोजन किया गया। बालडी ने कहा कि कैमरून समेत अफ्रीकी देशों को चीन से आपातकालीन सहायता मिलने के साथ साथ चीन के विकास के उपयोगी अनुभव भी मिल सकता है।
कैमरून स्थित चीनी राजदूत वेई वेनह्वा ने कहा कि शरणार्थी और प्रवासी मुद्दा क्षेत्रीय और वैश्विक मामला है, कोई भी एक देश इस मामले से बाहर नहीं रहता है। सबसे बड़े विकासशील देश के रूप में चीन इस मामले पर बड़ा ध्यान देता है और हमेशा से सक्रीय रूप से इस मामले के समाधान में भाग ले रहा है।
इससे पहले चीन और डब्ल्यूएफपी ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके अनुसार शरणार्थियों के सामने मौजूद भोजन की कमी के मामले के समाधान के लिए चीन ने कैमरून को 10 लाख अमेरिकी डॉलर पूंजी की सहायता दी। बताया जाता है कि इस पूंजी से 9 सौ टन से अधिक खाद्य और पोषण सामग्री खरीदी गयी। अब ये सामग्री कैमरून पहुंच चुकी है और निकट भविष्य में शरणार्थियों की मिलेगी।
(वनिता)