भारतीय रिजर्व बैंक ने 2 अगस्त को आयोजित मौद्रिक नीति बैठक में बेंचमार्क रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत तक कम कर 6 प्रतिशत तक पहुंचाने का फैसला किया।
वर्तमान में भारत में मुद्रास्फीति दर नियंत्रण लक्ष्य के अधिक नीचे है। इसलिए केंद्रीय बैंक का यह फैसला पूर्वानुमान के अनुरूप है।
इसके अलावा वस्तु और सेवा कर(जीएसटी) के सुधार के प्रभाव से विनिर्माण क्षेत्र में तीव्र संकुचन हुआ। पिछले महीने पीएमआई केवल 47.9 थी, जो वर्ष 2009 से अब तक के निम्नतम स्तर पर है।
भारतीय केंद्रीय बैंक ने कहा कि उक्त कारणों से निरंतर मौद्रिक नीति की सरलता से आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने पर दबाव दिया गया। भारतीय सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष की पहली तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर केवल 6.1 प्रतिशत रही, जो पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में 7 प्रतिशत के स्तर से नीचे है।
(वनिता)