सर्वोच्च न्यायालय में 5 न्यायाधीशों से गठित दल ने उसी दिन निर्णय लिया कि प्रधानमंत्री शरीफ़ के पद की योग्यता को रद्द कर दिया जाए और राष्ट्रीय जांच ब्यूरो नवाज शरीफ़, उनके दो बेटे, बेटी और दामाद के खिलाफ़ औपचारिक जांच करेगा। संबंधित जांच 6 महीने के भीतर खत्म करने की मांग की गई है। बताया जाता है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्णय किए जाने के बाद शरीफ़ के पास एक बार फिर अपील करने का अधिकार नहीं रहा।
यह 67 वर्षीय शरीफ़ तीन बार प्रधानमंत्री बन चुके हैं। उन्होंने अपने परिवार पर लगाए गए भ्रष्टाचार से संबंधित किसी भी आरोप को अस्वीकार किया और कहा कि यह किसी व्यक्ति की राजनीतिक षड़यंत्र है।
बता दें कि शरीफ़ ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफ़ा दिया, इससे जाहिर है कि पिछले 70 से अधिक सालों के इतिहास में पाकिस्तान में किसी भी एक प्रधानमंत्री ने संविधान के मुताबिक पाँच साल का कार्यकाल बिना किसी रूकावट के पूरा नहीं किया। अगली राष्ट्रीय असेम्बली का चुनाव 2018 के पूर्वार्द्ध में होगा। इसके पूर्व शरीफ़ का उत्तराधिकारी राष्ट्रीय असेम्बली में मतदान से निश्चित होगा। शरीफ़ के नेतृत्व वाली मुस्लिम लीग ने (नवाज़) राष्ट्रीय असेम्बली में बहुमत हासिल किया। इस तरह अगला प्रधानमंत्री फिर भी इस पार्टी से ही होगा। 28 जुलाई को शरीफ़ ने प्रधानमंत्री के उत्तराधिकारी अपने छोटे भाई, पंजाब प्रांत के मुख्य मंत्री शाहबाज़ शरीफ़ को नामांकित किया था।
(श्याओ थांग)