रूस और चीन के बीच सैन्य सहयोग तीसरे पक्ष के खिलाफ़ नहीं है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने 27 जुलाई को फिनलैंड की यात्रा के दौरान यह बात कही।
उसी दिन दोपहर बाद पुतिन और फिनलैंड के राष्ट्रपति सौली नीनिस्टो (Sauli Niinisto) ने द्विपक्षीय सहयोग, क्षेत्रीय स्थिति और अंतरारष्ट्रीय मुद्दों को लेकर वार्ता की। इसके बाद आयोजित न्यूज़ ब्रिफिंग में चीन और रूस द्वारा बाल्टिक सागर में आयोजित संयुक्त सैन्याभ्यास से जुड़े सवालों के जवाब में पुतिन ने कहा कि रूस और चीन के बीच आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य आदि क्षेत्रों में व्यापक रणनीतिक सहयोग किया जा रहा है। ये सहयोग किसी भी तीसरे पक्ष से मुकाबला करने के लिए नहीं हैं, बल्कि इससे वैश्विक संतुलन होगा। "हम नया सैन्य गंठबंधन नहीं करेंगे"पुतिन ने यह बात कही।
नीनिस्टो ने कहा कि यह चीन और रूस के बीच आयोजित पहला संयुक्त समुद्री सैन्याभ्यास नहीं है। चीनी नौसेना के जहाज़ों ने भू-मध्य सागर में आयोजित अभ्यास में भी भाग लिया था। फिनलैंड बाल्टिक सागर में स्वीडन और अमेरिका के साथ सैन्याभ्यास करता है, ये सैन्याभ्यास सैन्य गंठबंधन करना नहीं है।
गौरतलब है कि 18 जून से चीनी नौसेना के जहाज़ दक्षिण चीन के हाईनान द्वीप प्रांत से रवाना होकर 21 जुलाई को रूस के बाल्टियस्क बंदरगाह पहुंचे। 25 जुलाई को बंदरगाह से रवाना होकर समुद्री अभ्यास में भाग लिया। स्थानीय समयानुसार 27 जुलाई के तीसरे पहर, चीन-रूस"समुद्री संयुक्त--2017"सैन्य अभ्यास का पहला चरण संपन्न हुआ। यह चीनी और रूसी नौसेनाओं के बीच"समुद्री संयुक्त"सैन्य अभ्यास श्रृंखला का पहली बार बाल्टिक सागर में आयोजन है।
(श्याओ थांग)