चीनी रक्षा मंत्रालय के सूचना विभाग के उप प्रधान, प्रवक्ता वू छ्यान ने 24 जुलाई को पेइचिंग में आयोजित न्यूज़ ब्रिफिंग में कहा कि भारतीय सेना को अवास्तविक कल्पना नहीं करनी चाहिये ।
चीनी रक्षा प्रवक्ता ने न्यूज़ ब्रिफिंग में भारतीय सेना की सीमा पार मुद्दे पर भारतीय संवाददाता के सवालों के उत्तर देते हुए कहा कि जून महीने में जब चीनी सेना तूंगलांग क्षेत्र में सामान्य निर्माण का काम कर रही थी तब भारतीय सेना ने सीमा पार कर चीनी सेना के काम में बाधा पहुंचाई । तूंगलांग क्षेत्र पर चीन की प्रभुसत्ता प्राप्त है जहां चीनी सेना को काम करने का अधिकार है । भारतीय सेना की सीमा पार कार्यवाई से चीन की प्रभुसत्ता को गंभीरता से बर्बाद कर दिया गया है और अंतर्राष्ट्रीय कानून के बुनियादी मापदंड का उल्लंघन किया गया है ।
प्रवक्ता ने कहा कि चीन का अपनी प्रभुसत्ता की रक्षा करने का संकल्प अपरिवर्तनीय है । चीन हर किमत पर अपनी प्रभुसत्ता और सुरक्षा के हितों की रक्षा करेगा । हम भारतीय पक्ष से तुरंत ही अपनी सेना को वापस बुलाने की मांग करते हैं जो सवाल के समाधान की पूर्व शर्त तथा आधार ही है । सीमांत क्षेत्रों की शांति क्षेत्रीय शांति व स्थिरता से संबंधित है जो दोनों देशों की जनता के बुनियादी हितों के अनुकूल है । हम भारतीय पक्ष से अपनी गलती को बदलने, चुनौती कार्रवाई को खत्म करने और चीन के साथ-साथ सीमांत क्षेत्रों में शांति की रक्षा करने की कड़ी मांग करते हैं ।
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि चीनी जन मुक्ति सेना के 90 सालों के इतिहास से यह साबित है कि चीनी सेना की अपने देश की प्रभुसत्ता व प्रादेशिक अखंडता की रक्षा करने की शक्ति और संकल्प मजबूत है । चीनी जन मुक्ति सेना के संकल्प को हिलाना असंभव है ।
( हूमिन )