12 जुलाई को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गंग श्वांग ने पेइचिंग में आयोजित एक नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत ने इस बार सीमा पार कर चीन की प्रादेशिक भूमि में प्रवेश किया है। यह कार्रवाई पहले दोनों देशों की सीमा टुकड़ियों के अनिश्चित सीमा पर हुए विवाद से अलग है। चूंकि सिक्कम की सीमा को चीन व भारत दोनों ने मान्यता दी है।
रिपोर्ट है कि चीन स्थित पूर्व भारतीय राजदूत जयशंकर ने सिंगापुर में भाषण देकर पहली बार चीन व भारतीय सेना के बीच टक्कर होने पर रुख प्रकट किया और कहा कि भारत सीमा विवाद से स्थायी हानि पहुंचाने को अनुमति नहीं देता है। इसकी चर्चा में गंग श्वांग ने कहा कि सिक्कम के सीमा क्षेत्र की खास ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। यह चीन व भारत के बीच सीमारेखा पूरा करने वाली एकमात्र सीमा है, जो अनिश्चित पूर्वी व मध्य सीमा क्षेत्र से बिलकुल अलग है। 1890 में संपन्न चीन और ब्रिटेन के बीच तिब्बत-भारत संधि चीन व भारत के लिए अब भी कारगर है। इसलिए चीन ने फिर एक बार भारतीय सेना से तुरंत निःशर्त पीछे हटकर इस घटना का अच्छी तरह निपटारा करने की मांग की।
(श्याओयांग)