8 जुलाई को जर्मनी के हैम्बर्ग में 12वें जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने क्रमशः जापानी प्रधानमंत्री शिन्जो अबे, फ्रांस के राष्ट्रपति अमेनुल मेख्रोन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प आदि कई नेताओं से द्विपक्षीय भेंटवार्ताएं कीं।
जापानी प्रधान मंत्री शिन्जो अब्बे से मुलाकात में शी चिनफिंग ने बताया कि चीन व जापान दोनों अहम पड़ोसी देश हैं। चीन-जापान संबंधों का स्वस्थ विकास दोनों देशों की जनता, यहां तक एशिया व विश्व पर अहम असर पड़ेगा। राजनीतिक आधार की रक्षा करना चीन-जापान संबंध के स्वस्थ विकास की पूर्वशर्त है। आशा है कि जापान अपने वचनों का पालन कर द्विपक्षीय संबंधों का सुधार करने के इरादे को नीति व कार्यवाई में अमल लाएगा।
शिन्जो अबे ने कहा कि जापान चीन के साथ उच्च स्तरीय आवाजाही को मजबूत करना चाहता है। जापान चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों का सुधार करना चाहता है। 1972 जापान-चीन संयुक्त वक्तव्य में थाईवान समस्या संबंधी जापान के रुख में कोई बदलाव नहीं है।
फ्रांसिसी राष्ट्रपति मेक्रोन के साथ मुलाकात में शी चिनफिंग ने आशा प्रकट की कि फ्रांस चीन-यूरोप संबंधों में सक्रिय भूमिका अदा करेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि चीन पेरिस समझौते के ढांचे में अपने कर्त्तव्य संजीदगी से निभाएगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ वार्ता में शी चिनफिंग ने जोर दिया कि चीन व अमेरिका को एक दूसरे के अहम हितों का सम्मान करके मतभेदों व संवेदनशील समस्याओं का अच्छी तरह निपटारा करना चाहिए और द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों के स्वस्थ व स्थिर विकास को आगे बढ़ाना चाहिए। दोनों नेताओं ने कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु ऊर्जा सवाल पर गहन रूप से बातचीत की। दोनों नेताओं ने इस सवाल पर घनिष्ट संपर्क व समन्वय बरकरार रखने पर मंजूरी दी।
(श्याओयांग)
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