हुआ लोंग लाम्येन
हुआ लोंग काउंटी पश्चिमी चीन के छिंग हाई प्रांत के हाई तुंग प्रिफेक्चर में स्थित है। यहां पर सबसे ज्यादा आबादी अल्पसंख्यक हुइ जाति के लोगों की है। हुआ लोंग काउंटी पहाड़ी इलाके में स्थित है और दस साल में नौ साल तक सूखा पड़ता है, जो राष्ट्रीय दर्जे वाली गरीब काउंटी है। पिछली सदी के 80 वाले दशक के अंत में हुआ लोंग वासियों ने सरकार के समर्थन में देशभर में स्थान विशेष नूडल लाम्येन रेस्तरां खोलना शुरू किया। वर्तमान में स्थानीय सरकार ने सटीक रूप से गरीबी दूर करने की नीति और ला म्येन इकॉनमी जोड़कर गरीबी उन्मूलन में एक विशेष रास्ता निकाला है।
वर्ष 1988 में हुआ लोंग काउंटी के किसान मा क्वीफू ने इधर-उधर से 5 हजार युआन उधार लिया और दक्षिण चीन के श्या मेन शहर आकर एक हलाल लाम्येन रेस्तरां खोला। लाम्येन हुआ लोंग वासियों का मुख्य खाना है। वह ऐसा नूडल है, जो बेलने के बिना हाथों से गुंथे हुए आटे को खींचकर बनाया गया है। ऐसा नूडल उबाल कर एक कटोरे में रखा जाता है, फिर कटोरे में सूप, मटन या बीफ़ के टुकड़े, मूली के छल्ले, मिर्च, हरी धनिया डालकर खाते हैं। अपनी पसंद के अनुसार कई तरह की सब्जियां और सिरका भी डाला जा सकता है। देखने में अच्छे लाम्येन के मापदंड हैं कि पहला, सूप पारदर्शी होना चाहिए। दूसरा, मूली सफेद होनी चाहिए। तीसरा, मिर्च लाल होनी चाहिए। चौथा, सब्जी हरी है और पांचवां नूडल थोड़ा पीला होना चाहिए। बड़ी मेहनत करने के बाद मा फूक्वी सफल हुए और अमीर आदमी बने। उनकी कहानी जल्दी से हुआ लोंग काउंटी में फैली। इस तरह अधिकाधिक हुआ लोंग वासियों ने गृहस्थान छोड़कर बाहर में लाम्येन रेस्तरां खोलना शुरू किया। वर्ष 2015 में हुआ लोंग काउंटी के बाहर लाम्येन से जुड़े व्यक्तियों की संख्या 1 लाख से ज्यादा हो गयी। उनका कारोबार 6 अरब 20 करोड़ युआन का हो गया और मुनाफा 1 अरब 80 करोड़ युआन था। ला म्येन की आमदनी स्थानीय किसानों के जीवन में बड़ा महत्व रखती है।
कूक लाम्येन बना रहे हैं
लाम्येन अर्थव्यवस्था का लाभ उठाकर हुआ लोंग काउंटी सरकार ने पिछले साल गरीबी उन्मूलन में वेतन के साथ प्रशिक्षण प्लस स्टार्ट अप की नयी योजना प्रस्तुत की। इस योजना के अनुसार निर्धारित गरीब लोगों और निश्चित लाम्येन रेस्तरां को साथ जोड़ा जाता है। गरीब लोग लाम्येन रेस्तरां में वेतन पर काम करते हैं और प्रशिक्षण स्वीकार करते हैं। पहले साल में गरीब लोग रेस्तरां में लाम्येन बनाने में महारत हासिल करते हैं। दूसरे साल अगर लाम्येन बनाने में महारत हासिल करने वाले गरीब लोग अपने रेस्तरां खोलना चाहते हैं, तो स्थानीय सरकार उनकी मदद करने के लिये कुछ पैसे देती है।
हुआ लोंग काउंटी के रोजगार ब्यूरो के उपनिदेशक मा चेनक्वो ने बताया,हमारी काउंटी की जनसंख्या 3 लाख है। हर साल बाहर जाकर लाम्येन का व्यापार करने वालों की संख्या लगभग 1 लाख 11 हजार है। ला म्येन बिजनेस करने के लिए कारीगरी की ज़रूरत है। देश भर में हमारे काउंटी वासियों के ला म्येन रेस्तरां की संख्या लगभग 15 हजार है। इस संसाधन का लाभ उठाकर हम गरीब लोग इन रेस्तरांओं में भेजते हैं। वहां कारीगरी सीखने वालों और रेस्तरां के मालिकों दोनों को स्थानीय सरकार की ओर से समर्थन राशि मिलती है।
सूत्रों के अनुसार वर्ष 2016 में 1020 गरीब श्रम शक्तियों को प्रशिक्षण मिला है। अब तक 800 से अधिक गरीब परिवारों को इस योजना के कारण गरीबी से छुटकारा मिला है।
हुआ लोंग लाम्येन रेस्तरां
मा हुइ हुआ लोंग काउंटी में एक लाम्येन रेस्तरां में कारीगरी सीख रहे हैं। वो सरकारी योजना के एक लाभार्थी हैं। उन्होंने बताया,मैं पिछले अप्रैल में इस कार्यक्रम में शामिल हुआ था। 6 महीने के प्रयासों के बाद मैं लाम्येन बना सका। लेकिन इस समय मेरे पास पूंजी नहीं है। जब मेरे पास पूंजी होगी, तब मैं एक लाम्येन रेस्तरां खोलूंगा।
बताया गया है कि लाम्येन रेस्तरां के मालिक और प्रशिक्षण स्वीकार करने वाले के बीच एक साल से ज्यादा समय के लिये ठेका होता है। प्रशिक्षण के बाद प्रतिस्पर्धा पार करने वालों को हुआ लोंग काउंटी के रोजगार ब्यूरो से प्रमाण पत्र और 10 हजार युआन का इनाम मिलता है। प्रशिक्षण के दौरान लाम्येन रेस्तरां के मालिक बाज़ार के आधार पर गरीब इंटर्न को वेतन देते हैं और सालाना वेतन 30 हजार से कम नहीं होना चाहिए। इसके अलावा रेस्तरां के मालिक मुफ्त में खाना, रहना, यातायात भत्ता देते हैं और व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा भी करवा के देते हैं। इसके साथ साथ रेस्तरां के मालिक और लाम्येन मास्टर को सरकार से भी इनाम मिलता है। स्थानीय सरकार की उदार नीति लागू कर लाम्येन रेस्तरां खोलने की इच्छा रखने वाले गरीब लोगों को पूंजी, तकनीक, सेवा भी देती है।
हुआ लोंग काउंटी की इस कार्रवाई को प्रांत सरकार का समर्थन भी मिला है। छिंग हाई गरीबी उन्मूलन ब्यूरो के निदेशक मा फंगशंग ने बताया कि वर्ष 2015 में गरीबी उन्मूलन ब्यूरो ने हुआ लोंग में ला म्येन उद्योग प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की, जिसका खर्च 80 लाख युआन था। उन्होंने बताया,गरीबी दूर करने के लिये प्रशिक्षण देना एक अहम काम है। हम प्रशिक्षण फी देते हैं। अगर गरीब लोगों की इच्छा है, तो हम उनका पूरा समर्थन करेंगे। वर्ष 2015 में हमने लाम्येन प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए 80 लाख युआन का खर्च किया। अगर किसीको कुछ सीखने की इच्छा है, तो यहां आ सकते हैं।
वर्तमान में लाम्येन प्रशिक्षण केंद्र ने दूर संचार प्रशिक्षण सेवा भी शुरू की है। उसने लाम्येन वेबसाइट खोली और ऐप्लीकेशन का विकास भी किया।
उल्लेखनीय बात है कि एक पट्टी एक मार्ग के निर्माण से हुआ लोंग का लाम्येन देश के बाहर भी जा रहा है। विश्वास है कि लाम्येन भविष्य में हुआ लोंग के लोगों को समृद्धि की राह ज़रूर दिखाएगा।(वेइतुङ)