ब्रिक्स देशों के नेता 7 और 8 जुलाई को जर्मनी के हैमबर्ग में आयोजित होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान अनौपचारिक वार्तालाप करेंगे । रूसी विशेषज्ञ वियास्लाव खोलोडकोव ने कहा कि ब्रिक्स देशों ने इसीलिए साथ साथ काम किया है कि उन्हें सब न्याय और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के अनुसार वैश्विक शासन का सुधार करने में प्रतिबद्ध हैं । अगर ब्रिक्स देश एक साथ रहें तो वे बड़ी सफलता हासिल कर सकेंगे ।
उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों को वैज्ञानिक अनुसंधान, प्रौद्योगिकीय उपलब्धियों के परिवर्तन और नवाचार के संदर्भ में अधिक सहयोग करना चाहिये । चीन ने सूचना प्रौद्योगिकी, एयरोस्पेस, उच्च गति रेलवे, हरित अर्थव्यवस्था, जैव प्रौद्योगिकी में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं । उधर रूस के परमाणु ऊर्जा, विमान, हेलीकाप्टर विनिर्माण, बिजली उत्पादन उपकरण, भारत के सूचना प्रौद्योगिकी, सॉफ्टवेयर, फार्मेसी, ब्राजील के जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान आदि सब शक्तिशाली हैं । ब्रिक्स देशों की एकता के आधार पर उन्हें विश्व नेतृत्व के स्थान पर दाखिल करवाया जाएगा ।
उन्होंने आशा जतायी है कि ब्रिक्स देश नव उभरती शक्तियों और विकासमान देशों के नेतृत्वकारी देश हैं । ब्रिक्स देशों को आपस में विश्वास को मजबूत करना चाहिये ताकि मानव के लिए अधिक बुद्धि और समाधान पेश कर सकें ।
( हूमिन )