30 जून को हांगकांग की मातृभूमि की ओर वापसी की 20वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भारत स्थित चीनी दूतावास, कोलकाता में चीनी कांसुलेट तथा प्रवासी चीनियों के अखिल भारतीय संघ ने समारोह, संगोष्ठी और फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया ।
समारोह में उपस्थित चीनी दूतावास के उच्च स्तरीय राजनयिक ने कहा कि इधर के बीस सालों में हांगकांग में पुरानी राजनीतिक व्यवस्था और जीवन शैली नहीं बदली है । हांगकांग का मुक्त व्यापार केंद्र और वित्तीय केंद्र का स्थान ज्यों का त्यों बना रहा है । लेकिन इस दौरान हांगकांग ब्रिटिश उपनिवेश से उच्च स्वायत्तता वाला चीनी विशेष प्रशासनिक क्षेत्र बन गया है । हांगकांग सफलतापूर्वक एशियाई वित्तीय संकट, सार्स और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट की परीक्षाओं में से गुजरा है । अब हांगकांग का प्रशासन और इसके दूसरे क्षेत्रों के साथ संपर्क की स्थितियां बेहतर बनी हुई है । इन सभी उपलब्धियों का श्रेय " एक देश में दो व्यवस्थाएं" के कार्यांवयन को जाता है ।
उन्होंने कहा कि मातृभूमि की ओर वापसी होने के बाद हांगकांग और भारत के बीच संपर्क और घनिष्ठ बन गये हैं । अब हांगकांग और भारत एक दूसरे के सातवें बड़े व्यापार सहपाठी हैं । हांगकांग भारतीय आभूषण का सबसे बड़ा बाजार है और हांगकांग में रह रहे कई लाख भारतीय प्रवासियों को भी "एक देश में दो व्यवस्थाएं" व्यवस्था का लाभ मिला है । आशा है कि भारत और हांगकांग के बीच सहयोग व आदान प्रदान का निरंतर विकास किया जाएगा ।
संगोष्ठी में उपस्थित चीनी प्रवासियों ने हांगकांग में भारी परिवर्तन और विकास की प्रशंसा की है । उन्होंने थाइवान और देश के मुख्यभूमि का भी जल्दी पुनरेकीकरण करने की आशा जतायी ।
( हूमिन )