राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद भवन में आधी रात को एकसाथ बटन दबाकर इस नई कर व्यवस्था का शुभारम्भ किया।
इस नई कर व्यवस्था से भारत में अबतक लागू दर्जनों राज्य और केन्द्रीय कर समाप्त हो गए और उनकी जगह एक समान कर व्यवस्था लागू हो गई। जानकारों की राय में बीस खरब अमेरिकी डॉलर और एक अरब तीस करोड़ की आबादी वाली भारतीय अर्थव्यवस्था को जीएसटी से बहुत लाभ होगा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ये नई कर व्यवस्था किसी एक सरकार की देन नहीं है बल्कि कई सरकारों ने अपने अपने समय में इस पर काम किया है। जीएसटी को लागू करने में सभी सरकारों और राजनीतिक दलों की साझा मेहनत लगी है।
वहीं कांग्रेस समेत सभी विरोधी दलों ने इस नई कर व्यवस्था का विरोध किया। जीएसटी के तहत चार मुख्य स्तर हैं पांच फीसदी, 12, 18 और 28 फीसदी। जीएसटी के लागू होते ही अधिकतक वस्तुओं के दाम बढ़ने का अंदेशा है। वहीं सरकार का कहना है कि कई वस्तुओं के दाम जीएसटी के लागू होने के बाद कम होंगे। इसका असली लाभ उद्योग, सरकार और उपभोक्ता को होगा।
जीएसटी पर एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि इसके लागू होने के बाद कई वस्तुओं और सेवाओं के दामों में कमी आएगीऔर हमारे उत्पाद विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा में हिस्सा ले सकेंगे। जम्मू कश्मीर को छोड़कर भारत के सभी राज्यों ने पहली जुलाई से जीएसटी को लागू कर दिया। वहीं व्यापारी समुदाय चाहता था कि जीएसटी को अभी लागू न किया जाए, बल्कि इसके लिये अभी कुछ और इंतज़ार करना चाहिए।
पंकज