लोंग छुएं मंदिर की झलक
पेइचिंग के पश्चिम में एक पर्यटन स्थल है, जिसका नाम फंगहुआंगलिंग है। फंगहुआंग का अर्थ फीनिक्स होता है, जबकि लिंग का अर्थ पहाड़ है। फंगहुआलिंग की तलहटी में एक हज़ार वर्ष पुराना लोंग छुएं मंदिर मौजूद है। इस मंदिर में एक विशेष भिक्षु रहता है। उसका नाम श्येनएर है। वह एक मशीनी भिक्षु है।
मेरा नाम श्येनएर है। मैं एक मशीनी भिक्षु हूं। लोंगछुएं मंदिर आने के लिये का स्वागत।
श्येनएर, परेशान आकर क्या करें।
मेरे गुरु ने कहा कि नकारात्मक भावना से परेशान मत हो। इससे परेशानी और गंभीर होगी। हम सिर्फ सकारात्मक ऊर्जा से उसे कम कर सकते हैं।
मशीनी भिक्षु श्येनएर
श्येनएर एक प्यारा मशीनी भिक्षु है। उसका कद एक मीटर से थोड़ा ज्यादा है और वो हमेशा पीला चोगा पहने रहता है। वह न सिर्फ लोगों के साथ बातें करता है, बल्कि बौद्ध धर्म के प्रचार की जिम्मेदारी भी उठाता है।
श्येनएर की प्रारंभिक छवि श्येनफेन मास्टर से चित्र में खींची गयी थी। बाद में श्येनएर के बारे में एक छोटा एनिमेशन वीडियो बनाया गया। चीनी संस्कृति की विशेषता और प्रसन्न भावना से भरी इस छवि ने जल्दी ही लोगों का दिल जीत लिया। वर्तमान में श्येनएर भिक्षु दूसरी पीढ़ी का है। बिड डेटा, क्लॉउड तकनीक और आवाज़ पहचानने की तकनीक के समर्थन में वह पहली पीढ़ी की तुलना में अधिक बुद्धिमान है। उनकी बातों में तेज़ी, हास्य और सकारात्मक ऊर्जा भरी रहती है।
वूक्वांग मास्टर के साथ बातचीत
लोंग छुएं मंदिर के वूक्वांग मास्टर ने बताया कि श्येनएर का वीचैट अकाउंट भी है। वह 24 घंटे में लोगों के साथ आवाज़ और लिपि के ज़रिये इंटरएक्शन कर सकता है। उन्होंने कहा,श्येनएर एक दिन तीन लाख से ज्यादा लोगों के सवालों के जवाब देता है। इंटरएक्शन काफी ज्यादा है। वर्तमान में लोग खासकर बड़े शहरों के लोग काम के बड़े दबाव का सामना कर रहे हैं। जीवन की तेज़ रफ़्तार में दौड़ लगा रहे हैं। अगर कोई दुखी है, परेशान है, तो वह घर, रेलगाड़ी या किसी भी स्थान पर मशीनी भिक्षु श्येनएर के साथ वीचैट के ज़रिये बात कर सकता है। श्येनएर जो बातें करता है, वह सब बुद्धिमत्ता की बातें होती हैं और चीनी परंपरागत संस्कृति की बातें हैं। शायद कम बात करने से आपकी मानसिक स्थिति अच्छी होगी।
श्येनएर का उभरना मीडिया का एक ज्वलंत विषय बना था। वह इंटरनेट का बहुत लोकप्रिय पात्र है। चीनी मीडिया के अलावा बीबीसी और न्यूयॉर्क टाइम्स समेत विदेशी मीडिया ने इसके बारे में रिपोर्ट भी लिखी थी।
श्येन छिंग मास्टर के साथ
तकनीक और बौद्ध धर्म का जुड़ाव न सिर्फ साइबर युग की बात है। लोंगछुएं मंदिर के श्येन छिंग मास्टर ने कहा कि प्राचीन समय में बौद्ध धर्म विज्ञान और तकनीक से जुड़ा था। उन्होंने कहा, विज्ञान और तकनीक खासकर उच्च विज्ञान और तकनीक वास्तव में एक अपेक्षाकृत कॉन्सेप्ट है। हर युग का उच्च विज्ञान और तकनीक है। उच्च विज्ञान और तकनीक बौद्ध धर्म के प्रचार में बड़ी भूमिका निभाती थी। बौद्ध धर्म के जन्म के बाद तीन या चार सौ बरसों में उसका प्रचार गुरु और शिष्य के बीच मौखिक रूप से चलता था और लिखित सूत्र मौजूद नहीं थे। बौद्ध धर्म के चौथे संग्रहण के वक्त लिखित रिकॉर्ड शुरु हुआ। वह Pattra-leaf Scriptures है ,यानी पत्ते पर सूत्र लिखे जाते थे। ताड़ पत्र सूत्र होने के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय में बौद्ध धर्म का प्रचार शुरू हुआ और बौद्ध धर्म चीन में भी आ गया। थांग वंश में wood-block printing technique यानी लकड़ी के खांचों की मदद से छपाई का बौद्ध पुस्तकों के प्रकाशन में इस्तेमाल होता था। उस समय की उच्च तकनीक के प्रयोग से चीनी बौद्ध धर्म समृद्ध रहा। पिछली सदी के नब्बे वाले दशक में खासकर वर्ष 2000 के बाद साइबर तकनीक ने बौद्ध धर्म के प्रचार में अधिक बड़ी भूमिका निभाई है।
लोंग छुएं मंदिर में बुद्ध की प्रतिमा
इस नज़र से देखा जाए तो, नयी तकनीक का सहारा लेकर बौद्ध धर्म का अच्छा प्रचार हो सकता है। प्राचीन समय से बौद्ध धर्म का विकास तकनीक से जुड़ा रहा है। परंपरागत संस्कृति के विकास के लिए सँभालना और सृजन करना दोनों आवश्यक है। वू कुआंग मास्टर ने बताया कि चीनी बौद्ध धर्म संघ के अध्यक्ष और लोंग छुए मंदिर के मठाधीश मास्टर शुए चंग ने बौद्ध धर्म को संभालने और सृजन करने का विचार पेश किया। उनके विचार में बौद्ध धर्म की मूल भावना पहले की तरह सँभाली जानी चाहिए। इसके साथ साथ सामाजिक विकास के अनुरूप सृजन करना है। वर्तमान में व्यापक लोग किन विषयों में रुचि रखते हैं और लोग किन माध्यमों का प्रयोग करते हैं। इस संदर्भ में बौद्ध धर्म को पीछे नहीं रहना चाहिए। इस तरह लोंग छुएं मंदिर में श्येनएर का जन्म हुआ, बौद्ध धर्म का एनिमेशन हुआ और मानव बुद्धि तकनीक का प्रयोग किया गया।
इंटरनेट और मानव बुद्धि जैसी तकनीकों ने हमारे जीवन में बड़ा बदलाव लाया है और बौद्ध धर्म समेत परंपरागत संस्कृति के प्रचार के तरीके भी बदल रही है। लेकिन श्रेष्ठ संस्कृति की मूल भावना को संभालना है। मशीन भिक्षु श्येनएर तो ऐसा है ही। वह उच्च तकनीक से लैस है और इंटरनेट पर बहुत लोकप्रिय भी है, लेकिन उसके दिल में बौद्ध धर्म की सच्ची बातें है।
(वेइतुङ)