मंच दो दिनों में चलेगा। चीन और भारत दोनों देशों से आए विद्वानों और थिंक टैंक संस्था के नेताओं सहित सौ लोगों ने भाग लिया। मंच में लोग सामरिक आपसी संपर्क, द्विपक्षीय व्यापार और पूंजी सहयोग, सांस्कृतिक आवाजाही, विज्ञान और तकनीक चार मुद्दों पर गहन रूप से विचार विमर्श किया।