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    छिंगहाई प्रांत गरीबी उन्मूलन पर ज़ोर दे रहा है
    2017-06-19 10:36:13 cri

     

    छिंगहाई प्रांत पश्चिमी चीन के छिंगहाई तिब्बत पठार पर बसा है। ये पूरा इलाका 7 लाख 21 हजार वर्गकिलोमीटर में फैला है और आबादी 56 लाख 26 हजार के करीब है। बाकी प्रांतों की तुलना में छिंगहाई में बहुत गरीबी फैली है और यहां के हालात गंभीर हैं। 90 फीसदी गरीब लोग पहाड़ी और सूखे इलाकों में रहने को मजबूर हैं, यहां पर जीवन जीने के हालात बहुत कठोर है और यहां पर प्राकृतिक आपदाएं अक्सर आती रहती हैं। इसके अलावा यहां पर न के बराबर उद्योग धंधे हैं और गरीब लोगों के पास नौकरियां भी नहीं हैं। यहां पर पसरी गरीबी को दूर करना किसी मुश्किल से कम नहीं।

    एक अरसे से छिंगहाई प्रांत लगातार अपनी गरीबी दूर करने के नित नए तरीके ढूंढने पर ध्यान दे रहा है और अपने सिमटे हुए संसाधनों के बल पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा पहुंचाना चाहता है। मिसाल के तौर पर अगर हम तिब्बती इलाके को लें तो, यहां पर शिक्षा, रोज़गार, बुज़ुर्गों की देखरेख राज्य सरकार की प्राथमिकता रही है। छिंगहाई प्रांत की गरीबी को दूर करने के लिये बनाए गए गरीबी उन्मूलन ब्यूरो के निदेशक मा फंगशंग ने बताया, लंबे समय से अलग अलग स्तरों की सरकारें गरीबी को दूर करने के लिये बहुत मेहनत कर रही हैं। पिछले कुछ सालों में उन्हें बड़ी कामयाबी भी मिली है। पिछले 6 वर्षों में करीब 11 लाख 65 हज़ार लोगों को गरीबी से छुटकारा मिला है। गरीबी दर वर्ष 2010 की 37.6 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2016 के अंत तक 10.3 प्रतिशत हो गयी। अगर इस आंकड़े को ध्यान से देखा जाए तो सालाना गिरावट दर 4.7 फीसदी बनती है।

    गरीबी उन्मूलन ब्यूरो के निदेशक मा फंगशंग के साथ बातचीत

    छिंगहाई प्रांत में ज्यादातर गरीब लोग बरसों से ऊंचे पहाड़ों और सूखे वाले इलाकों में रहते हैं, इन इलाकों में तरक्की और कल कारखाने लगाने की गुंजाइश बहुत कम है, शायद इसी वजह से यहां के कई इलाकों में गरीबी के कारण भी अलग हैं। इस पर गंभीरता से ध्यान देते हुए छिंगहाई प्रांत की सरकार ने महज़ छै महीनों में दस हज़ार कर्मचारियों को राज्य के कई इलाकों में भेजकर गरीबी के हालात का जायज़ा लिया। जिसके नतीजे में ये पता लगा कि पूरे प्रांत में कुल 1 लाख 60 हज़ार परिवारों के 5 लाख 20 हज़ार लोग गरीब हैं।

    चीन एक बहुत बड़ा देश है, देश के अलग अलग हिस्सों में गरीबी के कारण भी अलग हैं इस वजह से गरीबी दूर करने के रास्ते भी अलग हैं। बहुत लगन और मेहनत के बाद छिंगहाई प्रांत में गरीबी दूर करने के रास्ते ढूंढे गए हैं।छिंगहाई प्रांत पठारीय खेती और पशुपालन का एक बहुत बड़ा केन्द्र है। हम अपने संसाधनों का सबसे अच्छा इस्तेमाल करते हुए इससे फायदा उठाते हैं और खेती से हुई उपज का प्रसंस्करण और पशुपालन से जुड़े उद्योगों पर बहुत ध्यान देते हैं। साथ ही हम कीमतों पर भी ज्यादा ध्यान देते हैं जिससे हमें अधिक आमदनी हो और हम ज्यादा लोगों को रोज़गार दे पाएं।

           महिला उद्यमी कुएं छुएची

    ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोज़गार देने, उत्पादन श्रृंखला को बनाए रखते हुए उपज बढ़ाने और पर्यावरण के हालात को बेहतर बनाने के लिये हमने कृषि और पशुपालन सहकारी समितियां बनाईं। स्थानीय सरकार ने हमारी मदद करने के लिये इलाकाई उद्योगों और सहकारी समितियों के बीच तारतम्य बनाने के लिये यहां की विशेषता वाले उत्पादों के विकास पर ज़ोर दिया। गोलोग तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर की माचेन काउंटी में एक महिला उद्यमी है। उनका नाम कुएं छुएची है। जिन्होंने साल 2004 में सरकारी उद्यम को छोड़कर अपना खुद का काम शुरु किया, वो पहले दही बेचती थीं। उन्होंने साल 2009 में कसांगहुआ डेयरी बनाई, साल 2015 में उन्होंने जैविक तरीके से याक के दूध का पाऊडर बनाने की परियोजना शुरु की।

    जब वो सरकारी कंपनी की मुलाज़िम थी तब उन्हें सिर्फ़ 4 या 5 सौ युआन महीने की पगार मिलती थी। वहीं दूसरी तरफ़ पिछले बरस उनकी कंपनी ने 60 लाख युआन की कमाई की।

    कुएं छुएची ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मदद ना की होती तो उनकी कंपनी इस मकाम तक नहीं पहुंच सकती थी।

    कुएं छुएची के उत्पाद

    उन्होंने बताया, साल 2009 में सरकार की उदार नीति के तहत मुझे 2 लाख युआन ऋण मिला। 2 लाख युआन के कर्ज़ और खुद के बचाए दसियों हज़ार युआन से मैंने कसांगहुआ डेयरी कंपनी बनाई। पहले हम घर घर जाकर किसानों से दूध खरीदते थे। लेकिन अब गांवों में सहकारी समिति मौजूद है। अब, हम सीधे सहकारी समिति से दूध खरीदते हैं। पहले जब हम एक एक किसान से दूध खरीदते थे, तो हर मौसम में हमारा उत्पादन एक सा नहीं होता था। अब सहकारी समिति इंटेनसिव मैनेजमेंट करती है। इससे अब हमारा उत्पादन सालभर एक जैसा रहता है।

    कुएं छुएची की डेयरी कंपनी से 1 हजार से अधिक परिवारों को फायदा पुहंचा रही हैं। इस समय सालाना हर परिवार औसत 30 हजार युआन है। जब से हमने जैविक रूप से याक के दूध का पाऊडर बनाने का काम शुरु किया तभी से 4 हज़ार परिवारों को इसका फायदा मिलेगा और 130 नई नौकरियां पैदा होंगी।

    गरीबी दूर करने का काम आसान नहीं है, लेकिन साल 2020 तक सारे गांव वालों की गरीबी दूर होने में फंगशंग का विश्वास एकदम पक्का है।

    इस समय गरीब इलाकों के लोग सरकारी निर्भरता से बाहर निकलकर खुद का व्यवसाय शुरु कर रहे हैं और गरीबी से छुटकारा पा रहे हैं।

    मा फंगशंग ने बताया ,बड़ी कोशिशों के बाद अब गरीब इलाकों में खेतीबाड़ी और चरवाहों की आमदनी, उनके घर, बिजली, सड़क, अस्पताल और स्कूलों के साथ सार्वजनिक सेवा, सामाजिक प्रतिभूति में बहुत सुधार हुआ है, जिससे बड़े पैमाने पर लोगों की गरीबी दूर होने का आधार तैयार हुआ है।

    (वेइतुङ)

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