इस्लामिक कॉलेज के अध्यापकों के साथ सीआरआई प्रतिनिधि मंडल
हाल ही में चाइना रेडियो इंटरनेशनल से आयोजित रेशम मार्ग पर जाने माने व्यक्तियों की चीन यात्रा प्रतिनिधि मंडल ने शिनच्यांग इस्लामिक कॉलेज की यात्रा की। तुर्की, मिस्र, जॉर्डन, अफगानिस्तान, सूडान, इंडोनेशिया आदि देशों के 13 जाने माने व्यक्तियों ने शिनच्यांग जातीय आयोग के उप महानिदेशक मा चिन के साथ धर्म, जाति, शिक्षा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों के संबंधित सवालों पर गहराई से बातचीत की। प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों को चीन की अल्पसंख्यक और धार्मिक नीतियों, शिन च्यांग की सांस्कृतिक विशेषता के बारे में अधिक जानकारी मिली।
शिनच्यांग इस्लामिक कॉलेज चीन के दस इस्लामिक कॉलेजों में से एक है, जिसमें वेवूर भाषा में शिक्षा दी जाती है। बैठक में मौजूद लोगों ने खुले दिल से विभिन्न संवेदनशील मुद्दों पर बातचीत की।
तुर्की की अनोदोलू न्यूज एजेंसी के संपादक बहटिन गोनलटास ने बैठक में सिनच्यांग मुस्लिम के रोज़ा पर नियंत्रण करने की भनक की बात की। लंबे समय तक धार्मिक मामले में कार्यरत शिन च्यांग जातीय आयोग के उप महानिदेशक मा चिन ने बताया,फिलहाल सब लोग रोज़ा के लिए व्यस्त रहते हैं। ऐसी अफ़वाह के दो कारण हो सकते हैं। एक, अफ़वाह और झूठी बातों से धोखा दिया गया है। दूसरा, कुछ लोग जानबूझ कर अफ़वाह फैलाते हैं। ऐसी गलतफहमी के प्रति धार्मिक जगत के लोग काम भी कर रहे हैं। एक तरफ़ हम दोस्तों का शिनच्यांग आकर देखने का स्वागत करते हैं, ख़ासकर रमज़ान के दौरान। आशा है कि दूर दूर से आने वाले दोस्त धार्मिक स्थलों और आम लोगों के घर जाकर अपनी आखों से देखेंगे और कानों से सुनेंगे ताकि असली स्थिति का पता लगे। हम मेहमानों को सभी सहूलियतें देंगे। दूसरी तरफ हम धार्मिक जगत के प्रतिनिधि मंडलों का गठन कर विश्व में शिनच्यांग का प्रचार करते हैं।
इस्लामिक कॉलेज के छात्र
धार्मिक उग्रवाद वर्तमान अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक दुष्ट और विनाशकारी शक्ति है। वह राजनीतिक लक्ष्य के लिए धार्मिक उपदेशों को मनमानी तरीके से तोड़ मरोड़ करती है और विभिन्न धार्मिक समुदायों और जातियों के बीच नफ़रत फैलाती है और हिंसा भड़काती है। इसपर अनादोलू एजेंसी के संपादक गोनुलटास ने बताया, धार्मिक उग्रवादी गतिविधि पूरे विश्व का समान खतरा है। तुर्की ऐसे खतरे का सामना कर रहा है। मैं सचमुच पता लगाना चाहता हूं कि धार्मिक उग्रवादी संगठन के साथ शिनच्यांग ने क्या संघर्ष किया।
इसपर मा चिन ने परिचय देते हुए कहा, उदाहरण के लिए कानूनी तरीके से संघर्ष करना। हाल ही में हमने एक नियमावली जारी की। इसका उद्देश्य नागरिकों को बताना है कि सामान्य धार्मिक गतिविधि क्या है और चरमपंथी गतिविधि क्या है। इस नियमावली में संबंधित सरकारी विभागों के कर्तव्य भी स्पष्ट रूप से निर्धारित किये गये, जिसे अच्छी सामाजिक प्रतिक्रिया मिली। दूसरी तरफ हम इस्लामिक उपदेश सुनाने पर ध्यान देते हैं। इस्लामिक संघ में एक विशेष धार्मिक मामला निदेशक समिति है। यह समिति निरंतर भाषण लिखती है जिसे धार्मिक स्थलों पर भाषण सुनाये जाते हैं।
इंडोनेशिया के मुस्लिमों की संख्या विश्व में सबसे ज्यादा है। वह भी धार्मिक चरमपंथियों के ख़तरे का सामना कर रहा है। इंडोनेशिया
आसियान ब्लॉक संघ के अध्यक्ष ईमान ब्रोटोसेनो ने बैठक में हिंसक आतंकवाद पर चीन के रुख के बारे में सवाल उठाया। मा चिन ने साफ़ शब्दों में कहा, हम किसी भी तरह की हिंसक आतंकवाद का विरोध करते हैं। चाहे वह किसी भी देश और क्षेत्र में पैदा हुई हो, हम ऐसे हादसों में हताहत हुए व्यक्तियों के प्रति सहानुभूति रखते हैं। हार्दिक आशा है कि एक पट्टी एक मार्ग पर स्थित देश शांत और चैन के साथ रहेंगे।
छात्रों के साथ बातचीत
बैठक के बाद सूडान से आये संपादक फतह अलहमान ने बताया कि इस बैठक के ज़रिये उन्होंने शिनच्यांग के बारे में अधिक असली जानकारी पायी। उन्होंने कहा, इस बैठक के ज़रिये मैंने एक असली शिनच्यांग का पता लगाया। अब मुझे पता है कि मुस्लिमों को चीन में धार्मिक स्वतंत्रता मिली हुई है। मुझे आशा भी है कि आने वाले दिनों में मैं चीनी मुस्लिम के घर भी जाऊंगा और उनके घर की स्थिति को अनुभव करूंगा।
सूत्रों के अनुसार नये चीन की स्थापना के बाद शिनच्यांग में विभिन्न जातियों की धार्मिक स्वतंत्रता को सुनिश्चित की गई। सरकारी विभाग कानून के मुताबिक धार्मिक मामलों का प्रबंधन करते हैं, जिससे धार्मिक गतिविधियों के सुचारू संचालन की गारंटी की गयी और विभिन्न जातियों के बुनियादी हितों की सुरक्षा भी की गयी। शिनच्यांग में विभिन्न जातियों की जनता को अपनी धार्मिक आस्था चुनने की पूरी स्वतंत्रता है। किसी भी व्यक्ति को धार्मिक कारण से पक्षपात या अन्याय का सामना नहीं करना पड़ेगा। सभी सामान्य धार्मिक गतिविधि को कानूनी सुरक्षा मिलती है।
स्थानीय अधिकारी के साथ हुई बैठक