शी चिनफिंग ने कहा कि विश्व के दो सबसे बड़े विकासशील देश होने के नाते चीन और भारत को अधिकतर सहयोग पर ध्यान देना चाहिए और एक साथ आगे बढ़ना, एक दूसरे के विकास को प्रेरणा देना और विश्व शांति, स्थिरता की रक्षा कर समान विकास के लिए योगदान देना चाहिए। चीन द्विपक्षीय संबंधों को बहुत महत्व देता है और भारत के साथ समान कोशिश कर राजनीतिक पारस्परिक विश्वास मज़बूत करने, विकास रणनीति को जोड़ने, व्यावहारिक सहयोग गहराने और महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय सवालों पर समन्वय और सहयोग बनाए बनाने का इच्छुक है ताकि चीन भारत रणनीतिक सहयोग साझेदारी के निरंतर, स्वस्थ और स्थिर विकास को बढ़ावा मिले।
शी चिनफिंग ने कहा कि दोनों पक्षों को व्यापार और पूंजी निवेश के सहयोग को मज़बूत करना चाहिए ताकि उत्पादन क्षमता, व्यावसायिक उद्यान पार्क, रेलवे निर्माण जैसे बड़ी परियोजनाओं के निर्माण में अधिक उपलब्धियां प्राप्त की जाएं। दोनों पक्षों को बहुपक्षीय संपर्क मज़बूत करना और मतभेदों, संवेदनशील सवालों का उचित निपटारा और नियंत्रण करना चाहिए।
शी चिनफिंग ने भारत को शांगहाई सहयोग संगठन का औपचारिक सदस्य बनने की बधाई दी। उन्होंने कहा कि चीन भारत के साथ एससीओ के ढांचे में सहयोग बढ़ाकर इस संगठन के स्वस्थ और निरंतर विकास के लिए सक्रिय कोशिश करना चाहता है।
मोदी ने कहा कि भारत और चीन प्राचीन सांस्कृतिक देश हैं। दोनों देशों की मित्रता का लंबा इतिहास है। जटिल और तेज़ी से बदल रही अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति के बीच अच्छे चीन भारत संबंध स्थिरता की भूमिका निभा सकेंगे। दोनों पक्षों को गहराई से सहयोग की संभावना ढूंढना, अंतरराष्ट्रीय मामलों में संपर्क मज़बूत करना और एक दूसरे के केंद्रीय हितों का ख्याल रखकर मथभेदों का समुचित निपटारा करना चाहिए। भारत एससीओ में भारत की भागीदारी के लिए चीन के समर्थन का आभारी है और एससीओ में दोनों पक्षों का सहयोग घनिष्ठ करना चाहिए।
(वेइतुङ)