कज़ाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में 8 से 9 जून तक होने वाले शांगहाई सहयोग संगठन के समिट में भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और सदस्य देशों के साथ आपसी सहयोग बढ़ाने में दिलचस्पी लेगा, ऐसी विशेषज्ञों की राय है। इस समय शांगहाई सहयोग संगठन में चीन और रूस समेत मध्य एशिया के कज़ाकिस्तान, किर्गिज़स्तान, उज़्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान सदस्य देश हैं।
किर्गिज़स्तान में भारत के पूर्व राजनीक और रक्षा संस्थान के विशेषज्ञ पुन्चोक स्तोब्दान ने समाचार एजेंसी शिनह्वा से कहा कि भारत वर्ष 2005 से ही शांगहाई सहयोग संगठन का पर्यवेक्षक देश है, और भारत एससीओ का पूर्ण सदस्य बनना चाहता है।
स्तोब्दान ने आगे कहा कि प्राचीन समय से ही भारत के मध्य एशियाई देशों के साथ ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, आर्थिक संबंध रहे हैं। वहीं भारत के एससीओ के साथ बहुत अच्छे संबंध रहे हैं, स्तोब्दान ने बताया कि इस पूरे क्षेत्र में स्थायित्व भारत के हित में है, और हम नहीं चाहते कि इस क्षेत्र में कोई और अफगानिस्तान, सीरिया या इराक बने।
अस्ताना समिट में भारत को उम्मीद है कि SCO में उसे पूर्ण सदस्यता मिलेगी।
स्तोब्दान ने आगे बताया कि भारत की ज्यादा दिलचस्पी ऊर्जा, सूचना संपर्क, आतंकवाद विरोधी और लोगों के बीच आपसी मेलजोल को बढ़ाने में है। जिससे सभी देशों के विशेषज्ञ एक दूसरे के साथ प्रगति और उपलब्धि के अनुभवों को साझा कर सकें। उन्होंने कहा कि SCO भारत से अपने अनुभवों को साझा करने का एक बेहतर मंच बनेगा।
पंकज