इस मई के शुरू में चीन के बड़े यात्री विमान सी-919 की शंघाई फूतुङ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सफलता के साथ पहली परीक्षात्मक उड़ान हुई। चीन के बड़े यात्री विमान के निर्माण के रास्ते में यह एक निर्णायक कदम है।
5 मई को दोपहर बाद सी-919 यात्री विमान स्थिरता से फूतुङ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के चौथे रन-वे पर उतरा। चीनी कमर्शियल एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन के बोर्ड अध्यक्ष और सी-919 यात्री विमान परियोजना के कमांडर चिन चुआंग लोंग ने सी-919 की पहली उड़ान की सफलता की घोषणा की। उड़ान स्थल पर खुशियां मनाते दर्शकों में चंग पूशी नाम के एक वृद्ध भी थे, जो चीन के पूर्व वाई-10 बड़े यात्री विमान परियोजना के उप प्रमुख इंजीनियर रहे हैं। उन्होंने हमारे संवाददाता को बताया, मैं बहुत बहुत खुश हूं। सी-919 की पहली उड़ान देखकर स्थल पर मौजूद कई हजार दर्शकों की तरह मैं बहुत सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं और खुश हूं।
उन्होंने बताया कि सी-919 पर उन्होंने कई साल पहले वाई-10 विमान मॉडल के चिन्ह देखे हैं। पिछली सदी के 70 के दशक के शुरुआत में जब एयर बस का पहला यात्री विमान ए 300 अपने शुरूआती दौर में था, तब चीन के पहले बड़े यात्री विमान की परियोजना भी गुप्त रूप से आरंभ हुई थी। लाखों वैज्ञानकों और तकनीशियों के दस साल के मशक्कतों के बाद वर्ष 1980 में वाई-10 यात्री विमान की पहली परीक्षात्मक उड़ान सफल हुई। वाई-10 विमान मेकेनिकल और इलेक्ट्रॉनिक व्यवस्थाओं का 96 प्रतिशत भाग स्वदेशी है, जो उस समय चीनी उडड्यन उद्योग के गर्व की बात थी। चंग पूशी ने बताया कि बड़े यात्री विमान बनाने की कोशिशों में वाइ -10 के अनुसंधान में कई सही तकनीकी फैसले लिये गये, जो बाद में साबित हुए। उन्होंने कहा, उदहारण के लिए इंजन लगाने का तरीका। वाइ-10 पर पंखे के नीचे इंजन लगाये गये थे। उस समय इसके बारे में बहुत वाद-विवाद भी छिड़ा था। लेकिन लंबे समय की उड़ान ने यह सही साबित किया। वर्तमान विश्व धारा ऐसी ही है, और उदाहरण के लिए वाइ - 10 में सिंगल पैसेज का डिजाइन किया गया था। आज चीन की स्थिति को देखा जाए, तो सिंगल पासेज वाले यात्री विमान की मांग सबसे बड़ी है।
लेकिन खेद की बात है कि पूंजी के अभाव और कमज़ोर औद्योगिक आधार जैसी मुश्किलों के सामने वाइ -10 का जत्थे में उत्पादन नहीं हुआ और अंत में वो परियोजना ठंडे बस्ते में चली गई। लेकिन चंग पूशी की नज़र में वाइ - दस ने आज के सी-919 के विकास के लिए आधार डाला है। उन्होंने कहा कि वाइ -10 की बड़ी भूमिका थी। उसने केंद्रीय सरकार को विश्वास दिलाया है कि चीन बड़ा विमान बना सकता है। वाइ -10 के बिना यह विश्वास पैदा नहीं होता। वाइ 10 परियोजना से प्रतिभाएं और तकनीक तैयार की गयी और बड़े यात्री विमान बनाने का केन्द्र भी बनाया गया।
चीनी कमर्शियल एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन के जनरल इंजीनियर माओ यिनफंग का ऐसा विचार भी है। उन्होंने बताया, शंघाई हवाई विमान कारखाना पहले सिर्फ एक विमान मरम्मत करने का कारखाना था। वाइ - 10 के ज़रिये वह विमान बनाने का कारखाना बना। इसके बाद एमडी - 82, एमडी - 90, एआरजे और वर्तमान सी-919 से वह चीन में सबसे श्रेष्ठ यात्री विमान बनाने वाला कारखाना बन गया। संस्कृति और भावना पीढ़ी दर पीढ़ी संभलती है। सबसे अहम बात है कि उड्डयन उद्योग के प्रति समर्पण।
वाइ -10 परियोजना के अंत के बाद चीन के बड़े विमान का सपना खत्म नहीं हुआ था। अंतरराष्ट्रीय मापदंड के मुताबिक बने एआरजे शाखा लाइन यात्री विमान वर्ष 2015 में औपचारिक रूप से उपभोक्ताओं को सौंपे गये। एआरजे परियोजना के कार्यांवयन से बड़ी संख्या में प्रतिभाएं उभरीं। उन्होंने सी-919 परियोजना में बडी भूमिका निभायी।
वाइ -10 से एआरजे तक, एआरजे से सी - 919 तक चीन के बड़े विमान का सपना पूरा होना वाला है। वाइ -10 परियोजना के उप मुख्य डिजाइनर चंग पूशी ने बताया कि कमीज और जूते बनाने से हमारे उड्डयन उद्योग का विकास पूरा नहीं होगा। हमें अपने बड़े विमान बनाने पर अनुसंधान करना है। यह देश की रणनीति है और राष्ट्र के हित में भी है। उन्होंने बताया,एक विदेशी विमान खरीदने के लिए हमें करोडों युआन की कमीज और जूते बेचना पड़ता है। विमान खरीदने के पैसे शंघाई की गगनचुंबी इमारतों से कई गुणा ऊंचे हैं। अगर हम खुद ही बड़े विमान बना सकते हैं, तो धनराशि का एक बड़ा भाग देश में इस्तेमाल किया जा सकेगा और शिक्षा, विज्ञान और उद्योग को अधिक पैसे मिलेंगे। इसके अलावा विदेशों में विमान खरीदने के समय मोल भाव करते समय हमारा पलड़ा भी भारी होगा। यह हमारे राष्ट्र के लिए बड़ी अच्छी बात है। इसका रणनीतिक महत्व भी है।