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    गरीबी उन्मूलन में दो चीनी गांवों की कहानी
    2017-06-01 14:46:28 cri

    गरीबी दूर करना मानव विकास के सामने एक बड़ी चुनौती है। विश्व बैंक के वर्ष 2016 के आंकड़ों के अनुसार पूरे विश्व में इस समय 70 करोड़ गरीब आबादी है। विश्व में सबसे बड़े विकासशील देश होने के नाते चीनी गरीब आबादी वर्ष 2012 की 8 करोड़ 20 लाख से वर्तमान में 4 करोड़ तक घटी है। चीनी सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2020 तक देश में गरीबी का अंत किया जाए। यह लक्ष्य पूरा करने के लिए चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने सटीक रूप से गरीबी दूर करने की मांग की। इसका मतलब ये है कि गरीबी से पीड़ित कई इलाकों में स्थानीय वस्तुगत स्थिति के मुताबिक स्थानीय स्तर पर विशेष कदम उठाया जाएगा। शी चिनफिंग ने स्थानीय सरकार और समाज से गरीबी मिटाने में पूरी कोशिश करने का अनुरोध भी किया है। आज के कार्यक्रम में हम गरीबी उन्मूलन में दो चीनी गांवों की कहानी सुनाएंगे।

    लू वेनथाओ का भेड़ का बाड़ा

    उत्तर-पश्चिमी चीन के निंग शा हुइ स्वायत्त प्रदेश की येन ची काउंटी में स्थित मा एर गांव में पक्का रास्ता बनाया गया है और कई घरों के सामने गाड़ियां नजर आती हैं। गांववासी लू वेनथाओ के आँगन में भेड़ों के मिमियाने की आवाज़ लगातार आती रहती है। हवा में घास की गंध भरी हुई है।

    कई साल पहले लू वनथाओ घर छोड़कर बाहर मज़दूरी करते थे। उन्होंने कपड़े की दुकान भी खोली थी। वर्ष 2010 में उन्होंने घर वापस लौटकर देश में मशहूर ची येन थेन प्रजाति की भेडों को पालन शुरू किया और गांव की पशु पालन सहकारी समिति में शामिल हुए। लू वेनथाओ ने कहा कि वे एक साल में तीन या चार बार भेड़ें बेचते हैं और सालाना करीब 2 लाख युआन कमाते हैं।अब कितनी भेड़ पालते हैं? 7 हज़ार से अधिक हैं। जब हम छोटी भेड़ खरीदते हैं, तो गांव का पशु चिकित्सक भी जांच के लिए आता है। कीमत तो प्रतिकिलो 21 युआन के आसपास है। गांव में येन ची थेन भेड़ को पालने के लिये सरकारी भत्ता भी मिलता है।

    मा एर गांव उत्तर-पश्चिमी चीन में मोउस रेगिस्तान और पीली मिट्टी वाले पठार के बीच संक्रमणकारी पट्टी पर बसा हुआ है। येन ची थेन भेड़ वहां सबसे विशिष्ट कृषि उत्पाद है, जिसका मांस पेइचिंग ओलंपिक के लिए प्रदान किया गया था। स्थानीय गांववासी भेड़ पालन पर भी निर्भर रहते हैं। लेकिन पहले सहकारी समिति की स्थापाना से पहले खराब मौसम, महामारी और बाज़ार में प्रतिकूल स्थिति के समय हर घर की आय अच्छी नहीं थी। मा एर गांव के प्रमुख फंग लीचेन ने बताया कि पहले गांववासियों का जीवन बहुत ज्यादा गरीबी से भरा हुआ था। उन्होंने कहा, अतीत में ही स्थानीय लोग येन ची थेन प्रजाति की भेड़ों पर निर्भर रहते थे। पहले यहां बहुत गरीबी थी। उस समय लोगों के पास खाने को भोजन नहीं था, तब लोगों को भेड़ों को बेचकर खाना मिलता था। क्योंकि ची येन थेन प्रजाति वाली भेड़ों की गुणवत्ता अच्छी है, तो पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानीय लोग भेड़ पालन से गुजारा चलाते हैं।

    गांव की सहकारी समिति

    इधर कुछ साल मा एर गांव ने स्थानीय सरकार की मदद से पशुपालन सहकारी समिति स्थापित कर स्थान विशेष व्यवसाय का विकास शुरू किया। पशु पालन करने वाले गांववासी सहकारी समिति के ज़रिए एक दूसरे से सीखते हैं और मदद भी करते हैं। सहकारी समिति बाज़ार का विस्तार करती है। वर्ष 2016 में येन ची थेन भेड़ों के मांस से बना स्वादिष्ट खाना हांग चो जी - 20 के शिखर सम्मेलन के भोजन की मेज़ पर पहुंचाया गया था। अब गांव में प्रति व्यक्ति आय 8500 युआन तक जा पहुंची है, जिसका एक तिहाई भाग भेड़ पालन से ही आता है। फंग ली चेन ने कहा कि अब मा एर गांव में सिर्फ पाँच घर गरीबी से पीड़ित हैं। इसका मुख्य कारण बीमारी और घर में श्रम शक्ति का अभाव है। उन्होंने बताया,

    सहकारी समिति ने गरीबी दूर करने में सचमुच बड़ी भूमिका निभायी है। हमें आशा है कि ठोस काम से मा एर गांव के लोगों का जीवन स्तर और नये स्तर पर जा पहुंचेगा।

    चीन में एक कहावत है कि दूसरे को मछली खिलाने से उसे मछली पकड़ने का उपाय सिखाना बेहतर है। इधर कुछ साल पहले ही चीन की विभिन्न स्तरीय सरकारों ने कई नीतियां प्रस्तुत कीं, जिनका मुख्य विषय चीनी गरीब गांव और गरीब ग्रामीणों को स्थानीय स्थिति के मुताबिक पशुपालन और शिल्पकला के विकास को उत्साहिरत करना है। मा एर जैसे कई गांवों को गरीबी से छुटकारा मिला है। चीनी गरीब जनसंख्या वर्ष 2012 की 8 करोड़ 20 लाख से पिछले वर्ष 4 करोड़ तक घटी है। इस वर्ष मार्च में चीन सरकार और 1 करोड़ लोगों को गरीबी की चपेट से मुक्ति दिलाएगी। इस तरह 2010 में देश में गरीबी पूरी तरह दूर की जाएगी।

    संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की पूर्व प्रमुख हेलन क्लार्क ने बताया था कि चीन ने सहस्राब्दी विकास लक्ष्य पूरा करने में विश्वविख्यात उपलब्धियां प्राप्त की हैं। करोड़ों लोगों को गरीबी से मुक्ति मिली और संबंधित अनुभव विश्व भर में साझा करने के योग्य हैं। चेक गणराज्य के पूर्व प्रधान मंत्री लुस्नोक ने हाल ही में पेइचिंग में बताया, चीन में करोड़ों लोगों को गरीबी से छुटकारा मिला है और बहुत कम समय में यह काम पूरा हुआ, जो अभूतपूर्व है। पिछले कई दशकों में चीन में 80 करोड़ लोगों को गरीबी से मुक्ति मिली और प्रति दिन उनकी आय 1.9 अमेरिकी डॉलर से अधिक है। यह चीन के तेज़ आर्थिक विकास से अलग नहीं हो सकता।

    अभी चीन की 4 करोड़ गरीब आबादी देश 1 लाख 28 गांव में बसी हुई है। गरीबी दूर करने में सबसे बड़ी बाधा उन गांवों की भौगोलिक स्थिति बहुत कठोर थी। इसलिए चीन के विभिन्न इलाके स्थानांतरण, लेबर एक्सपर्ट, पर्यावरण संरक्षण जैसे तरीकों से उन गरीब लोगों की मदद कर रहे हैं। दक्षिणी चीन के क्वांग शी चुआंग स्वायत्त प्रदेश में स्थित बा हाओ गांव में 500 घरों में से 300 घर अब गरीबी रेखा के नीचे जीवन बिता रहे हैं। बा हाओ गांव ऊंचे ऊंचे पहाड़ों पर स्थित है। वहां के पहाड़ों पर बहुत सारी चट्ठानें हैं, जिससे वहां पर बहुत कठिन जीवन स्थितियां हैं। पहाड़ों में आने जाने के लिये रास्ता बनाना बहुत मुश्किल काम है। गांव वासियों के घर एक बहुत बड़े दायरे में बसे हैं और आपस में पक्के रास्ते नहीं हैं। गांव के अधिकांश वयस्क श्रमिक बाहर जाकर मज़दूरी करते हैं। बा हाओ गांव के प्राइमरी स्कूल के कुछ छात्रों को घर जाने के लिए तीन घंटे का समय लगता है। गरीबी उन्मूलन के लिए काउंटी सरकार से आये थेन हान फंग ने बताया, हमारे बहुत गरीब किसानों की तीव्र इच्छा है कि स्थानीय सरकार वर्तमान यातायात की खराब स्थिति सुधारने में सहायता करेगी।

    नये मकान में लेन युए इंग अपने पति और बच्चों के साथ

    चीन सरकार की गरीबी उन्मूलन योजना के मुताबिक जहां भौगोलिक स्थिति बहुत खराब है, पारिस्थितिकी पर्यावरण की हालत बहुत खस्ता है और प्राकृतिक आपदा बार बार आती है, लोगों की इच्छा के अनुसार स्थानीय सरकार गरीबी दूर करने के लिए उन्हें दूसरी जगह बसाया जा सकता है। इधर कुछ साल स्थानीय सरकार की मदद से बा हाओ गांव के कुछ लोगों ने पहाड़ के बाहर आकर मार्ग के पास नया घर बनाया। लेन युए इंग उनमें से एक हैं। उन्होंने बताया,हमने पुराने मकान में 24 साल बिताये। उस समय बच्चे छोटे थे और जीवन भी कठिन था। अब नये मकान बनाए गए हैं और छोटा बेटा बाहर मजदूरी करता है। इस समय हमारा जीवन पहले से अच्छा है।

    लेकिन बा हाओ गांव में और दो सौ घर गृहस्थान से नहीं छोड़ना चाहते। वे पहाड़ों पर ही रहना चाहते हैं। इस स्थिति के प्रति स्थानीय सरकार का एक अहम काम वहां के बुनियादी संस्थापनों में सुधार करना है और वृद्धों की अच्छी तरह देखभाल करना, चिकित्सा सेवा और शिक्षा समेत बुनियादी सामाजिक प्रतिभूति कार्यों को बखूबी अंजाम देना है।

    बा हाओ गांव के स्कूल जाने वाले छात्र

    बा हाओ गांव वासियों को प्रतीक्षा है कि एक दिन गांव तक मार्ग भी खुलेगा। बच्चे स्कूल जाने के लिए तीन घंटे का पहाड़ी रास्ता तय नहीं करेंगे और गांववासियों के लिए बाहरी दुनिया जाना अधिक आसान होगा।

    गरीबी से छुटकारा पाने वाला मा एर गांव और गरीबी से संघर्ष कर रहा बा हाओ गांव उत्तर और दक्षिण चीन में गरीबी उन्मूलन की दो मिसाल हैं।

    इधर कुछ साल चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कई बार गरीब क्षेत्रों का निरीक्षण किया। गरीबी उन्मूलन उनके दिल में हमेशा एक बड़ा सवाल है। इस मार्च में चीनी नेशनल पीप्लस कांग्रेस के दौरान शी चिनफिंग ने चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधियों और स्थानीय अधिकारियों से सटीक रूप से गरीबी उन्मूलन करने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया,वर्तमान गरीबी उन्मूलन में सटीक रूप से करना चाहिए। हमें ज़मीनी स्तर पर ध्यान देना चाहिए। किसका समर्थन करेगा, कौन समर्थन देगा, कैसे समर्थन करेगा। सब स्पष्ट रूप से तय करना है। कभी कभी कढ़ाई जैसे काम करना है। (वेइतुङ)

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