लेखक- रीना गुप्ता
एक पट्टी एक मार्ग निर्माण में जन संपर्क पाँच मुख्य विषयों में से एक है। एक पट्टी एक मार्ग अंतरराष्ट्रीय सहयोग शिखर मंच आयोजित होने से पहले भारतीय मीडिया में कार्यरत रही रीना गुप्ता ने सीआरआई के साथ हुई एक बातचीत में कहा कि भारत और चीन की संस्कृतियों में कई समानताएं हैं। एक पट्टी एक मार्ग निर्माण दो देशों की परंपरागत मित्रता को बढ़ाएगा और द्विपक्षीय सहयोग के लिए जनमत का मज़बूत आधार डालेगा।
रीना ने बताया कि एक पट्टी एक मार्ग एशिया, यूरोप और अफ्रीका को जोड़ेगा, जिसमें भारत की हिस्सीदारी काफी महत्वपूर्ण है। एक पट्टी एक मार्ग न सिर्फ संबंधित देशों के बीच बुनियादी संस्थापनों के निर्माण को मज़बूत बनाएगा, बल्कि द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने में मददगार भी होगा इसके साथ ही आर्थिक, व्यापारिक सहयोग और सांस्कृतिक आवाजाही का विस्तार करेगा।
इधर कुछ साल दो देशों की सरकारों की समान कोशिशों से चीन और भारत के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान अधिक घनिष्ठ होता जा रहा है। कई चीनी क्लासिक साहित्य रचनाओं का हिंदी में अनुवाद हुआ और बहुत सारे हिंदी साहित्य रचनाओं का चीनी में अनुवाद भी हुआ है। भारत के कई विश्वविद्यलायों में चीनी भाषा विभाग मौजूद हैं, जबकि चीन में पेइचिंग विश्वविद्यालय समेत कई उच्च शिक्षा संस्थाओं में हिंदी भी पढ़ाई जाती है। भारत के व्यंजन, कपड़े, नृत्य और फिल्म चीन में लोकप्रिय हो रहे हैं। भारत और चीन के बीच जन संपर्क निरंतरता के साथ बढ़ता जा रहा है। यह दोनों देशों की जनता की समान इच्छा भी है।
रीना ने बताया कि हालांकि भारत सरकार ने स्पष्ट रूप से एक पट्टी एक मार्ग में भाग लेने की बात नहीं कही है, पर वास्तव में भारत ने इस में हिस्सा लिया है। भारत एशियाई बुनियादी संस्थापन निवेश बैंक का दूसरा सब से बड़ा शेयरधारक है और यह बैंक एक पट्टी एक मार्ग योजना के लिए पूंजी जुटाने की संस्था है। एक पट्टी एक मार्ग पर हमें गंभीरता के साथ विचार करना चाहिए।
(रीना गुप्ता)