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    भारत को चीन के साथ एक पट्टी एक मार्ग निर्माँण में सहयोग करना चाहिए
    2017-05-09 11:11:21 cri

    लेखक- बी आर दीपक

    एक पट्टी एक मार्ग अंतरराष्ट्रीय सहयोग शिखर मंच पेइचिंग में आयोजित होने वाला है। भारत के मशहूर चीनी मामलों के जानकार और जेएनयू के चीन और दक्षिण-पूर्वी एशिया अनुसंधान केंद्र के प्रोफेसर बी आर दीपक ने सीआरआई को दिये एक इंटरव्यू में बताया कि भारत को चीन के साथ एक पट्टी एक मार्ग निर्माण में सहयोग करना चाहिए। अगर चीन और भारत हाथ में हाथ मिलाएंगे, तो एशिया का नया भविष्य रचा जाएगा।

    दीपक ने बताया कि एक पट्टी एक मार्ग चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा प्रस्तुत एक महान विचार है, जो विश्व आर्थिक व्यवस्था में सुधार को बढ़ाएगा। इसके तीन मुख्य कारण हैं। पहला, वर्तमान में विश्व् अर्थव्यवस्था मंदी में है। विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के आंकड़ों के अनुसार अभी विश्व आर्थिक वृद्धि दर सिर्फ 3 प्रतिशत के आसपास है। चीनी अर्थव्यवस्था विश्व आर्थिक विकास बढ़ाने का सबसे सक्रिय तत्व है। वर्ष 2016 में विश्व आर्थिक विकास में चीन का योगदान 33 प्रतिशत था। अगर भारत और अन्य ब्रिक्स देशों के योगदान को मिलाया जाए, तो विश्व आर्थिक वृद्धि में नवोदित आर्थिक समुदायों का योगदान 50 प्रतिशत से अधिक रहा है। एक पट्टी एक मार्ग आर्थिक विकास में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

    दूसरा, चीनी अर्थव्यवस्था नये विकास के दौर में दाखिला हुई है। चीन को आशा है कि औद्योगिक विकास के मार्ग का सुधार कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ एक चिरस्थाई और प्रभावी सहयोग मंच स्थापित करेगा। एक पट्टी एक मार्ग वैदेशिक बुनियादी संस्थापन निवेश को बढ़ाएगा, जो पूरे विश्व खासकर पड़ोसी देशों के बुनियादी संस्थापनों के निर्माण के लिए बड़ा महत्व रखता है।

    तीसरा, व्यापक विकासशील देश चीन की तकनीक और पूंजी का सहारा लेकर अपने आर्थिक विकास को बढ़ाना चाहते हैं। एक पट्टी एक मार्ग निर्माण से न सिर्फ चीन को लाभ मिलेगा, बल्कि पड़ोसी और संबंधित देशों का कल्याण भी होगा। चीन के पड़ोसी औऱ दक्षिण एशिया के सबसे बडे देश होने के नाते भारत को सक्रियता से इसमें भाग लेना चाहिए।

    उल्लेखनीय बात है कि बांग्लादेश चीन भारत म्यांमार एक्नॉमिक कॉरिडॉर संयुक्त अध्ययन कार्य दल की तीसरी बैठक इस अप्रैल में कलकता में आयोजित हुई थी। चार देशों ने पारस्परिक संपर्क, ऊर्जा, वित्त, व्यापार और पूंजी निवेश के सरलीकरण और मानवीय आवाजाही पर व्यापक समानताएं बनाई थीं। आशा है कि विभिन्न पक्षों को पारस्परिक विश्वास को मज़बूत कर पारस्परिक आदर, समानता, उच्च कुशलता और समान विजय के सिद्धांतों पर कायम रहकर स्थिरता से बांग्लादेश चीन भारत म्यांमार एक्नोमिक कॉरिडॉर का निर्माण बढ़ाएगा।

    दीपक ने कहा कि वास्तव में भारत एक पट्टी एक मार्ग के साथ घनिष्ठ संपर्क स्थापित किया है, क्योंकि बांग्लादेश चीन भारत म्यांमार एक्नोमिक कॉरिडार एक पट्टी एक मार्ग का महत्पूर्ण भाग है।

    दीपक ने कहा कि मोदी सरकार ने मानसून योजना प्रस्तुत की ,जिस का उद्देश्य हिंद महासागर देशों के बीच सहयोग बढ़ाना है ।अगर मानसून योजना और एक पट्टी एक मार्ग योजना को जोड़ा जाएगा ,तो वह चीन और भारत के बीच सहयोग का बड़ा मौका लाएगा ।

    (बी आर दीपक)

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