लेखक- प्रसून शर्मा
एक पट्टी एक मार्ग अंतरराष्ट्रीय सहयोग शिखर मंच पेइचिंग में आयोजित होने वाला है। फिलहाल भारत के ग्लोबल थिंक टैंक के अध्ययकर्ता प्रसून शर्मा ने सीआरआई को दिये इंटरव्यू में बताया कि भारत को सक्रियता से एक पट्टी एक मार्ग के निर्माण में भाग लेना चाहिए।
उन्होंने बताया कि चीनी नेता से प्रस्तुत एक पट्टी एक मार्ग योजना स्पष्ट रूप से संबंधित देशों का आर्थिक विकास और रोजगारी बढ़ाएगी। भारतीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद ईस्ट ऐक्शन योजना और मेक इन इंडिया रणनीति पेश की। चाहे एक पट्टी एक मार्ग हो या ईस्ट ऐक्शन योजना और मेक इन इंडिया, ये सभी पड़ोसी देशों के साथ आर्थिक विकास और व्यापारिक सहयोग बढ़ाने के लिए हैं, जो पूरे क्षेत्र के विकास के लिए लाभदायक है।
उन्होंने कहा कि चीन का लाभ मज़बूत विनिर्माण उद्योग और भवन निर्माण उद्योग का है। पिछले दसियों साल में चीन के बुनियादी संस्थापनों के निर्माण में दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की हुई है। चीनी विनिर्माण उद्योग का तेज़ विकास भी हुआ है, जो विश्व आर्थिक और व्यापारिक सहयोग का स्तंभ बना रहा। भारत और चीन के सामने कई समान और मिलते जुलते सवाल हैं, जैसे बेरोज़गारी और व्यावसायों का अपडेट। एक पट्टी एक मार्ग योजना का केंद्र बुनियादी संस्थापनो का निर्माण है। इसलिए भारत को अपने हितों की दृष्टि से एक पट्टी एक मार्ग में हिस्सा लेना चाहिए ।
इसके अलावा एक पट्टी एक मार्ग को इस क्षेत्र की वर्तमान बहुपक्षीय सहयोग योजनाओं से जोड़ा जा सकेगा। भारत और चीन के आर्थिक लाभ के मिलाप से एशिया और यूरोप के आर्थिक सहयोग को बड़ा बढ़ावा मिलेगा और विश्व आर्थिक वृद्धि को प्रेरणा भी मिलेगी।
उन्होंने कहा कि भारत और चीन समेत एशियाई देशों के पास विश्व का सबसे बड़ा बाज़ार और विनिर्माण उद्योग है, लेकिन वे अधिकतर अमेरिका समेत पश्चिनी देशों के बाज़ार पर निर्भर हैं। एक पट्टी एक मार्ग योजना इस स्थिति को बुनियादी तौर पर बदलेगी। अगर भारत और चीन हाथ में हाथ मिलाएंगे, तो विश्व आर्थिक विकास और विश्व व्यापार संतुलन को बढ़ावा मिलेगा और विश्व जनता को शांति और सुख प्राप्त होगा।
(प्रसून शर्मा)