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    ह पेइ प्रांत के हानतान का गरीबी उन्मूलन
    2017-04-26 18:25:51 cri

    (लेखक:डिएगो माजोकोन, लैटिन अमेरिका चीनी राजनीति और अर्थव्यवस्था अनुसंधान केंद्र के अध्ययनकर्ता)

     

    चाइना रेडियो इंटरनेशनल के निमंत्रण पर मैंने हाल ही में उत्तरी चीन के हानतान शहर का दौरा किया। मैं देखना चाहता था कि गरीबी उन्मूलन में चीन सरकार ने क्या क्या उपलब्धियां प्राप्त की हैं और क्या वे वर्ष 2020 तक पूरी तरह ग़रीबी दूर सकती हैं।

    वर्ष 1978 में सुधार और वैदेशिक खुलेपन के बाद चीन सरकार गरीबी उन्मूलन को प्राथमिकता देती आयी है। बड़ा आर्थिक विकास होने के साथ साथ चीन में 70 करोड़ की आबादी को गरीबी की चपेट से छुटकारा मिला है।

    इस समय चीन विश्व में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन अमीर गरीब के बीच की खाई अब भी मौजूद है। चीन में प्रति व्यक्ति औसत आय की तुलना में विकसित देशों की औसत आय बहुत अधिक है। आंकडों के मुताबिक वर्ष 2015 में चीन में 5 करोड़ 57 लाख 50 हजार लोगों की सालना आमदनी 2800 युआन से कम रही, जो ग़रीबी रेखा के नीचे जीवन बिताते हैं। आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो गरीब लोगों की संख्या काफी ज्यादा है, लेकिन देश की पूरी जनसंख्या में गरीबों का अनुपात सिर्फ 5 प्रतिशत है, जो काफी कम हो गया है।

    इतिहास की दृष्टि से देखा जाए, तो हम आसानी से गरीबी उन्मूलन में चीन की प्रगति देख सकेंगे। वर्ष 1990 में चीन में 60 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करते थे। सिर्फ 10 साल बाद चीन में गरीब लोगों की संख्या आधी तक कम हो गयी।

    उल्लेखनीय बात है कि गरीबी उन्मूलन में चीन सरकार प्रति व्यक्ति औसत आय पर नज़र भी रखी हुई है ताकि समय पर गरीबी रेखा में बदलाव किया जाए। वर्ष 1986 में गरीबी रेखा 206 युआन थी, जबकि अब यह रेखा 2800 युआन है। दूसरी तरफ़ चीन सरकार का ग़रीबी उन्मूलन बजट निरंतर बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2016 में यह बजट 66 अरब युआन तक जा पहुंचा है, जो वर्ष 2015 से 40 प्रतिशत से अधिक था। वर्तमान में चीन गरीबी उन्मूलन में क्षेत्र विशेष नीति लागू कर रहा है। इसका मतलब है कि विभिन्न गरीब क्षेत्रों में विभिन्न कदम उठाये जा रहे हैं। इस तरीके से अधिक बड़ी कार्यकुशलता से ग़रीबी उन्मूलन के संसाधनों का इस्तेमाल किया जा सकेगा और फालतू खर्चे बचाए जा सकते हैं।

    क्षेत्र विशेष नीतियों के कार्यांवयन से गरीब क्षेत्रों को प्रतिस्पर्द्धात्मक व्यवसाय मॉडल का विकास करने की प्रेरणा मिली, खासकर कृषि, पर्यटन और ई-बिजनेस।

    यात्रा के दौरान हम सबसे पहले हानतान शहर के फेइश्यांग जिले के हानपाओ गांव पहुंचे। वहां हमने लीयुआन कृषि डिमॉन्सट्रेशन पार्क देखा। हम इस गांव के एक उद्यमी से मिले। उन्होंने अपने जमा पैसों से एक कृषि उद्यम स्थापित किया है, जिसने गांव वासियों को रोजगार के मौके दिये और उनके जीवन को स्तर उन्नत किया।

    इस कृषि पार्क में उच्च गुणवत्ता वाला ऑर्गेनिक टमाटर और अन्य सब्जी उगाया जाता है, जिन्हें आसपास के शहरों में बेचा जाता हैं। हानतान शहर पेइचिंग ,थ्येनचिन और शी च्याचुआंग जैसे बड़े शहर दूर नहीं है, जो इस कृषि पार्क की उपजों की बिक्री के लिए एक बड़ी सहूलियत है।

    इस कृषि पार्क के संचालन में गरीब किसान अपनी खेती को किराये पर कृषि पार्क को देते हैं और ग़रीबी उन्मूलन की सहायता में मिले कर्ज़ भी शेयरों के रूप में कृषि पार्क देते हैं। इस तरीके से गरीब परिवारों को कृषि पार्क से तीन भागों में आमदनी होती है यानी कृषि पार्क में काम करने से मिला वेतन, खेती का किराया और शेयर डिविडेंट।

    कृषि पार्क में काम करने वाले अधिकांश कर्मचारी स्थानीय महिलाएं हैं, क्योंकि वयस्क पुरुष आम तौर पर शहरों में जाकर मज़दूरी करते हैं। महिलाएं आस-पास काम करने से अपने घर की बेहतर देखभाल कर सकती हैं।

    इधर कुछ सालों में इस कृषि पार्क की सालाना आय 30 लाख युआन है, जिसमें से 10 प्रतिशत मुनाफा डिविडेंट के रूप में बांटा जाता है। तीन भागों में होने वाली आय को मिलाकर कुछ परिवारों की सालाना आय 70 हजार युआन से अधिक है, जिससे उनको गरीबी से मुक्ति मिली।

    इसके अलावा हमने फेइश्यांग जिले के माओ येनफू कस्बे के अस्पताल का दौरा भी किया। हमने इस कस्बे के अधिकारियों के साथ गरीब आबादी के स्वास्थ्य, शिक्षा और चिकित्सा सेवा पर चर्चा की। हमने स्थल पर कस्बे में अस्पताल की विभिन्न सेवाओं का पता लगाया, जिसमें गरीब परिवारों के लिए डोर टू डोर सर्विस शामिल है।

    दूसरे दिन हमने हानतान शहर की तामिंग काउंटी के तीन गांवों का दौरा किया। यहां हमने देखा कि उच्च शिक्षा संस्था के नाते हानतान कॉलेज के अध्यापक गरीब परिवारों को पेशेवर ज्ञान और सुझाव देते हैं। हानतान कॉलेज ने तीन गांवों में नौ अध्यापक भेजे गए। एक ग्रुप में तीन अध्यापक हैं, जो एक गांव के लिये जिम्मेदार हैं। वे सब्जी ग्रीन हाउस की स्थापना में किसानों को मदद देते हैं। ग्रीन हाउस में कुकुरमुत्ते जैसी उपज उगाये जा सकते हैं।

    चाओ चुआंग गांव में हम खरबूजा उगाने वाले किसानों से मिले। हमने स्थानीय बूढ़ी महिलाओं द्वारा बनाये गये प्लास्टिक के फूल भी देखे। ये फूल रूस में निर्यात किये जाते हैं। ता हुओ गांव में हमने ग्रीन हाउस के मालिकों के साथ बात की और एक मुर्गी फार्म भी देखा।

    स्थानीय सरकार विकलांग किसानों पर विशेष ध्यान भी देती है। सरकार ने उनके मकानों की छत पर सौर ऊर्जा संस्थापन लगाए हैं। इससे पैदा बिजली उदार कीमत पर प्रत्यक्ष रूप से सरकार को बेची जाती है और विकलांग परिवार को स्थाई आय मिलती है।

    तामिंग काउंटी की यात्रा के अंत में हमने काउंटी के ग़रीबी उन्मूलन कार्यालय के निदेशक च्यांग पिंग से भेंट की। उन्होंने हमें बताया कि तामिंग काउंटी अब ग़रीबी दूर करने के लक्ष्य के काफी नज़दीक आ गयी है। वर्ष 2020 से पहले वह पूरी तरह ग़रीबी दूर करेगी।

    इस यात्रा के दौरान हमें गहराई से महसूस हुआ है कि चीन में केंद्रीय सरकार, स्थानीय सरकार, उद्यम जगत और समाज मिलकर ग़रीबी दूर करने का प्रयत्न कर रहे हैं। विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के नाते चीन चौतरफा तौर पर गरीबी का अंत करने का सफलता के साथ प्रयास कर रहा है।

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