चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने 8 अप्रैल को अपने एक संपादकीय में कहा कि 6 और 7 अप्रैल को अमेरिका में आयोजित चीनी व अमेरिकी राष्ट्रपतियों की वार्ता इस साल दोनों देशों के सर्वोच्च नेताओं की प्रथम बातचीत है । दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों तथा समान हित वाले मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया और अनेक सवालों पर सहमति संपन्न की । वार्ता से न केवल चीन-अमेरिका संबंधों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि विश्व को चीन और अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से विश्व शांति व विकास की रक्षा करने का सकारात्मक संकेत दिया गया है ।
सिन्हुआ के लेख में इस बात पर बल दिया गया कि चीन और अमेरिका के बीच संबंधों के सामान्यीकरण से इधर 45 सालों के इतिहास से यह साबित है कि चीन और अमेरिका के बीच अच्छे संबंध बने होने से न सिर्फ दोनों देशों को लाभ मिलता है, बल्कि पूरी दुनिया और विश्व की जनता के हित के लिए भी फायदेमंद होता है। राजनयिक संबंधों की स्थापना यानी सन 1979 में दोनों देशों के बीच व्यापार रकम केवल 2.5 अरब अमेरिकी डालर रहा था जबकि वर्ष 2016 में यह रकम 5 खरब 20 अरब अमेरिकी डालर तक जा पहुंचा और द्विपक्षीय पूंजीनिवेश की राशि भी 1 खरब 70 अरब अमेरिकी डालर तक जा पहुंची है, जिससे यह स्पष्ट है कि सहयोग करने से दोनों देशों के बीच एक मात्र ही सही विकल्प होता है । बातचीत में दोनों देशों ने चीन-अमेरिका राजनयिक सुरक्षा बातचीत, संपूर्ण आर्थिक बातचीत, शासन व नेटवर्क सुरक्षा बातचीत तथा समाज व संस्कृति बातचीत समेत चार बातचीत संरचनाओं की स्थापना घोषित की । दोनों पक्षों ने व्यापार व निवेश में व्यवहारिक सहयोग करने, सैन्य विश्वास व सहयोग करने तथा महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय सवालों पर अधिक संपर्क और तालमेल करने पर सहमती हासिल की।
लेख में कहा गया है कि संवेदनशील मुद्दों को सही तौर पर निपटारा करने, मतभेदों का रचनात्मक नियंत्रण करने चीन-अमेरिका संबंधों के स्वस्थ विकास की गारंटी की जाएगी । चीन और अमेरिका के विस्तृत समान हित प्राप्त हैं। उनके बीच सहयोग करने की आवश्यकता उनके मतभेदों से बहुत अधिक है । इसलिए दोनों देश, एक दूसरे का समादर करने के आधार पर पारस्परिक समझ और सहमतियों को बढ़ाने से दोनों देशों की जनता और पूरे विश्व विश्वसनीय रास्ता खोज सकेंगे जिससे विश्व शांति, सुस्थिरता और समृद्धि के लिए बढ़ावा मिल पाएगा ।
( हूमिन )