बोआओ एशिया मंच की वार्षिक सभा ने रविवार को आर्थिक भूमंडलीकरण बढ़ाने पर घोषणा पत्र जारी कर विभिन्न देशों की सरकारों और कारोबार जगतों से खुले बाज़ार, समावेशी विकास और आर्थिक सहयोग बढ़ाने की अपील की ताकि अर्थव्यवस्था की समान समृद्धि और निरंतर विकास को सुनिश्चित किया जाए।
घोषणापत्र में कहा गया है कि आर्थिक भूमंडलीकरण वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति का परिणाम है। आर्थिक भूमंडलीकरण से निकले नये सवाल आर्थिक भूमंडलीकरण से नहीं है, बल्कि वर्तमान विश्व प्रशासन व्यवस्था विश्व आर्थिक परिस्थिति में आये गहरे परिवर्तन के अनुकूल नहीं हैं। भूमंडलीकरण विरोधी कदम उठाने से ढांचागत समस्याओं का समाधान नहीं होगा और आर्थिक विकास के लिए नयी चुनौतियां पैदा होंगी। पूरे विश्व को आर्थिक भूमंडलीकरण से मेल खाकर विश्व प्रशासन व्यवस्था में सुधार करना है।
घोषाण पत्र में ये सुझाव पेश किये गये कि विभिन्न देशों की सरकारों को आर्थिक भूमंडलीकरण में सकारात्मक शक्ति देखनी चाहिए। सीमा पार व्यापार और निवेश की मुक्तिकरण विश्व निरंतर विकास की प्रेरणा है। WTO और एपेक जैसे अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संस्थाओं को मिलकर मुक्त व्यापार व्यवस्था के बिखरने के मुद्दे को हल करना चाहिए। आईबीएम और विश्व बैंक समेत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं को अपना सुधार बढ़ाने के साथ वित्तीय निगरानी को मज़बूत करना चाहिए। तकनीकी सृजन, ज्ञान और सूचनाओं का सीमापार आदान-प्रदान अमीर गरीब के बीच की खाई को कम करने में मददगार है। आर्थिक भूमंडलीकरण के संतुलित विकास के लिए विभिन्न देशों की सरकारों, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं, जी-20 और एपेक समेत बहुपक्षीय व्यवस्थआओं और संबंधित निजी इकाइयों को मिलकर बुनियादी संस्थापनों के पारस्परिक संपर्क, व्यवस्थाओं के संपर्क और सांस्कृतिक संपर्क को बढ़ाना चाहिए।
(वेइतुङ)