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    "एक पट्टी एक मार्ग"में भागीदारी से लाभ मिलेगा : नेपाली विद्वान
    2017-03-15 10:29:32 cri

    इधर के दिनों में पेइचिंग में चल रहे चीनी जन प्रतिनिधि सभा के पूर्णाधिवेशन में प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने अपनी सरकारी कार्य रिपोर्ट में"एक पट्टी एक मार्ग"पर भी चर्चा की है जिस पर चीन के पड़ोसी देशों का ध्यान केंद्रित हुआ ।

    "एक पट्टी एक मार्ग"के निर्माण का उद्देश्य विश्व सम्मिश्रण विकास को बढ़ावा देना है । अभी तक चीन विश्व के 50 देशों के साथ"एक पट्टी एक मार्ग"से संबंधित समझौते संपन्न किये हैं और विश्व में सैकड़ों देशों व संगठनों ने"एक पट्टी एक मार्ग"के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है । चीन और"एक पट्टी एक मार्ग"के तटस्थ देशों के बीच व्यापार का पैमाना भी निरंतर बढ़ता जा रहा है ।

    नेपाली विद्वान कल्याण रोका का मानना है कि चीन और नेपाल के बीच वर्ष 1955 में राजनयिक संबंधों की स्थापना की गयी थी और दोनों देशों के बीच नमक, स्वर्ण और ऊन जैसे मालों का व्यापार चलता रहा है । लेकिन नेपाल का अर्थतंत्र मुख्य तौर पर भारत पर निर्भर करता है ।"एक पट्टी एक मार्ग"के निर्माण से विभिन्न देशों के बुनियादी उपकरणों के निर्माण को बढ़ाया गया है । नेपाल की"एक पट्टी एक मार्ग"में भागीदारी से नेपाल और दूसरे देशों के बीच व्यापार को बहुत बढ़ावा मिलेगा और नेपाल को इसका खूब लाभ मिल सकेगा । नेपाल को जल्द ही"एक पट्टी एक मार्ग"में भाग लेना ही चाहिये ।

     ( हूमिन )

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