हमारी नज़र में चीन
मैं आया हूँ उस धरती पर जहाँ चींजें
बहुत अनजानी है, जो देखा था मैं सपनो में
उससे बरी कहानी है!
जिस देश ने अपनी संस्कृति को माना
हजारो वर्षो से, जहाँ आज भी बच्चे, बूढ़े
सब मिलकर बनी कहानी है!!
वो देश नहीं अनजानी है, वो चीन की एक कहानी है!!
आओ, आओ सब मिलकर देखो वो चीन
की एक कहानी है, अरे सब मिलकर
अब सुनो जरा, वो चीन की एक कहानी है, चीन की एक कहानी है!!
नया जवाना आया है, चीन को नया बनाया है,
आज विश्व का बच्चा, बुढा भी चीन को नए
सिरे से पहचाना है, यह वही
देश है, जहाँ विश्वा की नज़र पहले थी कहा!
अपने आप को नया बनाया है, वही चीन कहलाया है, जी वही चीन कहलाया है!!
आज चीन पुरे विश्व में एक खुद को मिशाल बनाया है,
जहाँ साइंस एवं टेक्नोलॉजी का ही नारा है!
जो देश पुरे विश्व में एक नया रिकॉर्ड बनाया है,
कुछ सालो, कुछ वर्षो में खुद की तक़दीर सजाया है!!
ओलिंपिक से लेकर इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी में
अपना पंचम (झंडा)लहराया है!
आओ मिल कर फिर से देखें, चीन ने क्या विश्वास जमाया है!!
आज विश्व के कई एक जिम्मेदारी, अपने कंधे पे लेकर
सफल बनाया है, स्वच्छता से लेकर पर्यावरण तक
सब पर नियंत्रण पाया है और कर के भी दिखाया है!
महात्मा गाँधी की स्वच्छता से लेकर लार्ड बुद्धा की संस्कृति
बहुत से मिशाल भी पाया है, अरे भाइयों
क्या कहना उस देश का, जिसने अपने पैर पर !
खरे हो कर विश्व को दिखाया है,
अपने आप को नया बनाया है, चीन वही कहलाया है, वही चीन कहलाया है!!
यह वह देश है, जो मेहमानों की आज भी निहाओ(NI Hao)
से नमन व स्वागत करता है, संस्कृति और लोगो में
एकता की भावना रहता है, लोगो में स्वच्छता, दृढ़ता और शालीनता स्पष्ट नज़र आती है !
अरे वाह! सभी का क्या कहना, चीन की प्राचीन
सभ्यता आज भी नज़र आती है !!
हम न भूलेंगे कभी इस यात्रा को, जो
दिल्ली विश्वविध्यालय और चीनी एम्बेसी
ने जो करवाई है, जैसे की भारत और चीन
आज भी किसी माँ के दो भाई –भाई हैं!
फिर यही गुनगुनाऊंगा और विश्व को बताऊंगा की-
जो अपने आप को नया बनाया है, वही चीन कहलाया, वही चीन कहलाया है!!
दीपक कुमार
दिल्ली विश्विद्यालय सामुदायिक रेडिओ
संवादाता