इस बैंक की जनरल मैनेजर और निवेश नीति के एशियाई क्षेत्र की प्रधान फ़ान च्वोयुन ने कहा कि इस वर्ष निवेशकों के सामने दो ढांचागत समस्याएं मौजूद हैं। यानी कि युरोप व ब्रिटेन में राजनीतिक अस्पष्टता और दिन प्रति दिन अस्पष्ट हो रहा भूमंडलीय व्यापारिक वातावरण। जोखिम से पैदा हुए कु-प्रभाव को कम करने के लिए निवेशकों को समझदारी से वैकल्पिक निवेश नीति अपनानी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि एशिया में स्टॉक बाज़ार, चीन, भारत और इंडोनेशिया में घरेलू मांग बढ़ने की वजह से आर्थिक वृद्धि स्थिर होगी, ढांचागत सुधार सुचारु रूप से आगे बढ़ेगा और इनके पास आर्थिक वृद्धि की समर्थन नीति है। इसके अलावा इन तीनों देशों की निर्यात पर निर्भरता एशिया और आर्थिक सहयोग संगठन यानी ओईसीडी के सदस्यों के औसत स्तर से कम है और तीनों देश घरेलू मांग पर महत्व देते हैं। इस तरह दिन प्रति दिन बढ़ रहे व्यापारिक बाधाओं तथा वैश्विक राजनीतिक जोखिम से मुकाबला करने में इन तीनों देशों के पास मजबूत क्षमता है।
(श्याओ थांग)