सम्मेलन में उपस्थित ब्रिक्स देशों के प्रतिनिधियों ने कहा कि सहयोग से संबंधित कानूनी ढांचे को संपूर्ण करते हुए सूचनाओं के आदान-प्रदान मज़बूत करेंगे, विदेशों में भागने वाले अपराधियों का पीछा करने और स्थानांतरण पैसे को वापस लाने जैसे क्षेत्रों में सहयोग को गहराएंगे। समान रूप से सीमा-पार भ्रष्टाचार अपराध की रोकथाम करेंगे और इस पर सज़ा देंगे।
गौरतलब है कि वर्ष 2006 में चीन, ब्राज़िल, रूस, भारत के विदेश मंत्रियों के बीच पहली वार्ता के बाद से लेकर अब तक ब्रिक्स देशों के सहयोग को 10 साल हो चुके हैं और सहयोग लगातार गहराया जा रहा है। चीन और रूस के प्रोक्यूरेटर संस्थाओं ने वर्ष 2015 में समान रूप से ब्रिक्स देशों के प्रोक्यूरेटर सम्मेलन व्यवस्था स्थापित करने का प्रस्ताव पेश किया। उद्देश्य है कि सीमा-पार अपराध से निपटने की क्षमता को उन्नत करना और नवोदित देशों के समुदाय की समान समृद्धि की गारंटी देना है।
विभिन्न पक्षों ने फैसला किया कि अगले वर्ष ब्रिक्स देशों के प्रोक्यूरेटर सम्मेलन ब्राज़िल में आयोजित होगा।
(श्याओ थांग)