श्यू छील्यांग ने कहा कि चीन-भारत मैत्री का इतिहास बहुत पुराना है। चीन द्विपक्षीय संबंध के विकास पर बड़ा महत्व देता है। इधर के सालों में राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच नौ बार वार्ता हुईं। उन्होंने द्विपक्षीय संबंध की उन्नति, विकास और समृद्धि के प्रति दोनों देशों की जनता के सपने की प्राप्ति, व्यापक विकासशील देशों और क्षेत्रीय देशों के समान विकास का नेतृत्व करने पर महत्वपूर्ण आम सहमतियां हासिल कीं। वर्तमान में दोनों देशों की सेना के संबंध का विकसित रूझान बेहतर है। दोनों सेनाओं को दोनों देशों के शीर्ष नेताओं द्वारा संपन्न आम सहमतियों का दृढ़ कार्यान्वयन करते हुए वास्तविक आदान-प्रदान और सहयोग मज़बूत करना चाहिए। रणनीतिक आपसी विश्वास को गहराते हुए द्विपक्षीय संबंध के विकास को धक्का देने और स्थिरता बनाने की मशीन बननी चाहिए। श्यू छील्यांग ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि चीनी और भारतीय थल सेनाएं सीमा क्षेत्र के प्रबंधन, नियंत्रण और सीमा-रक्षा सहयोग को मज़बूत करेंगी, ताकि सीमांत क्षेत्र की शांति और अमन चैन की रक्षा की जा सके।
दलबीर सिंह ने कहा कि इधर के सालों में भारत-चीन संबंध का तेज़ विकास हो रहा है, साथ ही दोनों सेनाओं के बीच सहयोग में भी उल्लेखनीय कामयाबियां भी हासिल हुईं। भारत चीन के साथ मिलकर प्रतिरक्षात्मक क्षेत्र में आदान-प्रदान को आगे बढ़ाने, सीमा-रक्षा आवाजाही की उन्नति जैसे वास्तविक सहयोग के स्तर को उन्नत करने को तैयार है, ताकि दोनों देशों की सेनाओं की बीच, खासकर थल सेनाओं के बीच संबंध के लगातार विकास को आगे बढ़ाया जा सके और सीमांत क्षेत्र की शांति और स्थिरता की समान रूप से रक्षा की जा सके। (श्याओ थांग)