मंत्रालय का औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग की संयुक्त सचिव रवनीत कौर ने कहा कि भारत ने पिछले साल एफडीआई में 50 अरब से ज्यादा निवेश आकर्षित किया, जबकि चीनी निवेश का हिस्सा बहुत छोटा रहा।
रवनीत कौर ने कहा कि मध्य चीन के हेनान प्रांत की राजधानी चंगचो में आयोजित भारत-चीन व्यापार, निवेश व आर्थिक सहयोग पर सेमिनार में रेलवे, दूरसंचार, खुदरा, निर्माण और ऑटोमोबाइल समेत क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा चीनी निवेशकों को बुलाया गया।
उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार ने देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सितंबर 2014 में मेक इन इंडिया प्रोग्राम लॉन्च किया था। साल 2015 में विनिर्माण भारत के सकल घरेलू उत्पाद का 17 प्रतिशत रहा, और सरकार इसे साल 2022 तक 25 प्रतिशत तक बढ़ाना चाहती है।
चीन स्थित भारतीय दूतावास में डिप्टी चीफ़ ऑफ मिशन अमित नारंग ने कहा कि यह दोनों देशों के लिए उभय जीत होगी, जैसा कि भारत और चीन की मांग एकदूसरे के लिए पूरक है।
उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा चीनी उद्यम विदशों में निवेश कर रहे हैं, और भारत ज्यादा विदेशी निवेश की ओर देख रहा है।
(अखिल पाराशर)