भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया कि घनिष्ठ संबंधों में एक और कदम। दोनों पक्षों ने तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किये, जो प्रत्यर्पण, नागरिक और वाणिज्यिक मामलों में सहयोग और बाह्य जगत के शांतिपूर्ण इस्तेमाल से जुड़े हैं।
एक संयुक्त बयान में कहा गया कि मोदी और गनी ने राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए इस क्षेत्र में आतंकवाद और हिंसा के निरंतर उपयोग पर चिंता जताई। प्रधानमंत्री मोदी ने एकीकृत, संप्रभु, लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध अफगानिस्तान के लिए भारत के स्थायी समर्थन को दोहराया।
बयान में यह भी कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने अफ़गानिस्तान के एक करीबी पड़ोसी और वहां के लोगों के एक मित्र के तौर पर यह पेशकश की कि भारत अफ़गानिस्तान को एक अरब डॉलर रकम आवंटित करेगा। मोदी ने भारत से विश्व स्तर और आसानी से मिलने वाली सस्ती दवाओं की आपूर्ति करने और सौर ऊजा में सहयोग का प्रस्ताव भी रखा।
बता दें कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी की यह दूसरी भारत यात्रा है, और भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया।
(अखिल पाराशर)