चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने 3 सितंबर को हांगचो में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा से मुलाकात की। दोनों राजाध्यक्षों ने चीन-अमेरिका संबंध और समान रुचि वाले अहम अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्रीय सवालों पर गहन रूप से रायों का आदान प्रदान किया और सिलसिलेवार सहमतियां प्राप्त कीं।
मुलाकात में शी चिनफिंग ने कहा कि चीन वर्तमान शिखर सम्मेलन में प्रचुर उपलब्धियां पाने के लिए अमेरिका के साथ उभय प्रयास करेगा। शी चिनफिंग ने कहा कि चीन का अर्थतंत्र बेहतरी की तरफ़ विकसित हो रहा है। चीन द्वारा सुधार और खुलेपन पर कायम रखने की दिशा नहीं बदली है। आशा है कि चीन और अमेरिका एक आपसी लाभ, समान उदार द्विपक्षीय पूंजी निवेश समझौते को संपन्न करने के लिए उभय प्रयास करेंगे।
साथ ही शी चिनफिंग ने थाईवान, तिब्बत और मानवाधिकार के सवालों पर चीन के सैद्धांतिक रुख पर प्रकाश डाला। दक्षिणी चीन सागर समस्या पर शी चिनफिंग ने कहा कि चीन दक्षिणी चीन सागर में अपनी प्रभुसत्ता और समुद्री हितों की रक्षा करेगा। उन्होंने आशा जताई कि अमेरिका दक्षिणी चीन सागर क्षेत्र की शांति और स्थिरता की रक्षा के लिए रचनात्मक भूमिका अदा कर सकेगा। दोनों राजाध्यक्षों ने मौजूद कुछ मतभेदों पर रायों का आदान प्रदान भी किया और यह सहमति बनाई की कि दोनों पक्ष रचनात्मक तरीके से मतभेदों का निपटारा करेंगे।
मुलाकात में अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि अमेरिका चीन के साथ ऊर्जा, विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्रों में सहयोग के प्रति संतुष्ट है। अमेरिका चीन के साथ और विस्तृत सहयोग करने को तैयार है और आर्थिक और व्यापारिक क्षेत्रों में चीन के साथ और मज़बूत संबंध की स्थापना करना चाहता है। थाईवान समस्या पर ओबामा ने कहा कि अमेरिका के एक चीन की नीति पर डटा रहता है। अमेरिका तिब्बत को चीन का एक भाग मानता है। अमेरिका और चीन को समान हित होने वाले क्षेत्रों में प्रचुर सहयोग करना चाहिए, साथ ही मतभेद वाले क्षेत्रों में संबंधित समस्याओं का निपटारा करना चाहिए।
मुलाकात में दोनों अन्य महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्रीय सवालों पर गहन रूप से रायों का आदान प्रदान भी किया।
(श्याओयांग)