विशेषज्ञों का मानना है कि जी-20 हांगचो सम्मेलन वैश्विक आर्थिक संकट से निपटने के लिए चीनी प्रस्ताव दे सकता है।
चीनी आधुनिक अंतर्राष्ट्रीय संबंध अनुसंधान संस्थान की शोधकर्ता छन फंगयिन ने कहा कि चीन ने पहली बार आर्थिक विकास के तरीकों के सृजन का प्रस्ताव पेश किया। यानी चीन ने नयी औद्योगिक क्रांति, डिजिटल अर्थव्यवस्था, क्लाउड कम्प्यूटिंग और सीमा-पार ई-इक्नॉमिक आदि विषय पेश किए। ढांचागत सुधार जी-20 सम्मेलन के मुख्य मुद्दों में से एक बनेगा। चीनी जन विश्वविद्यालय के वित्तीय व बैंकिंग अकादमी के उप प्रमुख चाओ शीच्वन की नजर में चीन ने पहली बार ढांचागत सुधार को वित्तीय व बैंकिंग नीति के साथ पेश किया। नये दौर का वैश्विक आर्थिक बंदोबस्त एक सरल नियमित व्यवस्था नहीं है। इसलिए ढांचागत सुधार एक अहम बात होगी।
विकासशील देशों और नवोदित आर्थिक इकाइयों का प्रतिनिधि होने के नाते चीन हमेशा वैश्विक अर्थव्यवस्था और बैंकिंग निपटारे के सुधार की कोशिश करता है। जी-20 हांगचो शिखर सम्मेलन में भी इन मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा। इसलिए चीन ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय ढांचा कार्य दल का काम फिर शुरू किया। चाओ के अनुसार हांगचो सम्मेलन में चीन वैश्विक आर्थिक व बैंकिंग निपटारा के सुधार के लिए चीनी प्रस्ताव भी पेश करेगा।
इस सम्मेलन में करीब 30 उपलब्धियां हासिल होंगी। साथ ही विश्व की नजर चीन पर रहेगी।
(श्याओयांग)
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