पूर्वी चीन के चच्यांग प्रांत की राजधानी हांगचो चीन में सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जो"मानव का स्वर्ग"के नाम से विश्व विख्यात भी है। शहर में शी हू झील चीन की भूमि में दर्शनीय मीठे पानी वाली झीलों में से एक है। "विश्व विरासत की सूचि"में यह चीन का एकमात्र झील वाला विरासत है। शी हू झील की तीनों तरफ़ पर्वत है, जिसका क्षेत्रफल 6.39 वर्ग किलोमीटर है। झील में एक पर्वत खड़ा हुआ है। पाई बाँध, सू बाँध और यांगकोंग बाँध तीन बांधों से झील पाँच जलीय क्षेत्र में बंटा हुआ है, यानी बाहरी शी हू, भीतरी झील, उत्तर भीतरी झील, छोटा दक्षिणी झील और य्वेहू झील। शी हू झील के तट पर लेईफ़ंग पगोडा और पाओच्याओ पगोडा विराजमान हैं। झील में श्याओ यिंगचो, हूशिंगथिंग और रुआनकोंगतुन तीन लघु द्वीप मौजूद हैं। इस तरह शी हू झील का ढांचा"एक पर्वत, दो पगोडा, तीन द्वीप, तीन बाँध और पाँच झील"है।
शी हू झील का प्राकृतिक दृश्य बेहद सुन्दर ही नहीं, सांस्कृतिक प्राचीन अवशेष और कई मनमोहक कथाएं व कहानियां भी मशहूर हैं। ल्यांग शानपो और चू यिंगथाई की प्रेम कहानी, सफेद नाग और मानव श्यू श्यान की कथा इस सुन्दर जगह में और रंग भर देती है।
शी हू का दौरा करने के दौरान पर्यटक नाव से झील के आसपास के दृश्यों का मज़ा ले सकते हैं, इसके साथ ही साइकिल चलाते हुए झील की परिक्रमा कर एक अविस्मरणीय अनुभव भी प्राप्त कर सकते हैं।
(श्याओ थांग)